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पाकिस्तान के खिलाफ FATF की कार्रवाई : 18 अक्टूबर को होगा अंतिम फैसला - पाकिस्तान

पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगता रहा है. इसी कारण उसके खिलाफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स कार्रवाई भी कर रही है. पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाले जाने का खतरा मंडरा रहा है. FATF 18 अक्टूबर को इस मामले में अंतिम फैसला लेगी. जानें क्या है पूरा मामला

इमरान खान
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Published : Oct 14, 2019, 11:40 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 12:07 AM IST

पेरिस : पाकिस्तान पर टेरर फंडिंग और मनी लॉन्डरिंग मामले में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इस दिशा में पाक को 'डार्क ग्रे' सूची में रखा जा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि एफएटीएफ 18 अक्टूबर को इस मामले में अंतिम फैसला लेगी.

बता दें, पेरिस में एफएटीएफ की बैठक चल रही है. बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने बताया कि अगर पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कार्रवाई के पर्याप्त सबूत नहीं दे पाता है तो पाक को सभी सदस्यों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा.

एफएटीएफ के मुताबिक अगर पाकिस्तान 27 प्वॉइंट के प्लान को लागू करने में फेल होता है तो देश को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.

एफएटीएफ के नियमों के अनुसार 'ग्रे' और 'ब्लैक' सूचियों के बीच एक आवश्यक चरण है, जिसे 'डार्क ग्रे' सूची कहा जाता है.

'डार्क ग्रे' सूची में संबंधित देश को सुधार करने का आखिरी मौका दिया जा सकता है, जिसमें उस देश को मजबूत चेतावनी जारी की जाती है. 'डार्क ग्रे' को तीसरे चरण तक की चेतावनी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह चौथी चेतावनी है.

पढ़ें-FATF की बैठक : बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है ब्लैक लिस्ट

पाकिस्तान को पिछले साल जून में 'ग्रे' सूची में रखा गया था और उसे अक्टूबर 2019 तक टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया था. अगर पाक पर्याप्त सबूत नहीं दे पाता है तो उसे ईरान और उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाला जा सकता है.

अगर पाक को ब्लैक लिस्ट किया जाता है तो इसका मतलब होगा कि उसे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.

पेरिस : पाकिस्तान पर टेरर फंडिंग और मनी लॉन्डरिंग मामले में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इस दिशा में पाक को 'डार्क ग्रे' सूची में रखा जा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि एफएटीएफ 18 अक्टूबर को इस मामले में अंतिम फैसला लेगी.

बता दें, पेरिस में एफएटीएफ की बैठक चल रही है. बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने बताया कि अगर पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कार्रवाई के पर्याप्त सबूत नहीं दे पाता है तो पाक को सभी सदस्यों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा.

एफएटीएफ के मुताबिक अगर पाकिस्तान 27 प्वॉइंट के प्लान को लागू करने में फेल होता है तो देश को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.

एफएटीएफ के नियमों के अनुसार 'ग्रे' और 'ब्लैक' सूचियों के बीच एक आवश्यक चरण है, जिसे 'डार्क ग्रे' सूची कहा जाता है.

'डार्क ग्रे' सूची में संबंधित देश को सुधार करने का आखिरी मौका दिया जा सकता है, जिसमें उस देश को मजबूत चेतावनी जारी की जाती है. 'डार्क ग्रे' को तीसरे चरण तक की चेतावनी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह चौथी चेतावनी है.

पढ़ें-FATF की बैठक : बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है ब्लैक लिस्ट

पाकिस्तान को पिछले साल जून में 'ग्रे' सूची में रखा गया था और उसे अक्टूबर 2019 तक टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया था. अगर पाक पर्याप्त सबूत नहीं दे पाता है तो उसे ईरान और उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाला जा सकता है.

अगर पाक को ब्लैक लिस्ट किया जाता है तो इसका मतलब होगा कि उसे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.

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.PARIS FGN51
PARIS-PAK-FATF
Pak isolated by all countries in FATF; on verge of being in 'Dark Grey' list
         Paris, Oct 14 (PTI) Pakistan is on the verge of strong action by the international terror financing watchdog FATF and the country may be put in the 'Dark Grey' list, the last warning to improve.
          Officials attending the ongoing plenary of the Financial Action Task Force (FATF) here said as per indications, Pakistan will be isolated by all members for not doing enough.
         Pakistan is on the verge of strong action by FATF, given its inadequate performance, whereby it managed to pass in only six of 27 items, an official privy to the development said.
         The FATF will finalise its decision on Pakistan on October 18.
         According to FATF rules there is one essential stage between 'Grey' and 'Black' lists, referred to as 'Dark Grey'.
         'Dark Grey' means issuance of a strong warning, so that the country concerned gets one last chance to improve, another official said.
         'Dark Grey' was the term used for warning upto 3rd Phase. Now it's just called warning -- that isthe 4th phase.
         The FATF is an inter-governmental body established in 1989 to combat money laundering, terrorist financing and other related threats to the integrity of the international financial system.
          Pakistan was placed on the Grey List by the Paris-based watchdog in June last year and was given a plan of action to complete it by October 2019, or face the risk of being placed on the black list with Iran and North Korea.
          If Pakistan continues with the 'grey list' or put in 'Dark Grey' list, it would be very difficult for the country to get financial aid from the IMF, the World Bank and the European Union, making its financial condition more precarious. PTI ACB



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Last Updated : Oct 15, 2019, 12:07 AM IST
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