भाटापारा : छत्तीसगढ़ राज्य में स्कूली छात्राओं को सशक्तिकरण एवं मजबूत बनाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना के तहत राज्य के लगभग 14,932 स्कुल की बालिकाओं को कराटे का प्रशिक्षण 5 फरवरी से 25 फरवरी के बीच दिया जाना था. जिसके प्रशिक्षण का टेंडर हरियाणा की संस्था शास्त्रांग इंडियन मॉर्डन मार्शल आर्ट को मिला. जिसमे प्रशिक्षण के बाद शिक्षण संस्थान ने प्रति स्कूल का 5000 रुपये का भुगतान करना था. जिसमे बलौदाबाजार-भाटापारा जिला अंतर्गत लगभग 600 से ऊपर स्कूल में प्रशिक्षण होना (plan to waste crores in the name of teaching karate ) था. इस प्रशिक्षण को ब्लैकबेल्ट प्राप्त प्रशिक्षक द्वारा ही दिया जाता. जिसके लिए हरियाणा की संस्था की मनमानी के चलते पूर्व में स्थानीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने कहा गया.
पांच हजार के बदले 1200 का भुगतान : संस्था ने स्थानीय प्रशिक्षकों को 5000 के भुगतान में मात्र 1200 देने की शर्त रखी. संस्था ने सीधे 3800 रूपए खुद रखने को कहा. जिसके बाद बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के साथ पूरे छतीसगढ़ में कराटे सिखाने वाली संस्थाओं के साथ निजी प्रशिक्षकों ने भी भुगतान की राशि कम होने के कारण मना कर दिया. ये टेंडर छत्तीसगढ के बाहर की संस्था को देकर राज्य के लगभग 20 हजार कराटे प्रशिक्षकों के साथ खिलवाड़ (messing with twenty thousand karate instructors) किया गया. वहीं स्कूलों में प्रशिक्षण लगभग बंद रहा.
ये भी पढ़ें- रायपुर को स्मार्ट बनाने के नाम पर करोड़ों खर्च, लेकिन नहीं बना शहर खूबसूरत, ईटीवी भारत की पड़ताल
कुछ स्कूलों में हुआ प्रशिक्षण : कुछ स्कूलों में 1 से 2 दिनों का प्रशिक्षण देकर संस्था अब भुगतान का दबाव बना रही है. जिसमें छात्राओं को प्रशिक्षण नहीं मिलने से उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ (messing with the future) कर मात्र करोड़ों रुपए के बंदर बांट की तैयारी है. जिसके लिए अजय यादव सचिव जिला कराटे संघ बलौदाबाजार-भाटापारा ने मुख्यमंत्री , जिला कलेक्टर , विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं छ.ग. भाजपा उपाध्यक्ष एवं विधायक भाटापारा शिवरतन शर्मा से लिखित में शिकायत की है. वहीं शिवरतन शर्मा ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में प्रश्न लगाया था. लेकिन विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने के कारण सरकार का जवाब नहीं आ पाया.