रायपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक जैनम मानस भवन में शुरू हुई. बैठक का शुभारंभ सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर फूल चढ़ा कर किया. बैठक में 36 संगठनों के प्रमुख अखिल भारतीय पदाधिकारी भाग ले रहे हैं. बैठक में वर्तमान राष्ट्रीय व सामाजिक परिदृश्य, शिक्षा, सेवा, आर्थिक व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो रही है. गौसेवा, ग्राम विकास, पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता आदि विषयों को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा होगी. संगठन के विस्तार और विशेष प्रयोगों की जानकारी भी दी जाएगी.
36 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद: बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, अरूण कुमार, मुकुंदा रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भय्याजी जोशी, सुरेश सोनी, वी भाग्गया, विद्या भारती के महामंत्री गोविन्द महंती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री आशीष चौहान, महामंत्री निधि त्रिपाठी, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वंदनीया शांतक्का , कार्यवाहिका अन्नदानम सीताक्का, सेवा भारती की महामंत्री रेणु पाठक, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, महामंत्री संगठन बी.एल. संतोष, भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या, संगठन मंत्री बी सुरेन्द्रन, भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष रामचंद्र खराड़ी, संस्कृत भारती के संगठन मंत्री दिनेश कामत सहित 240 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित हैं.
बैठक से बाहर नहीं जा सकते सदस्य: बैठक 3 दिनों तक चलेगी. जिसमें आरएस एस और भाजपा के पदाधिकारी शामिल हुए है. इस दौरान किसी भी सदस्य के बैठक के बाहर निकलने या किसी तरह के बयान देने पर मनाही है. सिर्फ आरएसएस का मीडिया विभाग बैठक से संबंधित जानकारी देगा. छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रही आरएसएस की बैठक प्रदेश की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
रायपुर में आरएसएस की बैठक, सुनील आंबेकर ने दी जानकारी
पहली बार छत्तीसगढ़ में आरएसएस की समन्वय बैठक: यह पहली बार है कि आरएसएस से जुड़े निकायों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक छत्तीसगढ़ में हो रही है. जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. संघ पदाधिकारी ने बताया कि ''समन्वय बैठक में पर्यावरण, पारिवारिक जागरूकता और सामाजिक सद्भाव से जुड़े विषयों पर साझा प्रयासों पर चर्चा के अलावा संबंधित संगठनों की गतिविधियों से संबंधित जानकारी साझा की जाएगी. शिक्षा और वैचारिक क्षेत्रों, अर्थव्यवस्था, सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.''
क्यों RSS पर भाजपा ने जताया है भरोसा : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को मिली करारी हार ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है. 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में महज 15 सीटों पर सिमट गई. उसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव, नगरी निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है.लगातार हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राज्य के दिग्गज नेताओं को किनारे करते हुए आरएसएस के नेताओं पर भरोसा जताया है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव 2023 के लिए इस बार आरएसएस की पृष्ठभूमि से जुड़े नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है हाल फिलहाल में जो भी पार्टी में नियुक्ति की गई है. उनमें RSS बैकग्राउंड वाले लोगों को शामिल किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में भाजपा को सत्ता में वापस लाने की जिम्मेदारी आरएसएस की तिकड़ी राष्ट्रीय सगसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल के साथ भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष बिलासपुर के सांसद अरुण साव को सौंपी है. भाजपा इनके भरोसे अपनी चुनावी नैया पार लगाना चाहती है. वहीं सरकार को सदन में घेरने धरमलाल कौशिक के स्थान पर नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है.