अंबिकापुर : राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद एवं भारत मुक्ति मोर्चा ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुई 13 आदिवासियों की निर्मम हत्या के विरोध में महारैली निकाली. हत्या के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है.
कार्यकर्ताओं ने मृतकों के परिजनों को नौकरी और एक-एक करोड़ मुआवजा देने सहित 7 मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
आदिवासी एकता परिषद के सदस्यों ने कहा कि 'सोनभद्र के उम्मा गांव में भू-माफियाओं ने आदिवासियों की पैतृक 638 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा लिया था, जिसका विरोध आदिवासी कर रहे थे. 17 जुलाई 2019 को भू-माफियाओं ने आदिवासियों पर हमला कर दिया, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई.
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ये हैं सात मांगें-
- मारे गए 17 आदिवासियों के मुख्य अभियुक्तों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए.
- मारे गए व्यक्तियों के परिवार के प्रत्येक सदस्य को नौकरी दी जाए एवं उनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए.
- घटना में शामिल सभी दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों को तत्काल नौकरी से बर्खास्त करके आजीवन कारावास की कठोर सजा दी जाए.
- आदिवासियों को आत्मरक्षा के लिए उन्हें निशुल्क हथियारों का लाइसेंस दिया जाए.
- सोनभद्र जनपद को आदिवासी क्षेत्र घोषित किया जाए.
- पूरे देश में संविधान की पांचवीं एवं छठवीं अनुसूची को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.
- भू-माफियाओं के फर्जी तरीके से आदिवासियों की जमीन अपने नाम की है, जिसे निरस्त कर आदिवासियों को वापस दिलवाया जाए.