बलौदाबाजार : भाटापारा में एक बेकसूर शिक्षक को पुलिसवालों ने अपराधी बनाकर खूब वाहवाही लूटी. इसके बाद जब असली अपराधी पकड़ा गया. तो पुलिस ने अपना कारनामा छिपाने के लिए निर्दोष शिक्षक को कई मामलों में आरोपी बनाकर ( Teacher made criminal in Bhatapara) अखबार में खबर छपवा दी. यही नहीं इस बेकसूर शिक्षक को पुलिस के चंगुल से छूटने के लिए मुचलका जमानतदार बनना पड़ा. इस घटना के बाद बेकसूर शिक्षक ने आत्महत्या करने का मन बनाया. लेकिन दोस्तों की सलाह पर अब दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसपी से गुहार लगाई है.
शिक्षक को बना दिया अपराधी : पेशे से कम्प्यूटर शिक्षक हरीश यादव के लिए 5 अप्रैल का दिन किसी काले अध्याय से कम नहीं है. हरीश 14 साल से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं. इनके पढ़ाए कई बच्चे आज अच्छी जगहों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. फिर भी कम सैलरी के कारण हरीश दो जगहों पर काम करते हैं. हरीश सिमगा के लिमतरा इलेक्ट्रिक बाइक शो-रूम में अपनी सेवाएं देते हैं. 5 अप्रैल को सिमगा एएसआई ईश्वर टोप्पो (Simga ASI Ishwar toppo) अपने दो साथियों के साथ सिविल ड्रेस में शो-रूम में आए. हरीश ने जब पुलिसवालों से आने का कारण पूछा तो वर्दी का रौब दिखाकर हरीश को ये बताया गया कि उसके द्वारा जुए और सट्टे का कारोबार चलाया जा रहा है. इसके बाद बिना वारंट के ही शो-रूम के सामान को पुलिसकर्मियों ने तितर-बितर कर दिया.
थाने लाकर घंटों बैठाया : जब पुलिसकर्मियों को तलाशी लेने के बाद शो रूम में कुछ नहीं मिला तो उन्होंने हरीश को उठा लिया. और थाने में लाकर उसे डराने-धमकाने लगे कि अपना जुर्म कबूल करे. दरअसल पुलिस किसी देवेंद्र साहू नाम के आरोपी को तलाश कर रही थी. लेकिन गलती से वो हरीश को उठा लाई थी. इस बात की जानकारी पुलिसकर्मियों को तब लगी जब दूसरी टीम ने देवेंद्र को दबोचा. जब ये बात पुलिसकर्मियों को पता लगी. तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकारने के बदले अपने दामन में लगे दाग को छिपाना उचित समझा.
हरीश की तस्वीर सोशल मीडिया में की वायरल : पुलिसकर्मियों ने तब तक सोशल मीडिया में जुए सट्टा और अवैध शराब के आरोपी के नाम से हरीश की तस्वीर वायरल कर दी थी. जो अगले दिन कई अखबारों में छपी. यही नहीं पुलिस ने देवेंद्र साहू की गिरफ्तारी के बाद हरीश को मुचलका जमानतदार बनाने के कारनामा कर दिया. इस घटना के बाद हरीश पूरी तरह से टूट गया. हरीश के मन में आया कि अब बदनामी को वो छिपा नहीं सकता. लिहाजा दुनिया से चले जाना ही ठीक रहेगा.
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आत्महत्या का ख्याल बदला : हरीश ने आत्महत्या करने की ठान ली. लेकिन दोस्तों ने जब हरीश से बात की तो उसे समझ में आया कि आत्महत्या करने से दोषी बच निकलेंगे. लिहाजा हरीश ने पूरी आपबीती जिले के एसपी को बताई.साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मानहानि का दावा भी ठोका.जिसके बाद एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल ने आरोपी पुलिसकर्मियों से मामले में जवाब मांगा है.लेकिन अभी तक सिमगा एएसआई और उनकी होनहार टीम (simga police act) का कोई जवाब नहीं आया है.