ETV Bharat / city

VIDEO : रथयात्रा के लिये महीनों पहले इस शुभ मुहूर्त में होती है शुरुआत, सदियों पहले बने नियमों के आधार पर बनते हैं रथ

आमजन में भगवान के रथ को लेकर हमेशा श्रद्धा और उत्सुकता रहती है. भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष के कई नाम हैं जैसे गरुड़ध्वज, कपिध्वज, नंदीघोष आदि. भगवान जगन्नाथ के भक्तों में उनसे जुड़ी हुई प्रत्येक छोटी-बड़ी वस्तु, जीव, पेड़-पौधे-वनस्पति और जगहों में गहरी आस्था व सम्मान है. (Rath yatra 2022)

rath yatra 2022
भगवान जगन्नाथ से जुड़ी खबरें
author img

By

Published : Jun 18, 2022, 10:45 PM IST

रायपुर: भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा शुरू होने ही वाली है. वर्तमान समय में रथयात्रा शुरू होने से पहले के मुख्य पारंपरिक रीति-रिवाज संपन्न किये जा रहे हैं. भगवान जगन्नाथ के भक्तों में उनसे जुड़ी हुई प्रत्येक छोटी-बड़ी वस्तु, जीव, पेड़-पौधे-वनस्पति और जगहों में गहरी आस्था व श्रद्धा है. आमजन में भगवान के रथ को लेकर हमेशा सम्मान और उत्सुकता रहती है. भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष (Nandighosh Chariot) के कई नाम हैं जैसे गरुड़ध्वज, कपिध्वज, नंदीघोष आदि. बहुत काम लोगों को पता होता है कि भगवान जगन्नाथ के रथ पर हनुमानजी, नृसिंह और सुदर्शन के प्रतीक भी होते हैं. (Rath yatra 2022)

रथ यात्रा 2022

नारियल की लकड़ी से बनता है रथ: रथयात्रा के रथों के लिए काष्ठ का (Charriot Prepration) चयन बसंत पंचमी के दिन से शुरू होता है और उनका निर्माण अक्षय तृतीया से प्रारम्भ होता है. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ नारियल की लकड़ी से बनाए जाते हैं. भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई लगभग 45.6 फीट होती है और इसे 'नंदीघोष' कहा जाता है. इस रथ में 18 पहिये लगे होते हैं. इसके निर्माण में कुल 838 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. भगवान जगन्‍नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है. उनका रथ बाकी दो रथों से आकार में बड़ा होता है. इनके रथ पर हनुमानजी और नृसिंह भगवान का प्रतीक अंकित रहता है और यह रथ यात्रा में सबसे पीछे रहता है.

Fathers Day 2022 : फादर्स डे पर वास्तु के अनुसार तोहफा देकर पिता को कराएं स्पेशल फील

भगवान बलभद्र के रथ को 45 फीट ऊंचा बनाया जाता है और इसमें 16 पहिये होते हैं. रथ के निर्माण में कुल 763 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. भगवान बलभद्र के रथ को 'तालध्वज' कहा जाता है. भगवान बलभद्र के रथ का रंग लाल और हरा होता है. देवी सुभद्रा को ले जाने वाले रथ को देवदलन कहा जाता है, जिसमें 14 पहिये होते हैं और इसकी ऊंचाई 44.6 फीट होती है. देवी सुभद्रा के रथ निर्माण में कुल 593 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. इसका रंग लाल और काला होता है. इन रथों के निर्माण में किसी भी प्रकार के कील या कांटे या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है.

रायपुर: भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा शुरू होने ही वाली है. वर्तमान समय में रथयात्रा शुरू होने से पहले के मुख्य पारंपरिक रीति-रिवाज संपन्न किये जा रहे हैं. भगवान जगन्नाथ के भक्तों में उनसे जुड़ी हुई प्रत्येक छोटी-बड़ी वस्तु, जीव, पेड़-पौधे-वनस्पति और जगहों में गहरी आस्था व श्रद्धा है. आमजन में भगवान के रथ को लेकर हमेशा सम्मान और उत्सुकता रहती है. भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष (Nandighosh Chariot) के कई नाम हैं जैसे गरुड़ध्वज, कपिध्वज, नंदीघोष आदि. बहुत काम लोगों को पता होता है कि भगवान जगन्नाथ के रथ पर हनुमानजी, नृसिंह और सुदर्शन के प्रतीक भी होते हैं. (Rath yatra 2022)

रथ यात्रा 2022

नारियल की लकड़ी से बनता है रथ: रथयात्रा के रथों के लिए काष्ठ का (Charriot Prepration) चयन बसंत पंचमी के दिन से शुरू होता है और उनका निर्माण अक्षय तृतीया से प्रारम्भ होता है. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ नारियल की लकड़ी से बनाए जाते हैं. भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई लगभग 45.6 फीट होती है और इसे 'नंदीघोष' कहा जाता है. इस रथ में 18 पहिये लगे होते हैं. इसके निर्माण में कुल 838 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. भगवान जगन्‍नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है. उनका रथ बाकी दो रथों से आकार में बड़ा होता है. इनके रथ पर हनुमानजी और नृसिंह भगवान का प्रतीक अंकित रहता है और यह रथ यात्रा में सबसे पीछे रहता है.

Fathers Day 2022 : फादर्स डे पर वास्तु के अनुसार तोहफा देकर पिता को कराएं स्पेशल फील

भगवान बलभद्र के रथ को 45 फीट ऊंचा बनाया जाता है और इसमें 16 पहिये होते हैं. रथ के निर्माण में कुल 763 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. भगवान बलभद्र के रथ को 'तालध्वज' कहा जाता है. भगवान बलभद्र के रथ का रंग लाल और हरा होता है. देवी सुभद्रा को ले जाने वाले रथ को देवदलन कहा जाता है, जिसमें 14 पहिये होते हैं और इसकी ऊंचाई 44.6 फीट होती है. देवी सुभद्रा के रथ निर्माण में कुल 593 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. इसका रंग लाल और काला होता है. इन रथों के निर्माण में किसी भी प्रकार के कील या कांटे या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.