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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सवः उत्तराखंड से आए कलाकार छत्तीसगढ़ के हुए मुरीद

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Published : Oct 29, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Oct 31, 2021, 5:25 PM IST

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival) का आज दूसरे दिन सुबह से अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों (artists from the states) द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है. वहीं, अन्य राज्यों से आए कलाकार भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य में आकर बहुत खुश हैं. उत्तराखंड से आए कलाकारों के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

Second day of National Tribal Dance Festival
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह

रायपुरः राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival) का आज दूसरे दिन सुबह से अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है. वहीं, अन्य राज्यों से आए कलाकार भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य में आकर बहुत खुश हैं. उत्तराखंड से आए कलाकारों (Artists of Uttarakhand) के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

उत्तराखंड से आए कलाकार बंटी सिंह राणा ने बताया कि उत्तराखंड की थारू जनजाति (Tharu Tribe) तराई में बसती वहा से आए हैं. उन्होंने बताया कि आज सुबह झिझिवा हांडा नृत्य की प्रस्तुति की गई जो क्वार और भादो में इस त्यौहार को मनाया जाता है. आगे की प्रस्तुति होली त्यौहार से संबंधित है. वहां होली का त्यौहार 1 महीने चलता है. जिनमें जिन्दा होली और मरी होली खेली जाती है. होलिका दहन के 15 दिन बाद घर घर जाकर थारू समाज के लोग खेलते हैं.

कोमल राणा ने बताया कि छत्तीसगढ़ आकर बहुत अच्छा लग रहा है. यहां की व्यवस्था बहुत अच्छी हैं. यहां के कार्यक्रम को भी बहुत इंजॉय कर रहे हैं. यहां सुरक्षा के अच्छे इंतजाम हैं. कोमल ने बताया कि हम अलग-अलग राज्य से आए हैं. दूसरे अन्य प्रदेशों के लोग से मिलकर अच्छा लग रहा है. उनके द्वारा दी जा रही प्रस्तुति को देखकर भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. अलग-अलग कल्चर और लोकनृत्य देखकर बहुत अच्छा लग रहा है.

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह

National Tribal Dance Festival 2021 का आज दूसरा दिन, पहले दिन झारखंड CM सोरेन ने की रंगारंग शुरुआत

सरकार के प्रति आभार

उत्तराखंड से आई बंधन राणा ने बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है. अलग-अलग संस्कृति को देखकर उन्हें समझने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हम इतने सुंदर आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं. पहले भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में भी हमारी टीम आई थी. द्वितीय स्थान नृत्य में मिला था. कलाकरों को जो इज्जत मिलनी चाहिए वो यहां आकर महसूस हो रही है.


कलाकर के न आने पर पुरुष ने किया महिला गैटप
उत्तराखंड से आए कलाकर मनोज सिंह ने बताया कि उनके टीम में एक महिला कलाकर बीमार थी. वो नहीं आ पाई. हमारा डांस परफार्मेंस खराब ना हो, इसलिए वे महिला कलाकर के गैटअप में हैं. अपने डांस परफार्मेंस में महिला का किरदार निभा रहे हैं.

रायपुरः राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival) का आज दूसरे दिन सुबह से अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है. वहीं, अन्य राज्यों से आए कलाकार भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य में आकर बहुत खुश हैं. उत्तराखंड से आए कलाकारों (Artists of Uttarakhand) के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

उत्तराखंड से आए कलाकार बंटी सिंह राणा ने बताया कि उत्तराखंड की थारू जनजाति (Tharu Tribe) तराई में बसती वहा से आए हैं. उन्होंने बताया कि आज सुबह झिझिवा हांडा नृत्य की प्रस्तुति की गई जो क्वार और भादो में इस त्यौहार को मनाया जाता है. आगे की प्रस्तुति होली त्यौहार से संबंधित है. वहां होली का त्यौहार 1 महीने चलता है. जिनमें जिन्दा होली और मरी होली खेली जाती है. होलिका दहन के 15 दिन बाद घर घर जाकर थारू समाज के लोग खेलते हैं.

कोमल राणा ने बताया कि छत्तीसगढ़ आकर बहुत अच्छा लग रहा है. यहां की व्यवस्था बहुत अच्छी हैं. यहां के कार्यक्रम को भी बहुत इंजॉय कर रहे हैं. यहां सुरक्षा के अच्छे इंतजाम हैं. कोमल ने बताया कि हम अलग-अलग राज्य से आए हैं. दूसरे अन्य प्रदेशों के लोग से मिलकर अच्छा लग रहा है. उनके द्वारा दी जा रही प्रस्तुति को देखकर भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. अलग-अलग कल्चर और लोकनृत्य देखकर बहुत अच्छा लग रहा है.

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह

National Tribal Dance Festival 2021 का आज दूसरा दिन, पहले दिन झारखंड CM सोरेन ने की रंगारंग शुरुआत

सरकार के प्रति आभार

उत्तराखंड से आई बंधन राणा ने बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है. अलग-अलग संस्कृति को देखकर उन्हें समझने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हम इतने सुंदर आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं. पहले भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में भी हमारी टीम आई थी. द्वितीय स्थान नृत्य में मिला था. कलाकरों को जो इज्जत मिलनी चाहिए वो यहां आकर महसूस हो रही है.


कलाकर के न आने पर पुरुष ने किया महिला गैटप
उत्तराखंड से आए कलाकर मनोज सिंह ने बताया कि उनके टीम में एक महिला कलाकर बीमार थी. वो नहीं आ पाई. हमारा डांस परफार्मेंस खराब ना हो, इसलिए वे महिला कलाकर के गैटअप में हैं. अपने डांस परफार्मेंस में महिला का किरदार निभा रहे हैं.

Last Updated : Oct 31, 2021, 5:25 PM IST
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