रायपुरः स्वछता सर्वे में छत्तीसगढ़ ने एक बार से बाजी मारी है. राज्य को स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सबसे स्वच्छ राज्य की श्रेणी में रखते हुए पुरस्कृत किया गया है. प्रदेश के सर्वाधिक 61 नगरीय निकायों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए.
दूसरे राज्यों को दी पटखनी
प्रदेश से लिए साफ-सफाई के मामले में इसे काफी बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. यह उपलब्धि राज्य को यूं ही नहीं मिल गई. दरअसल, प्रदेश के नगर निगम और नगर पालिकाओं के द्वारा साफ-सफाई के कुछ ऐसे नुस्खे भी अपनाए गए जिसकी दूसरे राज्यों एक सुगबुगाहट भी नहीं है. छत्तीसगढ़ में कचरा एकत्रीकरण (garbage collection), कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटारा (scientific waste disposal), खुले में शौच से मुक्ति (open defecation free), कचरा मुक्त शहर (garbage free city), कचरा प्रोसेसिंग (waste processing), सामुदायिक और सार्वजानिक शौचालय का निर्माण (Construction of community and public toilets), मानव मल प्रबंधन के लिए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (faecal sludge treatment plant), सीवर पानी का ट्रीटमेंट (sewer water treatment), डोर-टू-डोर (door to door) लोगों को गीला-सूखा कचरा (wet-dry garbage) अलग रखने का प्रशिक्षण दिया गया.
इन बिंदुओं पर हुआ बड़ा काम
साथ ही नागरिकों की गंदगी संबंधी शिकायतों का 24 घंटे में निपटारा के लिए टोल फ्री नम्बर, गूगल से सभी सार्वजानिक शौचालयों की जुड़ाव, गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन, प्लास्टिक से दाना, सीमेंट प्लांट के लिए आरडीएफ, दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार, तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नालियों के पानी का प्राकृतिक ढंग से उपचार, उपचारित जल का निर्माण कार्य एवं उद्यानों में उपयोग, नगर के 36 सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का सुदृणीकरण आदि की चाक-चौबंद व्यवस्था शामिल रही.
गार्बेज फ्री सिटी कैटेगरी में कोरबा को 3 स्टार, महापौर और आयुक्त ने दिल्ली में कलेक्ट किया अवार्ड
अंबिकापुर ने फिर से मारी बाजी
साफ-सफाई के मामले में लगातार सुर्खियों में रहने वाले जिलों में अंबिकापुर, कोरबा का नाम अग्रणी रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के इस परिणाम में अम्बिकापुर को बड़े शहरों की तुलना में 6 वां स्थान प्राप्त हुआ.
है. देखा जाय तो अम्बिकापुर और पाटन को ही प्रदेश में 5 स्टार रेटिंग मिला है. दिल्ली एनसीआर को 1 से 10 लाख वाले शहरों में पहला स्थान मिला. वाटर प्लस की रैंकिंग में अम्बिकापुर में सीवरेज सिस्टम नहीं होने के कारण 250 अंक कटे. लेकिन 6000 अंको में 5148 नंबर हथियाकर जिले ने दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया. इस मुकाम में स्वच्छता दीदियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. नगर के 3000 से ज्यादा परिवार होम कम्पोस्टिंग के माध्यम से
गीले कचरे का अपने घरों में ही निष्पादन कर रहा है. निगम द्वारा तैयार खाद का विक्रय कर आय अर्जन एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने पर काम हो रहा है. नगर में निकलने वाले मलबे का प्रोसेसिंग कर विभिन उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. स्वच्छता दीदियों द्वारा कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी नगर के स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ट कार्य किया गया है. वर्तमान में 18 एस एल आर एम केंद्रों पर 470 दीदियां कार्यरत हैं. जो 48 वार्डों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर रही हैं. प्रतिदिन 51 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस कर कचरे के विक्रय से प्रतिमाह 5से 6 लाख एवं यूजर चार्ज से 15 लाख प्रतिमाह आय अर्जित की जा रही है.
कोरबा को 3 स्टार
इधर, गार्बेज फ्री सिटी स्टार रैकिंग में नगर पालिक निगम कोरबा को 3 स्टार रैंकिंग मिला है. पिछले वर्षो में भी नगर निगम कोरबा द्वारा जी.एफ.सी. में स्टार रैंकिंग के लिए दावेदारी की गई थी किन्तु स्टार रैंकिंग प्राप्त नहीं हो पाई थी. निगम द्वारा जी.एफ.सी. के विभिन्न बिन्दुओं पर कार्य करते हुए आम लोगों को कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूक किया गया. डोर-टू-डोर अपशिष्ट संग्रहण का बेहतर रूप से संपादन कराया गया. साथ ही कचरे के समुचित प्रबंधन की दिशा में ठोस कार्य किए गए. परिणाम स्वरूप निगम को गारबेज फ्री सिटी का सम्मान प्राप्त हुआ. नागरिकों के फीडबैक में कुल 1500 अंक में से 1254 अंक प्राप्त हुआ. कोरबा ओ.डी.एफ. प्लस-प्लस पहले ही प्राप्त कर चुका था, जिसके अंक भी इसमें जोड़े गए.