सरगुजा: मैनपाट स्थित बालको कंपनी में 25 वर्ष से कार्यरत 41 श्रमिकों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. श्रमिकों का बालको कंपनी पर आरोप है कि उन्हें बिना किसी सूचना के ही कार्यमुक्त कर दिया गया है, जिससें उन्हें कोरोना जैसे संकटकाल में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वे सबी श्रमिक दानें-दानें के लिए मोहताज हो रहे हैं. श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ के श्रम और सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री शिव कुमार डहरिया को भी ज्ञापन सौंपा. साथ ही बहाली के लिए मंत्री से गुहार लगाए हैं.
श्रमिकों ने बताया कि बालको कंपनी में उनकी उपेक्षा की जा रही है. उन्हें कंपनी किसी भी प्रकार का रिस्पॉन्स नहीं दे रही है. न ही कोई सूचना दी जा रही है. श्रमिकों ने यह भी बताया कि बालको कंपनी मैनपाट में पिछले 25 वर्षों से 50 श्रमिक कार्यरत हैं, जिसमें अब जिनके पास जमीन है, उन 9 लोगों को छोड़कर सभी 41 श्रमिकों को कार्यमुक्त कर दिया गया है, जिससे वे बेहद परेशान हैं.
41 श्रमिकों ने मैनपाट के स्थित खदान में धरना प्रदर्शन किया
वहीं मामलें में 41 श्रमिकों ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनको सूत्रों से जानकारी मिली है कि कंपनी ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है, क्योंकि बालकों कंपनी के द्वारा उपेक्षा की जा रही है. न ही कोई रिस्पॉन्स दिया जा रहा है. वहीं बालकों कंपनी के उपेक्षित रवैया से परेशान होकर 41 श्रमिकों ने मैनपाट के स्थित खदान में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही मामले को लेकर श्रमिकों ने सरगुजा कलेक्टर के नाम मैनपाट के तहसीलदार को उनकी बहाली को लेकर ज्ञापन भी सौंपा है.
मंत्री शिव डहरिया से श्रमिकों ने मदद की लगाई गुहार
इसके अलावा श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ के श्रम और सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री शिव कुमार डहरिया को भी ज्ञापन सौंपा. साथ ही अपनी बहाली को लेकर मंत्री को अपनी परेशानी बताई है. श्रमिकों को मंत्री ने बहाली कराने का आश्वासन दिया है. साथ ही श्रम मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि तत्काल एक्शन लिया गया है. कलेक्टर को आदेशित किया गया है कि बालको कंपनी से बातचीत कर श्रमिकों को बहाल किया जाए.