रायपुरः एनआरडीए की जमीन को बैंक द्वारा कब्जा किए जाने की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रसारित किया था. अब इस मामले को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य सरकार के कर्ज को लेकर तंज कसते हुए ट्वीट किया, गर्त में जाता कांग्रेस का छत्तीसगढ़ मॉडल, आज कर्ज न चुकाने पर बैंक नया रायपुर की सरकारी संपत्तियों को ले रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन और कर्ज लो और घी पीयो की आदत से विधानसभा, मंत्रालय, चौक-चौराहे के साथ छत्तीसगढ़ महतारी गिरवी हो जाएगी.
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रिटेल कॉम्प्लेक्स में घाटा
मोहम्मद अकबर ने बताया कि रिटेल कॉम्प्लेक्स की निर्माण लागत 262. 31 करोड़ है. निर्माण की लागत अधिक होने से रिटेल कॉम्प्लेक्स प्रति स्क्वायर फीट की दर 9425 रुपए है. यह रायपुर शहर के अन्य रिटेल कॉम्प्लेक्स से अधिक है. मंत्री ने बताया कि रिटेल कॉम्प्लेक्स के निर्माण से पहले मार्केट में इस योजना और इसकी मांग के संबंध में कोई सर्वे नहीं किया गया था. रियल स्टेट में मंदी होने और नवा रायपुर में मांग नहीं होने से रिटेल कॉम्प्लेक्स में दुकानें नहीं बिक पाईं.
मोहम्मद अकबर ने बताया कि नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम कयाबांधा और ग्राम बरौदा के कुल भाग रकबा 2.659 हेक्टेयर भूमि में रिटेल कॉम्प्लेक्स का निर्माण हुआ है. रिटेल कॉम्प्लेक्स और कॉमर्शियल एक्टिविटी के निर्माण के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जून 2016 में 169 करोड़ का लोन लेकर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था. इस निर्माण कार्य को 31 दिसंबर 2012 में पूरा किया गया. लोन में 20.14 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. मंत्री ने बताया कि 30 जून 2021 की स्थिति में 158. 29 करोड़ रुपए का लोन शेष है.
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बिना मांग आकलन के कराया गया रिटेल कंपलेक्स का निर्माण
आवास मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि बिना मांग के आकलन किए पूर्ववर्ती रमन सरकार ने रिटेल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया. मांग के अनुरूप निर्माण कार्य कराया होता तो ऐसी स्थिति नहीं बनती. बिना सर्वे इतने बड़े निर्माण कार्य के कारण यह नौबत आई है. रमन सिंह और उनकी नीति इस मामले में पूरी तरह से जिम्मेदार है. इस पर विचार कर पश्चाताप करने के बजाय वे वर्तमान सरकार पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. संपत्ति को बेच कर बैंक के ऋण का भुगतान किया जाएगा.