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भूपेश बघेल के घर पर शुरू हुई तीजा पोला की तैयारी

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Published : Aug 26, 2022, 1:19 PM IST

chhattisgarh CM wife cooking traditional dishes भूपेश बघेल ने पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल की तीजा पोला की तैयारी को लेकर फोटो ट्विटर एकाउंट पर शेयर की है. इस तस्वीर में वे ठेठरी बनाते हुए दिख रही है. ट्वीट के साथ कैप्शन में सीएम ने लिखा है. शादी के बाद से ही मैंने उन्हें हर तीज त्योहार पर इतनी ही लगन से पकवान अपने हाथों से बनाते देखा है.

Preparation for Teeja Pola at Bhupesh Baghel house
तीजा पोला पर भूपेश बघेल का ट्वीट

रायपुर: छत्तीसगढ़िया सीएम भूपेश बघेल ने एक बहुत ही खूबसूरत ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने अपनी पत्नी की किचन में पकवान बनाते हुई फोटो शेयर की है. फोटो के साथ उन्होंने लिखा है." तीजा-पोला की तैयारी श्रीमती जी ने ठेठरी, खुरमी और चूरमा जैसे पारंपरिक पकवान तैयार कर दिए हैं. शादी के बाद से ही मैंने उन्हें हर तीज त्योहार पर इतनी ही लगन से पकवान अपने हाथों से बनाते देखा है. " सीएम के इस ट्वीट से ही पकवानों की खुशबू सोशल मीडिया पर छा गई है. सीएम ने अमित शाह को छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति का अनुभव करने के लिए शनिवार पोला त्योहार पर मुख्यमंत्री निवास में आमंत्रित किया है. अमित शाह शनिवार को रायपुर पहुंच रहे हैं. वे यहां NIA कार्यालय का उद्घाटन करेंगे. Preparation for Teeja Pola at Bhupesh Baghel house

पोला अमावस्या 2022: शनिवार 27 अगस्त को पोला का पर्व छत्तीसगढ़ में मनाया जाएगा. पोला मनाने के पीछे यह मान्यता है कि भारत देश कृषि प्रधान देश है यहां कृषि को अच्छा बनाने में मवेशियों का विशेष योगदान होता है. भारत देश में इन मवेशियों की पूजा की जाती है. पोला का त्यौहार उन्हीं में से एक है. पोला पर्व के दिन कृषक गाय बैलों की पूजा करते हैं. पोला पर्व खासतौर पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. पोला पर्व के दिन बच्चे मिट्टी और लकड़ी के बने खिलौनों की पूजा पाठ होने के बाद इन खिलौनों से खेलते हैं. मिट्टी और लकड़ी के बने बैल को बच्चे रस्सी से बांधकर खींचकर चलाते हैं. Pola Amavasya 2022

Pola Amavasya 2022 पोला पर्व को लेकर रायपुर में बाजार सजा लेकिन रौनक गायब

30 अगस्त को तीजा का व्रत रखेंगी महिलाएं: पोला के तीन दिन बाद आता है तीजा. सुहागिनों का पर्व. छत्तीसगढ़ में तीज के एक दिन पहले शाम को करू भात खाने की परंपरा है. इस दिन तीज का उपवास रखने वाली महिलाएं रात में करेला और चावल खाती हैं और इसके बाद तीज का व्रत शुरू होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, तीज का व्रत पार्वती माता ने भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए रखा था. सैकड़ों साल तक माता ने भगवान भोलेनाथ की आराधना की थी. इसके फलस्वरूप भगवान शिव प्रसन्न हुए और माता पार्वती को मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दिया. मान्यताओं के अनुसार अखंड सौभाग्य और मनचाहे वर के लिए हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की हस्त नक्षत्र युक्त तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है. इस व्रत को कुवांरी कन्याएं अपने लिए मनचाहा पति पाने और विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़िया सीएम भूपेश बघेल ने एक बहुत ही खूबसूरत ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने अपनी पत्नी की किचन में पकवान बनाते हुई फोटो शेयर की है. फोटो के साथ उन्होंने लिखा है." तीजा-पोला की तैयारी श्रीमती जी ने ठेठरी, खुरमी और चूरमा जैसे पारंपरिक पकवान तैयार कर दिए हैं. शादी के बाद से ही मैंने उन्हें हर तीज त्योहार पर इतनी ही लगन से पकवान अपने हाथों से बनाते देखा है. " सीएम के इस ट्वीट से ही पकवानों की खुशबू सोशल मीडिया पर छा गई है. सीएम ने अमित शाह को छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति का अनुभव करने के लिए शनिवार पोला त्योहार पर मुख्यमंत्री निवास में आमंत्रित किया है. अमित शाह शनिवार को रायपुर पहुंच रहे हैं. वे यहां NIA कार्यालय का उद्घाटन करेंगे. Preparation for Teeja Pola at Bhupesh Baghel house

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30 अगस्त को तीजा का व्रत रखेंगी महिलाएं: पोला के तीन दिन बाद आता है तीजा. सुहागिनों का पर्व. छत्तीसगढ़ में तीज के एक दिन पहले शाम को करू भात खाने की परंपरा है. इस दिन तीज का उपवास रखने वाली महिलाएं रात में करेला और चावल खाती हैं और इसके बाद तीज का व्रत शुरू होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, तीज का व्रत पार्वती माता ने भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए रखा था. सैकड़ों साल तक माता ने भगवान भोलेनाथ की आराधना की थी. इसके फलस्वरूप भगवान शिव प्रसन्न हुए और माता पार्वती को मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दिया. मान्यताओं के अनुसार अखंड सौभाग्य और मनचाहे वर के लिए हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की हस्त नक्षत्र युक्त तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है. इस व्रत को कुवांरी कन्याएं अपने लिए मनचाहा पति पाने और विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं.

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