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EXCLUSIVE: मिलिए इस युवा कलमकार से, लेखनी के बल पर भ्रष्टाचार मिटाने का लक्ष्य

अक्षत ने कम उम्र में ही दो किताबें लिखकर पब्लिश की हैं. इनमें से एक किताब का विमोचन हालही में किया गया है.

अक्षत मिश्रा
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Published : May 14, 2019, 9:12 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: अंबिकापुर की सेंट्रल स्कूल में पढ़ने वाले अक्षत मिश्रा ने 17 साल की उम्र में ही लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम किया है. अक्षत ने इतनी कम उम्र में दो किताबें लिखकर पब्लिश की हैं. इनमें से एक किताब का विमोचन हाल ही में किया गया है. इस किताब का नाम है 'विद्रोह-सच्चाई की पहल' है. किताब में अक्षत ने भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए प्रयास किए हैं. साथ ही मुख्य रूप से युवाओं को लक्ष्य पर कायम रहने की प्रेरणा दी है.

अक्षत ने कम उम्र में दो किताबें लिखकर पब्लिश की

बचपन से ही था लिखने का शौक
अक्षत ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बहुत छोटी उम्र से ही उन्हें लिखने का शौक रहा है. पहले वो छोटे-छोटे विचार लिखा करते थे फिर उन्होंने किताब लिख डाली. अक्षत ने ये किताब हिंदी में लिखी है और उनका मानना है की इंग्लिश की तुलना में हिंदी ज्यादा सरल भाषा है. इससे लोगों को भावनात्मक तरीके से बातें आसानी से समझाई जा सकती हैं.

समाज सुधार के लिए अहम पहल
बहरहाल आज के दौर में जब युवा पीढ़ी सोशल साइट्स की अफवाहों के बाजार में गुम हो रही हैं, अक्षत ने इतनी कम उम्र में सामाजिक चिंतन का जो उदाहरण पेश किया है वो काबिले तारीफ है. भले ही ये उनका पहला प्रयास है. लेकिन समाज सुधार के लिए प्रयास करना भी बड़ी बात है.

सरगुजा: अंबिकापुर की सेंट्रल स्कूल में पढ़ने वाले अक्षत मिश्रा ने 17 साल की उम्र में ही लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम किया है. अक्षत ने इतनी कम उम्र में दो किताबें लिखकर पब्लिश की हैं. इनमें से एक किताब का विमोचन हाल ही में किया गया है. इस किताब का नाम है 'विद्रोह-सच्चाई की पहल' है. किताब में अक्षत ने भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए प्रयास किए हैं. साथ ही मुख्य रूप से युवाओं को लक्ष्य पर कायम रहने की प्रेरणा दी है.

अक्षत ने कम उम्र में दो किताबें लिखकर पब्लिश की

बचपन से ही था लिखने का शौक
अक्षत ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बहुत छोटी उम्र से ही उन्हें लिखने का शौक रहा है. पहले वो छोटे-छोटे विचार लिखा करते थे फिर उन्होंने किताब लिख डाली. अक्षत ने ये किताब हिंदी में लिखी है और उनका मानना है की इंग्लिश की तुलना में हिंदी ज्यादा सरल भाषा है. इससे लोगों को भावनात्मक तरीके से बातें आसानी से समझाई जा सकती हैं.

समाज सुधार के लिए अहम पहल
बहरहाल आज के दौर में जब युवा पीढ़ी सोशल साइट्स की अफवाहों के बाजार में गुम हो रही हैं, अक्षत ने इतनी कम उम्र में सामाजिक चिंतन का जो उदाहरण पेश किया है वो काबिले तारीफ है. भले ही ये उनका पहला प्रयास है. लेकिन समाज सुधार के लिए प्रयास करना भी बड़ी बात है.

Intro:सरगुजा : अम्बिकापुर की सेंट्रल स्कूल में पढ़ने वाले अक्षत मिश्रा ने 17 वर्ष की उम्र में ही लेखन कार्य मे उत्कृष्ट कार्य किया है। अक्षत ने इतनी सी उम्र में दो किताबें लिखकर पब्लिश की हैं, जिसमे से एक किताब का विमोचन हालही में किया, इस किताब का नाम है विद्रोह-सच्चाई की पहल है, किताब में अक्षत ने भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए प्रयास किये हैं साथ ही मुख्य रूप से युवाओ को लक्ष्य पर कायम रहने की प्रेरणा दी है।

अक्षत ने ईटीव्ही भारत से बातचीत में बताया की बहोत छोटी उम्र से ही उन्हें लिखने का शौक था और पहले छोटे छोटे विचार और फिर उन्होंने किताब लिख दी, अक्षत में यह किताब हिंदी में लिखी है और उनका मानना है की इंग्लिश की तुलना में हिंदी ज्यादा सरल भाषा है, इससे लोगो को भावनात्मक तरीके से बातें आसानी से समझाई जा सकती हैं।


Body:बहरहाल आज के दौर में जब युवा पीढी सोशल साइट्स की अफवाहों के बाजार में गुम हो चुकी हैं लेकिन अक्षत ने इस अदनी सी उम्र में सामाजिक चिंतन का जो उदाहरण पेश किया है वो काबिले तारीफ है, भले ही यह उनका पहला प्रयास है, लेकिन समाज सुधार के लिए प्रयास करना भी बड़ी बात है।

121_अक्षत मिश्रा (लेखक)

देश दीपक सरगुजा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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