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छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटों के लिए माथापच्ची शुरु, सिंधी समाज ने प्रतिनिधि भेजने की उठाई मांग

छत्तीसगढ़ की दो राज्यसभा सीटों के लिए गहमागहमी तेज हो गई है. सिंधी समाज ने दो में एक सीट पर समाज का प्रतिनिधि भेजने की मांग की (Scuffle started for two Rajya Sabha seats in Chhattisgarh) है.

Scuffle started for two Rajya Sabha seats in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटों के लिए माथापच्ची शुरु
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Published : May 16, 2022, 4:00 PM IST

रायपुर : राज्यसभा के लिए छत्तीसगढ़ की दो सीटों के लिए आगामी 10 जून को चुनाव होंगे.ये दोनों ही सीटें कांग्रेस की छाया वर्मा और बीजेपी के रामविचार नेताम के रिटायर होने के बाद रिक्त होंगी. कई नेता राज्यसभा में जाने के लिए दावेदारी पेश कर रहे (Sindhi society has staked claim for Rajya Sabha) हैं. इस बार बीजेपी के लिए राज्यसभा में अपना उम्मीद्वार भेजना मुश्किल ही नजर आ रहा है. इधर कांग्रेस से दो उम्मीद्वार राज्यसभा भेजे जा सकते हैं. ऐसे में नेता अपनी-अपनी लॉबिंग करने की जुगत में हैं. इस बार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का शासन है. लिहाजा प्रदेश के सिंधी समाज और सिंधी पंचायत के ज्यादातरपंचायत प्रमुखों ने कांग्रेस से मांग की है कि वे राज्यसभा में सिंधी समाज से एक प्रतिनिधि भेजे.

क्यों उठी है सिंधी समाज की मांग : समाज प्रमुखों ने कहा है कि '' छत्तीसगढ़ में सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में हैं. पहले वे कांग्रेस के साथ थे, लेकिन पार्टी ने पार्टी ने पर्याप्त महत्व नहीं दिया. समाज प्रमुखों ने कहा है कि डेढ़ साल बाद फिर से विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसके पहले कांग्रेस को सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देने का एक अच्छा मौका भी है.''

दोनों सीटों पर कांग्रेस का होगा प्रतिनिधि: इस बार दोनों सदस्य कांग्रेस के ही चुने जाएंगे. ऐसे में अगर सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाता है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका बहुत बड़ा असर देखने को मिलेगा. बिलासपुर दुर्ग ,नांदगांव, धमतरी, भाटापारा, तिल्दा में तो बड़ी संख्या में समाज के लोग निवासरत है. इन विधानसभाओं में समाज के बड़े वोट बैंक हैं जो चुनाव में हार-जीत का स्वरूप ही बदल सकते हैं.

सोनिया गांधी को भी समाज ने लिखा खत : बिलासपुर में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सिंधी महापंचायत के राष्ट्रीय महामंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी अमर बजाज भी राज्यसभा में सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देने की वकालत कर चुके हैं. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर मांग की है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर यह दोनों सीटें कांग्रेस को मिलने वाली है क्योंकि एक राज्यसभा में भेजने के लिए 31 विधायकों की जरूरत है. इसमें से एक सीट छत्तीसगढ़ सिंधी समाज से राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिया जाए.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, छत्तीसगढ़ की दो सीटों पर होगा चुनाव

सिंधी समाज ने सीएम भूपेश के सामने भी रखी बात : बजाज ने सोनिया गांधी और भूपेश बघेल को भेजे गए पत्र में यह भी लिखा है कि छत्तीसगढ़ में सिंधी समाज की अकादमी नहीं बन पाई है और ना ही छत्तीसगढ़ राज्य निगम मंडलों संगठनों शासन प्रशासन में कहीं कोई भागीदारी सिंधी समाज को मिली है.ऐसे में राज्यसभा की एक सीट सिंधी समाज को दिया जाना समाज और पार्टी हित में होगा.

रायपुर : राज्यसभा के लिए छत्तीसगढ़ की दो सीटों के लिए आगामी 10 जून को चुनाव होंगे.ये दोनों ही सीटें कांग्रेस की छाया वर्मा और बीजेपी के रामविचार नेताम के रिटायर होने के बाद रिक्त होंगी. कई नेता राज्यसभा में जाने के लिए दावेदारी पेश कर रहे (Sindhi society has staked claim for Rajya Sabha) हैं. इस बार बीजेपी के लिए राज्यसभा में अपना उम्मीद्वार भेजना मुश्किल ही नजर आ रहा है. इधर कांग्रेस से दो उम्मीद्वार राज्यसभा भेजे जा सकते हैं. ऐसे में नेता अपनी-अपनी लॉबिंग करने की जुगत में हैं. इस बार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का शासन है. लिहाजा प्रदेश के सिंधी समाज और सिंधी पंचायत के ज्यादातरपंचायत प्रमुखों ने कांग्रेस से मांग की है कि वे राज्यसभा में सिंधी समाज से एक प्रतिनिधि भेजे.

क्यों उठी है सिंधी समाज की मांग : समाज प्रमुखों ने कहा है कि '' छत्तीसगढ़ में सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में हैं. पहले वे कांग्रेस के साथ थे, लेकिन पार्टी ने पार्टी ने पर्याप्त महत्व नहीं दिया. समाज प्रमुखों ने कहा है कि डेढ़ साल बाद फिर से विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसके पहले कांग्रेस को सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देने का एक अच्छा मौका भी है.''

दोनों सीटों पर कांग्रेस का होगा प्रतिनिधि: इस बार दोनों सदस्य कांग्रेस के ही चुने जाएंगे. ऐसे में अगर सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाता है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका बहुत बड़ा असर देखने को मिलेगा. बिलासपुर दुर्ग ,नांदगांव, धमतरी, भाटापारा, तिल्दा में तो बड़ी संख्या में समाज के लोग निवासरत है. इन विधानसभाओं में समाज के बड़े वोट बैंक हैं जो चुनाव में हार-जीत का स्वरूप ही बदल सकते हैं.

सोनिया गांधी को भी समाज ने लिखा खत : बिलासपुर में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सिंधी महापंचायत के राष्ट्रीय महामंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी अमर बजाज भी राज्यसभा में सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देने की वकालत कर चुके हैं. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर मांग की है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर यह दोनों सीटें कांग्रेस को मिलने वाली है क्योंकि एक राज्यसभा में भेजने के लिए 31 विधायकों की जरूरत है. इसमें से एक सीट छत्तीसगढ़ सिंधी समाज से राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिया जाए.

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सिंधी समाज ने सीएम भूपेश के सामने भी रखी बात : बजाज ने सोनिया गांधी और भूपेश बघेल को भेजे गए पत्र में यह भी लिखा है कि छत्तीसगढ़ में सिंधी समाज की अकादमी नहीं बन पाई है और ना ही छत्तीसगढ़ राज्य निगम मंडलों संगठनों शासन प्रशासन में कहीं कोई भागीदारी सिंधी समाज को मिली है.ऐसे में राज्यसभा की एक सीट सिंधी समाज को दिया जाना समाज और पार्टी हित में होगा.

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