रायपुरः छत्तीसगढ़ में अब मेट्रो ट्रेन के संचालन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. नवा रायपुर से राजधानी होते हुए दुर्ग तक लगभग 70 किलोमीटर (kilometer) की मेट्रो ट्रेन का प्रोजेक्ट (metro train project) तैयार है. इसे लेकर लगातार सर्वे (Survey) किया जा रहा है. कई विदेशी विशेषज्ञ (foreign expert) मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट (metro train project) को लेकर राजधानी रायपुर का दौरा कर चुके हैं. जिसमें चीन, जापान और रूस के विशेषज्ञ शामिल हैं.
मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट का सर्वे अंतिम दौर तक पहुंच गया है. इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी (company) के सर्वे टीम (survey team) के साथ ही विदेशी एक्सपर्ट (foreign expert) का अहम दौरा इस सप्ताह होने वाला है. इस दौरे में ही पूरे प्रोजेक्ट (project) की सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत होगी. इसमें ड्राइंग डिजाइन (drawing design) से लेकर मेट्रो टर्मिनल (metro terminal) और रूट स्टॉपेज (route stoppage) का भी उल्लेख रहेगा.
नवा रायपुर से दुर्ग तक दौड़ेगी मेट्रो
जानकारी के मुताबिक मेट्रो ट्रेन नवा रायपुर से दुर्ग तक दौड़ेगी. इस प्रोजेक्ट के तहत वीआईपी रोड (VIP Road) से एयरपोर्ट (Airport) होते हुए यहां मेट्रो सीधे नवा रायपुर पहुंचेगी. इसमें राजधानी का हिस्सा वीआईपी (VIP) तिराहे से तेलीबांधा रिंग रोड होते हुए सीधे टाटीबंध और यहां से दुर्ग तक की लाइन खींची जाएगी. इस प्रोजेक्ट को लेकर अब तक तीन चरणों का सर्वे हो चुका है. इसी सर्वे रिपोर्ट को प्रस्तुत करने दिल्ली के अधिकारियों के साथ कुछ विदेशी एक्सपर्ट (foreign expert) भी आएंगे. इस दौरे के बाद देश के मेट्रो मैन ई श्रीधरन को भी इस दिशा में अभिमत के लिए राजधानी बुलाया जाएगा.
20 किलोमीटर तक मेट्रो अंडरग्राउंड
मेट्रो लाइन के लिए नवा रायपुर से दुर्ग के बीच लगभग 20 किलोमीटर हिस्से में अंडरग्राउंड ट्रैक पर भी काम होगा. इसका खुलासा प्रेजेंटेशन (presentation) के दौरान किया जाएगा. यह बताया जाएगा कि कौन से हिस्से में ट्रैक (track) जमीन के भीतर से जाएगा, ताकि शहरवासियों को भी किसी तरह की यातायात (transportation) समेत अन्य समस्याओं का सामना ना करना पड़े.
40 फीसदी केंद्र से अनुदान
जानकारी के मुताबिक मेट्रो प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए केंद्र शासन से अनुदान मिलता है. 40 फीसदी अनुदान के साथ ही तकनीकी सहयोग केंद्र शासन का रहता है. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया अंतिम रिपोर्ट के साथ केंद्र को भेजने की तैयारी की जाएगी.
मेट्रो ट्रेन को लेकर 2-3 स्तरों पर हो चुकी है बातचीत
रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि रायपुर में मेट्रो ट्रेन को लेकर अभी विचार-विमर्श चल रहा है. दो-तीन स्तरों पर बातचीत हो चुकी है. यह जरूरी नहीं कि मेट्रो ट्रेन हो, लाइट ट्रेन भी होता है, बुलेट ट्रेन के साथ ही बहुत तरह के ट्रेन होते हैं. उसको लेकर चर्चा जारी है. तीन-चार प्रोजेक्ट मंगाया गया है. मेट्रो को लेकर दो-तीन मेट्रो मैन है जिनको उपाधि मिली है. इसमें केरल के ई श्रीधरन और अन्य लोगों से हम लोगों की चर्चा चल रही है. जो भी हम लोगों को सही लगेगा, उस काम को हम लोग करेंगे.
मेट्रो मैन का बहुत जल्द रायपुर दौरा
महापौर ने बताया कि अभी तीन चार जगह से बैठकों का दौर जारी है. बाहर के भी लोगों से बातचीत चल रही है. जिसमें चाइना, जापान और रूस से भी विशेषज्ञ आ रहे हैं. इसके साथ ही हमारे देश के लोकल मुंबई और हैदराबाद से भी लोग हमारे संपर्क में हैं. यह बेस्ट अपॉर्चुनिटी हो सकती है. मुझे लगता है कि आने वाले समय में मेट्रो मैन जिनको यह खिताब मिला है, वह बहुत जल्द रायपुर का दौरा करने वाले हैं. जब यह पूरी चीज कंप्लीट हो जाएंगी, उसके बाद बहुत जल्द काम चालू हो जाएगा.
केंद्र की प्रस्तावित सूची में है रायपुर मेट्रो
केंद्र की प्रस्तावित 15 मेट्रो का मेट्रो लाइट रेल प्रोजेक्ट में रायपुर मेट्रो का नाम शामिल है. इसमें दिल्ली मेट्रो लाइट, प्रयागराज मेट्रो, श्रीनगर मेट्रो, उत्तराखंड, वाराणसी, विजयवाड़ा मेट्रो, बेंगलुरु मेट्रो लाइट, चेन्नई मेट्रो लाइट, कोयंबटूर मेट्रो, गुवाहाटी मेट्रो, जम्मू मेट्रो, विशाखापट्टनम और वारंगल मेट्रो नियो शामिल है.
केंद्रीय मंत्री पुरी ने दी थी हरी झंडी
फरवरी 2021 में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉक्टर शिव डहरिया ने नई दिल्ली में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की थी. इस दौरान मंत्री डहरिया ने प्रदूषण के खतरे और यातायात के दबाव को कम करने लाइट मेट्रो रेल परियोजना के संबंध में चर्चा की. जिस पर केंद्रीय मंत्री पूरी ने लाइट मेट्रो रेल परियोजना में सहमति जताते हुए प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए हरी झंडी दी थी.
11 साल पहले भी बना था डीपीआर
भाजपा शासनकाल में करीब 11 साल पहले भी मेट्रो चलाने के लिए सर्वे कराया गया था. दिल्ली की कंपनी ने इसका सर्वे किया था. इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने डीपीआर बना कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था. इस प्रस्ताव के तहत रायपुर से राजनांदगांव तक मेट्रो रेल चलाने का प्रस्ताव था, लेकिन मेट्रो रेल के हिसाब से आबादी नहीं होने की बात कह कर मेट्रो चलाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.