रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि दो दिनों के अंतराल में तीन नये जिलों की सौगात जनता को मिली है. नवगठित जिलों के शुभारंभ अवसर पर वहां के क्षेत्रवासियों के चेहरे पर अपनी बरसों पुरानी मांग के पूरा होने का उत्साह और हर्ष स्वाभाविक रूप से दिखाई दिया. इन नये जिलों के बन जाने से शासन-प्रशासन की लोगों तक पहुंच और मजबूत होगी, जिससे इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को तीव्र गति मिलेगी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रशासनिक कार्यों में कसावट लाने एवं आम जनता को सहूलियत पहुंचाने के उद्देश्य से नए जिलों के गठन की घोषणा की थी. अब जिलों के शुभारंभ के साथ ही मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ बनने के बाद से इन क्षेत्रों के निवासियों की बरसों पुरानी मांग और सपने को साकार कर दिया है.
तीनों नवीन जिलों को सीएम ने दी सौगात : भूपेश बघेल ने मोहला, सारंगढ़ और खैरागढ़ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नवगठित जिलों के शुभारंभ के साथ क्षेत्रवासियों को 1037.37 करोड़ रूपए के कई विकास कार्यों की सौगात दी. मुख्यमंत्री बघेल ने मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी में 106 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया. वहीं सारंगढ़ और खैरागढ़ में विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए 931 करोड़ 37 लाख रूपए की सौगात दी. उन्होंने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के शुभारंभ अवसर पर 512.29 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 54.52 करोड़ के विकास कार्यां का लोकार्पण किया, जबकि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के शुभारंभ कार्यक्रम में 364 करोड़ 56 लाख रूपए के विकास कार्यां की सौगात के साथ ही 213 हितग्राहियों को शासन की योजनाओं के अंतर्गत 37 लाख 48 हजार रूपए की सामग्री एवं अनुदान सहायता राशि प्रदान की.
छत्तीसगढ़ के तीन नवगठित जिले
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी : जिला राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नये प्रशासनिक इकाई के रूप में पहचान बनाने जा रहा है. इस जिले की भौगोलिक सीमाएं उत्तर में जिला राजनांदगांव के तहसील छुरिया, दक्षिण में तहसील दुर्गकोंदल, पखांजूर जिला कांकेर, पूर्व में तहसील डौंडी, डौंडी लोहारा जिला बालोद एवं पश्चित में महाराष्ट्र की सीमा से लगी हुई है. नवीन जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी दुर्ग संभाग के अंतर्गत है. नवीन गठित इस जिले में तहसीलों की संख्या 3 है. जिसमें अम्बागढ़ चौकी, मोहला एवं मानपुर है. विकासखण्ड एवं जनपद पंचायत अम्बागढ़ चौकी, मोहला एवं मानपुर है. जिले में कुल ग्रामों की संख्या 499 है. भौगोलिक क्षेत्रफल 2 लाख 14 हजार 667 हेक्टयर है. यहां की कुल जनसंख्या 2 लाख 83 हजार 947 है. जिसमें अनुसुचित जनजाति की कुल जनसंख्या 1 लाख 79 हजार 662 जो जिले कि कुल जनसंख्या का 63.27 प्रतिशत है. जिले में राजस्व निरीक्षक मंडल की संख्या 13 है, कुल पटवारी हल्का नम्बर 89 है, ग्राम पंचायत की संख्या 185 है.
क्या है नवीन जिले की खासियत : जिला मोहला-मानुपर-चौकी में थानों की कुल संख्या 9 है. विधानसभा क्षेत्र 2 तथा कुल मतदान केन्द्र संख्या 497 है. राजनांदगांव जिले से अम्बागढ़ चौकी की दूरी 50 किलो मीटर, मोहला की दूरी 75 किलो मीटर, मानपुर की दूरी 100 किलो मीटर है. यह क्षेत्र लंबे समय तक नक्सल गतिविधियों से प्रभावित रहा है. नया जिला बन जाने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रों में और निकट तक पहुंचेगा और विकास कार्यों की गति बढ़ेगी. यह क्षेत्र प्राकृतिक वन संपदा से परिपूर्ण है. यहां के सघन वनों में लघुवनोपज प्रचुर मात्रा में है. मोहला-मानपुर क्षेत्र जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है.
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला : जिला मुख्यालय सारंगढ़, रायगढ़ से रायपुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमांक 200 पर स्थित है. यहां रियासत कालीन समय से हवाई पट्टी है. जिला मुख्यालय सारंगढ़ छत्तीसगढ़ गठन के पूर्व से तहसील मुख्यालय एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुख्यालय है. बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिला रायगढ़ के उप खण्ड सारंगढ़, तहसील सारंगढ़ एवं बरमकेला तथा रायपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के उप खण्ड-बिलाईगढ़ और तहसील बिलाईगढ़ को शामिल करते हुए नये जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ का गठन किया गया है. जिसमें तीन तहसील सारंगढ़, बरमकेला एवं बिलाईगढ़ एवं उप तहसील कोसीर तथा भटगांव शामिल होंगे. नवगठित जिले में तीन जनपद पंचायत सारंगढ़, बरमकेला और बिलाईगढ़ शामिल हैं. इस नवगठित जिले की सीमाएं उत्तर में रायगढ़, दक्षिण में महासमुंद जिले तथा पूर्व में ओडिशा के बरगढ़ और पश्चिम में बलौदा बाजार, उत्तर-पश्चिम में जांजगीर-चाम्पा जिले से लगी हुई है.
क्या है जिले की खासियत : नवगठित जिले में रामनामी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं. महानदी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की मुख्य नदी है.वहीं जिले के सारंगढ़- तहसील में स्थित गोमर्डा अभ्यारण्य सैलानियों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. सारंगढ़ का दशहरा-उत्सव बस्तर-दशहरा की भांति बहुत प्रसिद्व है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 6 लाख 17 हजार 252 है. 759 ग्राम, 349 ग्राम पंचायत, 5 नगरीय निकाय है. जिसके अंतर्गत 20 राजस्व निरीक्षक मंडल शामिल है जिनमें सारंगढ़, हरदी, सालर, कोसीर, छिंद, गोड़म, उलखर, बरमकेला, गोबरसिंघा, देवगांव, डोंगरीपाली, सरिया, बिलाईगढ़, पवनी, गोविंदवन, जमगहन, भटगांव, गिरसा, बिलासपुर एवं सरसीवा शामिल है. जिसका कुल राजस्व क्षेत्रफल 01 लाख 65 हजार 14 है एवं 2518 राजस्व प्रकरण की संख्या है.वर्तमान में नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1406 स्कूल, 7 कालेज, 33 बैंक, 3 परियोजना, 141 स्वास्थ्य केन्द्र, 10 थाना एवं 2 चौकी स्थापित है.
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला : दुर्ग संभाग के अंतर्गत इसकी जनसंख्या 3 लाख 68 हजार 444 है. कुल ग्रामों की संख्या 494 तथा 3 नगरीय निकाय हैं. दो उप खण्ड खैरागढ़ एवं गण्डई-छुईखदान होंगे. तीन तहसील गण्डई, छुईखदान, खैरागढ़ होंगे, वहीं 2 विकासखण्ड छुईखदान एवं खैरागढ़, 16 राजस्व निरीक्षक मंडल होंगे. इस नवीन जिले में 107 पटवारी हल्का, 221 ग्राम पंचायतें है. इस नवीन जिले के उत्तर में कबीरधाम जिला, दक्षिण में तहसील डोंगरगढ़, तहसील राजनांदगांव, पूर्व में तहसील साजा एवं धमधा और पश्चिम में तहसील लांजी जिला- बालाघाट (मध्यप्रदेश) की सीमाएं लगी है.
क्या है नवीन जिले की खासियत : खनिज और संसाधनों से समृद्धि होने से जिला बनने से यहां औद्योगिक विकास को गति मिलेगी. नया जिला बन जाने से नागरिकों को काफी राहत मिलेगी और कई महत्वपूर्ण कार्य आसानी से होंगे.प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने का फायदा आम जनता को मिलेगा.बुनियादी सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्यान्न लोगों तक आसानी से उपलब्ध होगी और सुविधाओं का विस्तार होगा. वहीं शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन दूरस्थ अंचलों तक आसानी होगा. रोड कनेक्टिविटी, पुल-पुलिया के निर्माण से सुदूर वनांचल के क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बढ़ेगी. नया जिला गढ़ने से आने वाले वर्षों में इसके सुखद परिणाम मिलेंगे.