रायपुरः हाल के दिनों में राजधानी रायपुर के अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों (Post Covid Patients)की संख्या बढ़ गई है. ओपीडी (OPD) में हर रोज ऐसे मरीजों की संख्या देखी जा रही है. इलाज के लिए आने वाले 10 फीसदी मरीजों में शुगर और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की समस्या मिल रही है. कोरोना की वजह से बहुत लोगों के इम्यूनिटी (Immunity) पर भी गहरा प्रभाव देखने को मिल रहा है.
इसके साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी महसूस करना, बाल झड़ना, मानसिक अवसाद, हड्डियां, मांसपेशियों और फेफड़े की समस्या को लेकर भी मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने मेकाहारा रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर देवी ज्योति दास और मेकाहारा मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर आर एल खरे से खास बातचीत की.
मेकाहारा मेडिसिन विभाग में देखने को मिली समस्या
मेकाहारा के मेडिसिन विभाग में महीने में 600 से अधिक पोस्ट कोविड मरीज पहुंच रहे हैं. इनमें से 10% से 15% मतलब 70 से 90 मरीजों में शुगर की समस्या मिल रही है. वहीं आयुर्वेदिक अस्पताल (Ayurvedic Hospital) में हर माह 25 से अधिक पोस्ट कोविड मरीज आ रहे हैं. जिनमें से 10% से 12% में शुगर पाया गया है. वहीं, जिला अस्पताल के ओपीडी में पहुंच रहे मरीजों में भी 10% से 12% मरीज शुगर के हैं.
मरीजों में बढ़ी शुगर की शिकायत
मेकाहारा रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट (Mekahara Respiratory Medicine Department) असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor) देवी ज्योति दास ने बताया कि पोस्ट कोविड मरीज अभी भी आ रहे हैं. हालांकि पहले से उन लोगों का आना कम हुआ है. हम लोग ज्यादातर ओपीडी में मरीजों को देख रहे हैं. उनमें लंबे समय तक खांसी, सांस फूलना, नींद ना आना, बाल झड़ना इस तरह की बीमारी देख रहे हैं. इसके अलावा बहुत सारे मरीज पोस्ट कोविड के भी आ रहे हैं. जिनमें शुगर देखने को मिल रहा है. शुगर की दिक्कत ऐसे लोगों में भी आ रही है जिनको पहले शुगर नहीं था या उन लोग को पता नहीं और अभी जब टेस्ट हो रहा है तो उनमें शुगर मिल रहा है. शुगर और बीपी अगर बढ़ जाता है तो उसके कॉम्प्लिकेशंस बहुत सारे हैं. शुगर की बीमारी से दिल पर असर पड़ता है. आंखों , किडनी पर भी असर पड़ता है.
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पोस्ट कोविड मरीजों में 'टीबी' की भी समस्या
मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर आर.एल. खरे ने बताया कि क्योंकि पोस्ट कोविड मरीजो में शरीर में इम्यूनिटी डाउन रहती है. खाने का स्वाद नहीं मिलता. बहुत सारे लोगों का लंबे समय तक स्वाद और स्मेल चला जा रहा है. जिससे भोजन की मात्रा कम हो जाती है. अपने आप इम्यूनिटी कम कर देता है. टीबी एक ऐसी बीमारी है, जब आप की इम्युनिटी डाउन (Immunity Down) हो जाती है उस समय वह आपको अपनी गिरफ्त में ले लेता है. क्योंकि हम सब के शरीर में टीबी के शुक्राणु (TB sperm) मौजूद है. जब हमारी इम्यूनिटी कम हो जाती है या हम कमजोर होते हैं तब वह हमारे शरीर पर अटैक करता है और हमें बीमार करता है. इसलिए एचआईवी और कैंसर के पेशेंट में ज्यादा रिस्क रहता है. वैसे ही कोविड की वजह से इम्युनिटी बहुत ज्यादा कम हो गई.