रायपुरः आज के समय में हर कोई आगे बढ़ने की होड़ में लगा हुआ है. आज हर कोई यह सोचता है कि दूसरे को पछाड़कर हम कैसे आगे बढ़े? इस वजह से आज के समय में द्वेष , स्पर्धा, एक दूसरे के प्रति घृणा बढ़ गया है. इसके कारण लड़ाई-झगड़ा, आत्महत्या, परिवार में लड़ाई जैसे मामले देखने को मिलते हैं लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो वर्ल्ड पीस, पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और देश-दुनिया में लोगों को मिल-जुल कर रहने, एक दूसरे का सहयोग करने की सोच रखते हैं. इसी सोच को लेकर अधिराज बरुआ जमशेदपुर से साईकल से निकले हैं और पूरे भारतवर्ष में लगभग 22000 किमी साइकिल चला कर इस सोच को आगे बढ़ा रहे हैं. ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की.
अधिराज बरुआ ने बताया कि लगभग 6 महीने पहले मैंने ऑल इंडिया टूर का डिसीजन लिया था. मैंने जमशेदपुर झारखंड से 1 अक्टूबर से अपनी यात्रा प्रारंभ की है. भारत के पूरे 29 राज्यों को मैं कवर करूंगा. हर स्टेट के कैपिटल जाऊंगा. साथ ही और भी एडिशनल सिटीज साइकिल से कवर करूंगा. नेशनल इंटीग्रेशन, वर्ल्ड पीस, पोलूशन कंट्रोल और अगेंस्ट फोर्स्ड चाइल्ड मैरिज इन चार मोटिव को लेकर भारत में जागरूकता फैलाने के लिए मैं साइकिल से पूरे भारत में यात्रा कर रहा हूं और अलग-अलग शहरों के अलग-अलग एनजीओ से मिल भी रहा हूं.
देश में बढ़ रहा मॉब लिंचिंग
मॉब लिंचिंग धर्म के नाम पर आजकल काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. डिस्क्रिमिनेशन लड़ाई झगड़े तक की नौबत आ जाती है. वहीं, यूनिटी से देश उन्नत बनता है और आगे बढ़ता है. हमारे देश में अलग-अलग भाषा बोली के लोग रहते हैं. अगर वह सब एक हो जाए तभी देश आगे बढ़ सकता है. वहं, वर्ल्ड पीस की बात करो तो आज हम देख सकते हैं कि दुनिया में सिर्फ नेगेटिविटी ही फैल रही है. अच्छाई और अच्छे लोगों की बात आज बहुत कम देखने और सुनने को मिलती है. आज हम अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपने लिए तक समय नहीं निकाल पा रहे हैं. इसलिए मैं वर्ल्ड पीस का मोटर लेकर निकला हूं कि लोग अपने लिए, अपने लोगों के लिए समय निकालें और अपने लोगों का साथ दें. अगर हम मेडिटेशन करते हैं योगा करते हैं तो हमको अपने बारे में और जानने को मिलेगा और हम दूसरों की सहायता और अच्छे से कर सकते हैं.
जागरूकता है बड़ा उद्देश्य
आज के समय में पॉल्यूशन पूरे विश्व की सबसे बड़ी समस्या है. घर से रोजाना इतना कचरा निकलता है कि उसको रखने के लिए जगह नहीं है. वहीं, सड़कों पर इतने धूल, डस्ट है कि आज हर दूसरे व्यक्ति को सांस की समस्या है. इसी मोटिव को लेकर मैं साइकिल से पूरे देश की यात्रा कर रहा हूं ताकि लोग साइकिल के महत्व को जानें और ज्यादा साइकिल चलाएं. वहीं, अभी भी देश के कुछ ऐसे इलाके हैं, ऐसे गांव हैं जहां चाइल्ड मैरिज होता है. मैंने अपनी यात्रा में कुछ जगह देखा जहां छोटी उम्र में ही लड़कियों की शादी कर दी जाती है. ऐसे में उनका विकास नहीं होता. लोगों को समझने की जरूरत है कि बच्चियां घर की लक्ष्मी होती हैं और उनको भी आगे बढ़ने का बराबर का हक है. वह आगे बढ़कर देश का नाम रोशन कर सकती हैं, ना कि केवल घर में चूल्हा चौका संभाले.
राजनांदगांव: ITBP के जवानों की हालत में सुधार, फूड प्वॉइजनिंग से बिगड़ी थी तबीयत
पापा के धरोहर को आगे बढ़ाया
मुझे जो साइकिल चलाने या इंडिया टूर करने की इंस्पिरेशन मिली है, वह अपने पिता से मिली है. क्योंकि मेरे पिता भी 1987 में ऑल इंडिया साइकिल टूर पर निकले थे. क्योंकि उस समय इसी तरह के साइकिल मिलते थे. इसलिए अपने पापा की मेमोरी को बनाए रखने के लिए और उनकी लेगसी को फॉलो करने के लिए मैं इस तरह की साइकिल से निकला हूं.
पर्यावरण के प्रति सजग
साइकिलिस्ट अमिताभ पाठक ने बताया कि आज के समय में पेड़ लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है. हम देखेंगे कि रोजाना हमारे घर से कितनी प्लास्टिक, कितनी गंदगी निकलती है. जिसको हम नाली में फेंक देते हैं और यही वजह है कि पिछले दिनों बारिश होने से रायपुर में हर गली, हर चौराहे पर घुटनों तक पानी भर गया था. लोगों को समझने की जरूरत है और जागरूकता की जरूरत है कि जब कचरा हम डस्ट बिन में फेंक सकते हैं तो नाली में क्यों फेकें?