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आखिर क्यों सरगुजा में कम बरस रहे हैं बदरा ?

छत्तीसगढ़ में मॉनसून की सक्रियता को लेकर एक रिसर्च की गई (Monsoon activity in Chhattisgarh) है.जिसमे प्रदेश में उन जिलों की लिस्ट तैयार की गई है जहां कम या ज्यादा बारिश हो रही है.

आखिर क्यों सरगुजा में कम बरस रहे हैं बदरा
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Published : Jun 9, 2022, 4:25 PM IST

रायपुर : भारतीय मौसम विभाग, पुणे के क्लाइमेट रिसर्च एंड सर्विस सेंटर(Climate Research and Service Center in Pune) ने छत्तीसगढ़ के मानसून को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है. इस रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक मानसून के 30 सालों के आंकड़ों पर आधारित है. इस रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के कोरबा, जांजगीर, बेमेतरा, धमतरी और राजनांदगांव में मानसून के दिनों की संख्या बढ़ी है. जबकि बात सरगुजा की करें तो मानसून के दिन सरगुजा में घटे (Rain days are decreasing in Chhattisgarh Surguja) हैं. मौसम विभाग के इस अनुसंधान के मुताबिक सितंबर में बारिश की मात्रा बढ़ती गई है. इसे 30 सालों के गुणांक के आधार पर निकाला गया है. 1989 से साल 2018 तक के 30 सालों के आंकड़ों पर रिसर्च किया गया है.

सितंबर के महीने में इन जिलों में औसत वर्षा : छत्तीसगढ़ में साल भर में 1124 मिली मीटर से लेकर 1249 मिली मीटर तक बारिश होती है. इस साल भी बारिश छत्तीसगढ़ में 10 से 12 जून के मध्य प्रवेश करने की संभावना है. छत्तीसगढ़ में मानसून बस्तर में प्रवेश करने के साथ ही पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय होता है. सितंबर के महीने में बस्तर में 245.2 मिली मीटर औसत बारिश का रिकॉर्ड है. इसी तरह कांकेर में 214.6 और दुर्ग में 180 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई. इन जिलों में अब सितंबर में औसत से 20 से 30 फीसदी ज्यादा बारिश हो रही है.

छत्तीसगढ़ में 1 जून से 30 सितंबर बारिश : मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक ''छत्तीसगढ़ में 10 जून से लेकर 30 सितंबर तक मानसून का समय रहता (Monsoon activity in Chhattisgarh) है. छत्तीसगढ़ में मानसून के प्रवेश करने की तिथि 10 जून के आसपास रहती है. जून-जुलाई और अगस्त में अच्छी और तेज बारिश होने के बाद सितंबर के महीने में मानसून लौटते समय थोड़ी बहुत बारिश देखने को मिलती थी. लेकिन बीते कुछ सालों से मानसून के आने का समय में बदलाव आने के कारण सितंबर महीने में ज्यादा बारिश होने लगी है. मानसून की विदाई भी 10 से 15 अक्टूबर के बजाय 25 अक्टूबर के बाद हो रही है. मानसूनी बारिश का असर सरगुजा और जसपुर में कम दिख रहा है और मानसूनी बारिश में गिरावट का ट्रेंड है.

किन जिलों में हुई ज्यादा बारिश : छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मॉनसून के दिनों की संख्या में बदलाव देखने को मिला है. कोरबा, जांजगीर, बेमेतरा, धमतरी और राजनांदगांव में मानसून के दिनों की संख्या में वृद्धि हो गई है. जून से सितंबर के बीच औसत रूप से इन जिलों में 40 से 45 मानसून के दिन होते हैं. जिसमें 5 से 10 दिनों की वृद्धि देखने को मिली है.24 घंटे में 2.5 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो उसे रेनी डे कहा जाता है. मानसून के दौरान 1 जून से 30 सितंबर तक 122 दिनों का समय होता है. अनुसंधान के मुताबिक सरगुजा में रेनी डे की संख्या में कमी आई है. छत्तीसगढ़ के उत्तर मध्य और दक्षिण पूर्व क्षेत्रों में 44 से 46 मानसूनी बारिश के दिन हैं. उत्तर पश्चिम और दक्षिण वाले हिस्से में 35 से 39 मानसून के दिन का रिकॉर्ड है. राजनांदगांव, कवर्धा, बलौदाबाजार, रायगढ़, महासमुंद, रायपुर और गरियाबंद में भारी बारिश वाले दिनों की संख्या में वृद्धि हुई है.

किन जिलों में हुई कम बारिश : छत्तीसगढ़ के रायपुर, बस्तर, राजनांदगांव, महासमुंद, कोरबा, जशपुर और बलौदा बाजार में ड्राई डे की संख्या बढ़ी है. इन जगहों पर पहले 65 से 70 ड्राई डे रहता था. जो अब 70 से 80 रहने लगा है. दक्षिण छत्तीसगढ़ में अमूमन 68 से 71 ड्राई डे रहता है. छत्तीसगढ़ में साल के 365 में से 269 से 275 ड्राई डे माना जाता है. बारिश का आंकलन 24 घंटे के दौरान हुई औसत बारिश से लगाया जाता है. छत्तीसगढ़ के धमतरी और बलरामपुर जिले में कमी आई है. भारी बारिश का आंकलन यदि 24 घंटे के दौरान जिले में औसत वर्षा 65.5 से 115.5 मिलीमीटर के बीच बारिश होती है. तो उसे भारी बारिश कहा जाता है. इन जिलों में मानसून के दौरान औसत हेवी रेनफॉल वाले दिनों की संख्या 15-20 दिनों से बढ़कर 25 से 30 दिन हो गई है.

रायपुर : भारतीय मौसम विभाग, पुणे के क्लाइमेट रिसर्च एंड सर्विस सेंटर(Climate Research and Service Center in Pune) ने छत्तीसगढ़ के मानसून को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है. इस रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक मानसून के 30 सालों के आंकड़ों पर आधारित है. इस रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के कोरबा, जांजगीर, बेमेतरा, धमतरी और राजनांदगांव में मानसून के दिनों की संख्या बढ़ी है. जबकि बात सरगुजा की करें तो मानसून के दिन सरगुजा में घटे (Rain days are decreasing in Chhattisgarh Surguja) हैं. मौसम विभाग के इस अनुसंधान के मुताबिक सितंबर में बारिश की मात्रा बढ़ती गई है. इसे 30 सालों के गुणांक के आधार पर निकाला गया है. 1989 से साल 2018 तक के 30 सालों के आंकड़ों पर रिसर्च किया गया है.

सितंबर के महीने में इन जिलों में औसत वर्षा : छत्तीसगढ़ में साल भर में 1124 मिली मीटर से लेकर 1249 मिली मीटर तक बारिश होती है. इस साल भी बारिश छत्तीसगढ़ में 10 से 12 जून के मध्य प्रवेश करने की संभावना है. छत्तीसगढ़ में मानसून बस्तर में प्रवेश करने के साथ ही पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय होता है. सितंबर के महीने में बस्तर में 245.2 मिली मीटर औसत बारिश का रिकॉर्ड है. इसी तरह कांकेर में 214.6 और दुर्ग में 180 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई. इन जिलों में अब सितंबर में औसत से 20 से 30 फीसदी ज्यादा बारिश हो रही है.

छत्तीसगढ़ में 1 जून से 30 सितंबर बारिश : मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक ''छत्तीसगढ़ में 10 जून से लेकर 30 सितंबर तक मानसून का समय रहता (Monsoon activity in Chhattisgarh) है. छत्तीसगढ़ में मानसून के प्रवेश करने की तिथि 10 जून के आसपास रहती है. जून-जुलाई और अगस्त में अच्छी और तेज बारिश होने के बाद सितंबर के महीने में मानसून लौटते समय थोड़ी बहुत बारिश देखने को मिलती थी. लेकिन बीते कुछ सालों से मानसून के आने का समय में बदलाव आने के कारण सितंबर महीने में ज्यादा बारिश होने लगी है. मानसून की विदाई भी 10 से 15 अक्टूबर के बजाय 25 अक्टूबर के बाद हो रही है. मानसूनी बारिश का असर सरगुजा और जसपुर में कम दिख रहा है और मानसूनी बारिश में गिरावट का ट्रेंड है.

किन जिलों में हुई ज्यादा बारिश : छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मॉनसून के दिनों की संख्या में बदलाव देखने को मिला है. कोरबा, जांजगीर, बेमेतरा, धमतरी और राजनांदगांव में मानसून के दिनों की संख्या में वृद्धि हो गई है. जून से सितंबर के बीच औसत रूप से इन जिलों में 40 से 45 मानसून के दिन होते हैं. जिसमें 5 से 10 दिनों की वृद्धि देखने को मिली है.24 घंटे में 2.5 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो उसे रेनी डे कहा जाता है. मानसून के दौरान 1 जून से 30 सितंबर तक 122 दिनों का समय होता है. अनुसंधान के मुताबिक सरगुजा में रेनी डे की संख्या में कमी आई है. छत्तीसगढ़ के उत्तर मध्य और दक्षिण पूर्व क्षेत्रों में 44 से 46 मानसूनी बारिश के दिन हैं. उत्तर पश्चिम और दक्षिण वाले हिस्से में 35 से 39 मानसून के दिन का रिकॉर्ड है. राजनांदगांव, कवर्धा, बलौदाबाजार, रायगढ़, महासमुंद, रायपुर और गरियाबंद में भारी बारिश वाले दिनों की संख्या में वृद्धि हुई है.

किन जिलों में हुई कम बारिश : छत्तीसगढ़ के रायपुर, बस्तर, राजनांदगांव, महासमुंद, कोरबा, जशपुर और बलौदा बाजार में ड्राई डे की संख्या बढ़ी है. इन जगहों पर पहले 65 से 70 ड्राई डे रहता था. जो अब 70 से 80 रहने लगा है. दक्षिण छत्तीसगढ़ में अमूमन 68 से 71 ड्राई डे रहता है. छत्तीसगढ़ में साल के 365 में से 269 से 275 ड्राई डे माना जाता है. बारिश का आंकलन 24 घंटे के दौरान हुई औसत बारिश से लगाया जाता है. छत्तीसगढ़ के धमतरी और बलरामपुर जिले में कमी आई है. भारी बारिश का आंकलन यदि 24 घंटे के दौरान जिले में औसत वर्षा 65.5 से 115.5 मिलीमीटर के बीच बारिश होती है. तो उसे भारी बारिश कहा जाता है. इन जिलों में मानसून के दौरान औसत हेवी रेनफॉल वाले दिनों की संख्या 15-20 दिनों से बढ़कर 25 से 30 दिन हो गई है.

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