सरगुजा: अंबिकापुर की सेंट्रल स्कूल में पढ़ने वाले अक्षत मिश्रा ने 17 साल की उम्र में ही लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम किया है. अक्षत ने इतनी कम उम्र में दो किताबें लिखकर पब्लिश की हैं. इनमें से एक किताब का विमोचन हाल ही में किया गया है. इस किताब का नाम है 'विद्रोह-सच्चाई की पहल' है. किताब में अक्षत ने भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए प्रयास किए हैं. साथ ही मुख्य रूप से युवाओं को लक्ष्य पर कायम रहने की प्रेरणा दी है.
बचपन से ही था लिखने का शौक
अक्षत ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बहुत छोटी उम्र से ही उन्हें लिखने का शौक रहा है. पहले वो छोटे-छोटे विचार लिखा करते थे फिर उन्होंने किताब लिख डाली. अक्षत ने ये किताब हिंदी में लिखी है और उनका मानना है की इंग्लिश की तुलना में हिंदी ज्यादा सरल भाषा है. इससे लोगों को भावनात्मक तरीके से बातें आसानी से समझाई जा सकती हैं.
समाज सुधार के लिए अहम पहल
बहरहाल आज के दौर में जब युवा पीढ़ी सोशल साइट्स की अफवाहों के बाजार में गुम हो रही हैं, अक्षत ने इतनी कम उम्र में सामाजिक चिंतन का जो उदाहरण पेश किया है वो काबिले तारीफ है. भले ही ये उनका पहला प्रयास है. लेकिन समाज सुधार के लिए प्रयास करना भी बड़ी बात है.