रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कम बारिश वाले इलाकों में राहत कार्य और कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश के बाद इस पर काम शुरू हो गया है. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी संभायुक्तों और कलेक्टर की बैठक ली. बैठक में प्रदेश में वर्षा की स्थिति पर समीक्षा हुई. उन्होंने कलेक्टरों को औसत से कम बारिश वाली तहसीलों में राहत कार्य शुरू कराने के लिए तत्काल कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. (Chhattisgarh tehsils may be declared drought hit )
छत्तीसगढ़ की कई तहसीलें घोषित हो सकती है सूखाग्रस्त: प्रदेश के 9 जिलों की 28 तहसीलों में 1 अगस्त 2022 की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम औसत बारिश हुई है. इनमें 8 तहसीलें ऐसी हैं जहां 40 फीसद से भी कम बारिश हुई है. ऐसी तहसीलों में फसलों का नजरी आकलन कराकर सूखा घोषित करने एक हफ्ते के अंदर प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया है. छत्तीसगढ़ में मानसून के कमजोर पड़ने और राज्य के उत्तरी हिस्से के जिलों विशेषकर सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर में अल्पवर्षा के चलते खरीफ की बुआई प्रभावित हुई है.
छत्तीसगढ़ में कम बारिश वाले क्षेत्रों में सूखे की आशंका, सीएम भूपेश ने दिए निर्देश
कम बारिश वाली तहसीलें: (60 प्रतिशत से कम बारिश)
सरगुजा जिले की अंबिकापुर, मैनपाट और सीतापुर
सूरजपुर जिले की लटोरी
बलरामपुर जिले की बलरामपुर, कुसमी और वाड्रफनगर
जशपुर जिले की दुलदुला, जशपुर, पत्थलगांव, सन्ना, कुनकुरी और कांसाबेल
रायपुर जिले की रायपुर, आरंग
कोरिया जिले की सोनहत
कोरबा जिले के दर्री
बेमेतरा जिले की बेरला
सुकमा जिले की गादीरास और कोण्टा तहसील
कम बारिश वाली तहसीलें: (40 प्रतिशत से कम बारिश)
सरगुजा जिले की लुण्ड्रा, दरिमा,बतौली
सूरजपुर जिले की प्रतापपुर, बिहारपुर
बलरामपुर जिले की शंकरगढ़, रामानुजगंज, राजपुर