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कर्मचारियों की सरकार को चेतावनी, कहा ''ये ट्रेलर है पिक्चर अभी बाकी''

रायपुर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया (Chhattisgarh state employees united) है.

Strike demonstration of Staff Officers Federation in Raipur
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का धरना
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Published : Jun 29, 2022, 5:20 PM IST

Updated : Jun 29, 2022, 7:49 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले कर्मचारी और अधिकारियों ने केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. आज प्रदेश भर के लगभग 5 लाख कर्मचारी और अधिकारियों ने 1 दिन का अवकाश लेकर ब्लॉक तहसील और जिला मुख्यालय में प्रदर्शन (Chhattisgarh state employees united) किया. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का कहना है कि ''केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया (Centers goods are demanding dearness allowance) जाए. इस प्रदर्शन के बाद भी सरकार इनकी मांगों पर अमल नहीं करती है तो जुलाई महीने में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा.कर्मचारी और अधिकारियों ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल से रैली निकालकर एसडीएम देवेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.''

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का धरना
क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन : गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अब अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि '' उन्हें केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ता (Employees mobilized against Bhupesh Sarkar) चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठवां वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं.'' कितना भत्ता मिल रहा है : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का कहना है कि "केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर उन्हें गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. आज पूरे प्रदेश के शासकीय कार्यालय बंद करके प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ''वर्तमान में केंद्र सरकार 34% महंगाई भत्ता दे रही है जबकि राज्य सरकार 22% महंगाई भत्ता यहां के कर्मचारी और अधिकारियों को दे रही हैं.राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को 12% महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है."


राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के साथ भेदभाव : शिक्षक संघ की महामंत्री गंगा शरण पासे का कहना है कि "केंद्र के अधिकारी और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी को कम मिल रहा है. इसलिए धरना प्रदर्शन के लिए राजधानी रायपुर में एकत्र हुए हैं. केंद्र सरकार कि कर्मचारियों और अधिकारियों को 34% महंगाई भत्ता मिल रहा है.जबकि राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 25% गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. उसी तरह राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता मिलना चाहिए."

ये भी पढ़ें -छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के 32 कर्मचारी संघ ने खत्म की हड़ताल

मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Staff Officers Federation) के प्रवक्ता विजय झा ने बताया कि ''मान सम्मान और स्वाभिमान के लिए सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन करना पड़ा. शत प्रतिशत सरकारी कर्मचारी अपने सम्मान के लिए आंदोलन करने के लिए मजबूर हुआ है. नगर निगम रायपुर और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल हुए जुलाई महीने में 8 से 10 दिनों के लिए काम बंद कलम बंद आंदोलन चलाया जाएगा.आज के इस आंदोलन को ट्रेलर बताया और जुलाई महीने में फिल्म दिखाने की बात कही है."

रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले कर्मचारी और अधिकारियों ने केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. आज प्रदेश भर के लगभग 5 लाख कर्मचारी और अधिकारियों ने 1 दिन का अवकाश लेकर ब्लॉक तहसील और जिला मुख्यालय में प्रदर्शन (Chhattisgarh state employees united) किया. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का कहना है कि ''केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया (Centers goods are demanding dearness allowance) जाए. इस प्रदर्शन के बाद भी सरकार इनकी मांगों पर अमल नहीं करती है तो जुलाई महीने में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा.कर्मचारी और अधिकारियों ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल से रैली निकालकर एसडीएम देवेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.''

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का धरना
क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन : गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अब अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि '' उन्हें केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ता (Employees mobilized against Bhupesh Sarkar) चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठवां वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं.'' कितना भत्ता मिल रहा है : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का कहना है कि "केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर उन्हें गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. आज पूरे प्रदेश के शासकीय कार्यालय बंद करके प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ''वर्तमान में केंद्र सरकार 34% महंगाई भत्ता दे रही है जबकि राज्य सरकार 22% महंगाई भत्ता यहां के कर्मचारी और अधिकारियों को दे रही हैं.राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को 12% महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है."


राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के साथ भेदभाव : शिक्षक संघ की महामंत्री गंगा शरण पासे का कहना है कि "केंद्र के अधिकारी और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी को कम मिल रहा है. इसलिए धरना प्रदर्शन के लिए राजधानी रायपुर में एकत्र हुए हैं. केंद्र सरकार कि कर्मचारियों और अधिकारियों को 34% महंगाई भत्ता मिल रहा है.जबकि राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 25% गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. उसी तरह राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता मिलना चाहिए."

ये भी पढ़ें -छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के 32 कर्मचारी संघ ने खत्म की हड़ताल

मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Staff Officers Federation) के प्रवक्ता विजय झा ने बताया कि ''मान सम्मान और स्वाभिमान के लिए सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन करना पड़ा. शत प्रतिशत सरकारी कर्मचारी अपने सम्मान के लिए आंदोलन करने के लिए मजबूर हुआ है. नगर निगम रायपुर और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल हुए जुलाई महीने में 8 से 10 दिनों के लिए काम बंद कलम बंद आंदोलन चलाया जाएगा.आज के इस आंदोलन को ट्रेलर बताया और जुलाई महीने में फिल्म दिखाने की बात कही है."

Last Updated : Jun 29, 2022, 7:49 PM IST
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