रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले कर्मचारी और अधिकारियों ने केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. आज प्रदेश भर के लगभग 5 लाख कर्मचारी और अधिकारियों ने 1 दिन का अवकाश लेकर ब्लॉक तहसील और जिला मुख्यालय में प्रदर्शन (Chhattisgarh state employees united) किया. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का कहना है कि ''केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया (Centers goods are demanding dearness allowance) जाए. इस प्रदर्शन के बाद भी सरकार इनकी मांगों पर अमल नहीं करती है तो जुलाई महीने में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा.कर्मचारी और अधिकारियों ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल से रैली निकालकर एसडीएम देवेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.''
राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के साथ भेदभाव : शिक्षक संघ की महामंत्री गंगा शरण पासे का कहना है कि "केंद्र के अधिकारी और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी को कम मिल रहा है. इसलिए धरना प्रदर्शन के लिए राजधानी रायपुर में एकत्र हुए हैं. केंद्र सरकार कि कर्मचारियों और अधिकारियों को 34% महंगाई भत्ता मिल रहा है.जबकि राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 25% गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. उसी तरह राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता मिलना चाहिए."
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मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Staff Officers Federation) के प्रवक्ता विजय झा ने बताया कि ''मान सम्मान और स्वाभिमान के लिए सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन करना पड़ा. शत प्रतिशत सरकारी कर्मचारी अपने सम्मान के लिए आंदोलन करने के लिए मजबूर हुआ है. नगर निगम रायपुर और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल हुए जुलाई महीने में 8 से 10 दिनों के लिए काम बंद कलम बंद आंदोलन चलाया जाएगा.आज के इस आंदोलन को ट्रेलर बताया और जुलाई महीने में फिल्म दिखाने की बात कही है."