पेरिस : पाकिस्तान पर टेरर फंडिंग और मनी लॉन्डरिंग मामले में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इस दिशा में पाक को 'डार्क ग्रे' सूची में रखा जा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि एफएटीएफ 18 अक्टूबर को इस मामले में अंतिम फैसला लेगी.
बता दें, पेरिस में एफएटीएफ की बैठक चल रही है. बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने बताया कि अगर पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कार्रवाई के पर्याप्त सबूत नहीं दे पाता है तो पाक को सभी सदस्यों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा.
एफएटीएफ के मुताबिक अगर पाकिस्तान 27 प्वॉइंट के प्लान को लागू करने में फेल होता है तो देश को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.
एफएटीएफ के नियमों के अनुसार 'ग्रे' और 'ब्लैक' सूचियों के बीच एक आवश्यक चरण है, जिसे 'डार्क ग्रे' सूची कहा जाता है.
'डार्क ग्रे' सूची में संबंधित देश को सुधार करने का आखिरी मौका दिया जा सकता है, जिसमें उस देश को मजबूत चेतावनी जारी की जाती है. 'डार्क ग्रे' को तीसरे चरण तक की चेतावनी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह चौथी चेतावनी है.
पढ़ें-FATF की बैठक : बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है ब्लैक लिस्ट
पाकिस्तान को पिछले साल जून में 'ग्रे' सूची में रखा गया था और उसे अक्टूबर 2019 तक टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया था. अगर पाक पर्याप्त सबूत नहीं दे पाता है तो उसे ईरान और उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाला जा सकता है.
अगर पाक को ब्लैक लिस्ट किया जाता है तो इसका मतलब होगा कि उसे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.