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फटी जींस से भी कम दिन चले तीरथ सिंह रावत, रमन सिंह ने उत्तराखंड में भी नैया डुबोई: शैलेष नितिन त्रिवेदी

छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) ने पूर्व सीएम और उत्तराखंड के प्रभारी (In charge of Uttarakhand) रहे रमन सिंह पर निशाना साधा.उन्होंने कहा कि रमन सिंह (Raman Singh) छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की नैया डुबोई ही, उत्तराखंड के प्रभारी के रूप में भी भाजपा का बंटाधार कर दिया.

Tirath Singh Rawat lasted less days than torn jeans raman singh failed in uttarakhand says chhattisgarth congress
तीरथ सिंह रावत और रमन सिंह
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Published : Jul 3, 2021, 2:16 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 5:20 PM IST

रायपुर: उत्तराखंड (Uttarakhand) में मचे सियासी घमासान को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस(Chhattisgarh Congress) ने जोरदार हमला किया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया विभाग (Congress Media Department) के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) फटी जींस से भी कम दिन चल पाए. फटी जींस ज्यादा चलती है. सीएम बनने के बाद तीरथ सिंह रावत का लड़कियों की फटी जींस को लेकर दिया बयान सुर्खियां बन गया था. उन्होंने कहा था कि आज के युवा फटी जींस पहनकर सरेआम अपने घुटने दिखाते नजर आते हैं.

शैलेष नितिन त्रिवेदी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूर्व सीएम और उत्तराखंड के प्रभारी (In charge of Uttarakhand) रहे रमन सिंह पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि रमन सिंह छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की नैया डुबोई ही, उत्तराखंड के प्रभारी के रूप में भी भाजपा का बंटाधार कर दिया. रमन सिंह वहां भी असफल साबित हुए. वहां का मामला संवैधानिक नहीं बल्कि बीजेपी का आंतरिक राजनीतिक संकट है. बीजेपी के भीतर का परस्पर अविश्वास है.

सीएम बनने के बाद इन विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे तीरथ, खूब हुई थी फजीहत

'मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में असंतोष'

शैलेश ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता में महंगाई, किसान विरोधी नीतियों और बेरोजगारी के कारण भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है. सत्ता की चाशनी से भाजपा आपस में बंध कर रहती है. लेकिन उत्तराखंड में भी वो चाशनी समाप्त होने जा रही है. देश में भी मोदी सरकार के गिने-चुने दिन रह गए हैं. मोदी सरकार खिलाफ असंतोष का ज्वालामुखी पूरे देश में धधक रहा है. उत्तराखंड का घटनाक्रम भी इसी का परिणाम है.

तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर आई Memes की बाढ़

पुष्कर सिंह धामी (PUSHKAR SINGH DHAMI) उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. बीजेपी की विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री के रेस में प्रदेश के बड़े- बड़े सियासी सुरमाओं का नाम था. धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, रमेश पोखरियाल निशंक, बिशुन सिंह चुफाल जैसे दिग्गज सीएम की रेस में आगे चल रहे थे. ऐसे में इन सबको दरकिनार करते हुए बीजेपी ने विधान मंडल की बैठक में खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगा दी है. भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है. जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे.

पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक सफर

पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ. इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा हासिल की. धामी पोस्ट ग्रेजुएट हैं. व्यावसायिक शिक्षा में उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध के मास्टर डिग्री ली है. वे लखनऊ विश्वविद्यालय में धामी छात्र समस्याओं को उठाने के लिए जाने जाते थे. 1990 से 1999 तक वो ABVP के विभिन्न पदों पर रहे. उनके खाते में लखनऊ में ABVP के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक और संचालक होने की उपलब्धि दर्ज है. पुष्कर सिंह धामी यूपी के जमाने में ABVP के प्रदेश महामंत्री भी रहे.

सैनिक पुत्र होने के नाते राष्ट्रीयता, सेवा भाव एवं देशभक्ति को ही उन्होंने धर्म के रूप में अपनाया. आर्थिक अभाव में जीवन यापन कर सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की. तीन बहनों के पश्चात अकेला पुत्र होने के नाते परिवार के प्रति जिम्मेदारियां हमेशा बनी रहीं. कुशल नेतृत्व क्षमता, संघर्षशीलता एवं अदम्य साहस के कारण दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सन 2002 से 2008 तक छह वर्षों तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगारों को संगठित करके अनेकों विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किए. संघर्षों के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण राज्य के उद्योगों में दिलाने में सफलता प्राप्त की. इसी क्रम में 2005 में प्रदेश के युवाओं को जोड़कर विधान सभा का घेराव हेतु एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की गयी. जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है.

रायपुर: उत्तराखंड (Uttarakhand) में मचे सियासी घमासान को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस(Chhattisgarh Congress) ने जोरदार हमला किया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया विभाग (Congress Media Department) के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) फटी जींस से भी कम दिन चल पाए. फटी जींस ज्यादा चलती है. सीएम बनने के बाद तीरथ सिंह रावत का लड़कियों की फटी जींस को लेकर दिया बयान सुर्खियां बन गया था. उन्होंने कहा था कि आज के युवा फटी जींस पहनकर सरेआम अपने घुटने दिखाते नजर आते हैं.

शैलेष नितिन त्रिवेदी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूर्व सीएम और उत्तराखंड के प्रभारी (In charge of Uttarakhand) रहे रमन सिंह पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि रमन सिंह छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की नैया डुबोई ही, उत्तराखंड के प्रभारी के रूप में भी भाजपा का बंटाधार कर दिया. रमन सिंह वहां भी असफल साबित हुए. वहां का मामला संवैधानिक नहीं बल्कि बीजेपी का आंतरिक राजनीतिक संकट है. बीजेपी के भीतर का परस्पर अविश्वास है.

सीएम बनने के बाद इन विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे तीरथ, खूब हुई थी फजीहत

'मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में असंतोष'

शैलेश ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता में महंगाई, किसान विरोधी नीतियों और बेरोजगारी के कारण भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है. सत्ता की चाशनी से भाजपा आपस में बंध कर रहती है. लेकिन उत्तराखंड में भी वो चाशनी समाप्त होने जा रही है. देश में भी मोदी सरकार के गिने-चुने दिन रह गए हैं. मोदी सरकार खिलाफ असंतोष का ज्वालामुखी पूरे देश में धधक रहा है. उत्तराखंड का घटनाक्रम भी इसी का परिणाम है.

तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर आई Memes की बाढ़

पुष्कर सिंह धामी (PUSHKAR SINGH DHAMI) उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. बीजेपी की विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री के रेस में प्रदेश के बड़े- बड़े सियासी सुरमाओं का नाम था. धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, रमेश पोखरियाल निशंक, बिशुन सिंह चुफाल जैसे दिग्गज सीएम की रेस में आगे चल रहे थे. ऐसे में इन सबको दरकिनार करते हुए बीजेपी ने विधान मंडल की बैठक में खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगा दी है. भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है. जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे.

पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक सफर

पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ. इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा हासिल की. धामी पोस्ट ग्रेजुएट हैं. व्यावसायिक शिक्षा में उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध के मास्टर डिग्री ली है. वे लखनऊ विश्वविद्यालय में धामी छात्र समस्याओं को उठाने के लिए जाने जाते थे. 1990 से 1999 तक वो ABVP के विभिन्न पदों पर रहे. उनके खाते में लखनऊ में ABVP के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक और संचालक होने की उपलब्धि दर्ज है. पुष्कर सिंह धामी यूपी के जमाने में ABVP के प्रदेश महामंत्री भी रहे.

सैनिक पुत्र होने के नाते राष्ट्रीयता, सेवा भाव एवं देशभक्ति को ही उन्होंने धर्म के रूप में अपनाया. आर्थिक अभाव में जीवन यापन कर सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की. तीन बहनों के पश्चात अकेला पुत्र होने के नाते परिवार के प्रति जिम्मेदारियां हमेशा बनी रहीं. कुशल नेतृत्व क्षमता, संघर्षशीलता एवं अदम्य साहस के कारण दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सन 2002 से 2008 तक छह वर्षों तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगारों को संगठित करके अनेकों विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किए. संघर्षों के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण राज्य के उद्योगों में दिलाने में सफलता प्राप्त की. इसी क्रम में 2005 में प्रदेश के युवाओं को जोड़कर विधान सभा का घेराव हेतु एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की गयी. जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है.

Last Updated : Jul 3, 2021, 5:20 PM IST
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