रायपुरः दुनिया तेजी से आगे बढ़ती जा रही है. वहीं, कोविड के कारण पिछले डेढ़ साल में बहुत से लोगों की जॉब (job) चली गई. बहुत ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने इस आपदा को अवसर (opportunity for disaster) में बदला है और स्टार्टअप (startup) के माध्यम से खुद के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देने का काम कर रहे हैं.
पिछले डेढ़ साल में लोगों ने टेक्नालॉजी (technology) के महत्व को भी समझा है और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ग्रोथ (Growth) कर रहे हैं. सोशल मीडिया इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल (use of social media) कर बिजनेसमैन (businessman) एक स्पेसिफिक ग्रुप को टारगेट (target specific group) कर उन तक एडवर्टाइजमेंट (Advertisement) पहुंचा पाते हैं, जिससे उनकी ग्रोथ और तेजी से होती है.
बिजनेस को ग्रोथ करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल (use of social media) कितना महत्वपूर्ण हो गया है, इस बारे में ईटीवी भारत ने आईटी एक्सपर्ट (IT Expert) आशीष गुप्ता से खास बातचीत की. आशीष गुप्ता ने बताया कि आज के समय में अगर देखा जाय तो युवा पीढ़ी से लेकर बड़े-बुजुर्ग सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. खासकर भारत में सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platform) की बात करें तो फेसबुक और इंस्टाग्राम (Facebook and Instagram) का नाम सबसे पहले आता है.
इसमें युवा से लेकर बड़े बुजुर्ग तक ने अपना अकाउंट (account) बनाया है. आंकड़ों की बात की जाए तो भारत में यूट्यूब (youtube) का इस्तेमाल करने वाले 44.8 करोड़ लोग हैं. 53 करोड़ लोग व्हाट्सएप (Whatsapp) का इस्तेमाल करते हैं. 41 करोड़ यूजर्स फेसबुक (users facebook) का इस्तेमाल करते हैं. 21 करोड़ यूजर्स इंस्टाग्राम (users instagram) इस्तेमाल करते हैं. अगर कोई भी स्टार्टअप शुरू कर रहा है और अगर वह बिगनर है तो उनका जो टारगेट ऑडियंस (target audience) है, वह सभी सोशल मीडिया में मौजूद हैं.
कम कॉस्ट पर लोगों तक पहुंचा सकते हैं अपना प्रोडक्ट
इस तरीके से यह काफी बड़ा एडवांटेज (Advantage) हो जाता है कि सीधा उन लोगों को टारगेट (target) कर उनके हिसाब से उनको प्रोडक्ट दिखाना और सोशल मीडिया (social media) के माध्यम से बहुत आसानी से आप ऐसे लोगों को टारगेट कर सकते हैं. सोशल मीडिया पर बिजनेस ग्रो (business grow) करने के लिए फायदेमंद यह भी है कि आपको अपने टारगेट ऑडियंस (target audience) तक रीच करने के लिए बहुत कम पैसा खर्च करना पड़ता है. आप कम कॉस्ट पर आसानी से उन तक प्रोडक्ट पहुंचा सकते हैं.
बाकी अगर आप पम्पलेट या होर्डिंग (Pamphlets or hoardings) की बात करें तो उसमें टारगेट ऑडियंस का ऑप्शन (Target audience option) नहीं रहता और उसमें खर्चा भी बहुत ज्यादा होता है. लेकिन सोशल मीडिया (social media) पर यही चीज आप टारगेट ऑडियंस को कम खर्चे में दिखा सकते हैं. सोशल मीडिया (social media) किस तरह टारगेट ऑडियंस को डिसाइड करता है. उदाहरण के तौर पर आपने फेसबुक प्रोफाइल या टि्वटर में आईडी बनाया है. इस दौरान आपने अपने बारे में उस आईडी में पूरी जानकारी दी है.
इसके अलावा आपके लाइक, डिसलाइक, आप क्या देखते हैं आदि यह सारी चीजों की स्टडी सोशल मीडिया (study social media) और गूगल करता है. उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर आपको बाइक खरीदनी है और आपने गूगल या सोशल मीडिया पर बाइक के विज्ञापन को सर्च किया है. उसके बाद अगर आप देखेंगे तो आपके फेसबुक, इंस्टाग्राम (Facebook, Instagram) तक में उस तरह के विज्ञापन दिखने लगेंगे. तो यह सारी चीजें गूगल और सोशल मीडिया स्टडी (social media study) करता है. उस हिसाब से टारगेट ऑडियंस को सेलेक्ट (Select audience target ) कर विज्ञापन उन तक पहुंचाता है.
फास्ट ग्रोइंग साबित हो रहा सोशल मीडिया
सोशल मीडिया किस तरह बिजनेस के लिए फास्ट ग्रोइंग साबित होता है, फ्यूचर में इसका का क्या स्कोप (scope) है? अगर हम 4 साल पहले की बात करें तो फेसबुक या ट्विटर (facebook or twitter) में बहुत कम विज्ञापन देखने को मिलते थे लेकिन अब तेजी से विज्ञापन हमें सोशल मीडिया पर देखने को मिलता है. आने वाला फीचर पूरा डिजिटल युग (digital age) का ही है और डिजिटल विज्ञापन (digital advertising) का भी है. न्यूज पेपर विज्ञापन, होर्डिंग्स, पम्पलेट (Newspaper advertisements, hoardings, pamphlets) इस तरह से एडवर्टाइजमेंट करना काफी महंगा (Advertising is very expensive) साबित होता है.
डिजीटल में बढ़ा तेजी से लोगों का रूझान
देखा जाए तो डिजिटल में लोगों का रुझान काफी तेजी से बढ़ रहा है और साथ में लोगों को डिजिटल के थ्रू रिजल्ट भी मिल रहा है. कोरोना महामारी और मानसिक कमजोरी को दूर कर प्रोफेशन सोशल मीडिया (Profession Social Media) की सहायता से आपदा को अवसर में बदलने वाली राजधानी रायपुर सुंदर नगर की रहने वाली कृतिका त्रिवेदी एक निजी स्कूल की शिक्षिका हैं. लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर में जहां सभी मानसिक कमजोरी से गुजर रहे हैं, उन्होंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए, जिससे लोगों को घर का बना ताजा केक मिल पाए.
उन्होंने 4 महीने पहले केक बना कर लोगों तक पहुंचाना शुरू किया और जब सब ने इसकी तारीफ की और अपनी मां उमा त्रिवेदी के सुझाव पर इसे स्टार्टअप (startup) में बदलने का निर्णय ले लिया. कृतिका त्रिवेदी ने बताया कि पिछले 4 महीने से वह घर में केक बना कर डिलीवरी करती हैं. शुरू में सिर्फ आसपास के लोगों से ही आर्डर ले कर केक पहुंचाया करती थीं, लेकिन जल्दी ही उन्होंने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट (Instagram account) बनाया और उसमें फोटो अपलोड (photo upload) करने लगीं.
घर में 'केक' बनाकर खोल लिया रोजगार का दरवाजा
जिसके बाद धीरे-धीरे लोगों ने उनका अकाउंट देखा और उन्हें ऑर्डर मिलने लगे. सोशल मीडिया ने उन्हें अपना स्टार्टअप को बूट (startup boot) करने में काफी सहायता की है. इस माध्यम से कृतिका त्रिवेदी ने अब तक 100 से ज्यादा 'केक' बना कर लोगों को डिलीवर किया है. सोशल मीडिया से कुकिंग (Cooking) सीख अब उसी से कर रहे अपने बिजनेस को बूस्ट रायपुर के डीडी नगर में रहने वाले संकल्प लेनपाल वैसे तो म्यूजिशियन और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (Musicians and Entertainment Industry) को बिलॉन्ग करते हैं.
लेकिन लॉकडाउन (lockdown) ने सभी काम रोक दिया. जिस के कारण संकलप लेनपाल ने पिछले 1 साल से सोशल मीडिया की मदद से खाना बनाना सीखा और होम किचन की शुरुआत की. संकल्प लेनपाल वेज नॉनवेज खाना (non veg food) बना कर लोगों को डिलीवरी कर रहे है. साथ ही संकल्प ने इंस्टाग्राम और फेसबुक (Instagram and Facebook) पर भी अपना एक अकाउंट बना रखा है. जिसे हजार से ज्यादा लोगों ने फॉलो किया है. पिछले 5 महीने से संकल्प होम किचन चला रहे हैं और अब तक 100 से ज्यादा डिलीवरी कर चुके हैं.