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astrology on russia ukraine war: 31 मार्च 2022 तक बनी रहेगी रूस-यूक्रेन के बीच विवाद की स्थिति

Russia ukraine conflict: ज्योतिष के अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच अगले एक महीने तक तनाव की स्थिति बनी रहेगी. 27 फरवरी से पंच महाग्रहों की युति बन रही है. जिसके बाद संकट गहरा सकता है.

Opinion of raipur astrologers on Russia Ukraine War
रूस और यूक्रेन विवाद पर रायपुर के ज्योतिषियों की राय
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Published : Feb 26, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Feb 26, 2022, 12:30 PM IST

रायपुर: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia Ukraine War ) जारी है. ज्योतिष की माने तो विवाद की ये स्थिति 31 मार्च 2022 तक बनी रह सकती है. 26 और 27 फरवरी को मंगल और शुक्र थोड़े अंतराल के साथी मकर राशि में प्रवेश करेंगे. जहां शनि उपस्थित है. जिससे गहरा संकट देखने को मिलेगा.

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31 मार्च 2022 तक जारी रहेगा संकट

रूस और यूक्रेन विवाद (Russia ukraine conflict ) को लेकर ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित अरुणेश शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Arunesh Sharma) का कहना है कि 'रूस की बात की जाए तो रूस की राशि तुला है. यूक्रेन की राशि वृषभ है. दोनों का स्वामी शुक्र है. ज्योतिष की नजर से इन दोनों राशियों में षडाष्टक योग बन रहा है. ग्रहों के अनुसार विवाद और हमले की स्थिति 16 जनवरी 2022 से बनी हुई थी. 16 जनवरी को शुक्र और मंगल दोनों साथ होने की वजह से मंगल युद्ध का कारक ग्रह है. शुक्र, रूस और यूक्रेन की राशियों का स्वामी है. गुरु की राशि में योग बना है. इसलिए अहंकार का भाव आ गया है. मंगल और शुक्र ग्रह लंबे समय तक अभी साथ में बने हुए हैं. आगे इसी तरह 31 मार्च 2022 तक बने रहेंगे. 26 और 27 फरवरी को मंगल और शुक्र थोड़े अंतराल के साथ मकर राशि में प्रवेश करेंगे. जहां शनि उपस्थित है. जिससे गहरा संकट देखने को मिलेगा. जिससे वैश्विकस्तर पर प्रभाव रहेगा.

ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित अरुणेश शर्मा

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गुरु के अस्त होने से बनी तनाव की स्थिति

ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Vineet Sharma) ने बताया कि 'देव गुरु बृहस्पति के अस्त हो जाने के बाद ही रूस ने यूक्रेन पर हमला किया. गुरु का अस्त होना विश्व पटल के लिए कल्याणकारी नहीं है. गुरु के अस्त हो जाने से तनाव, दबाव और हाहाकार निर्मित हो रहा है. अष्टका श्राद्ध, नीच का चंद्रमा, हर्षण योग, अनुराधा नक्षत्र के प्रभाव में रूस ने पहला हमला यूक्रेन पर किया. यह स्थिति विश्व और मानवता के लिए नकारात्मक है. इस समय कालसर्प योग भी बना हुआ है. कालसर्प योग एक घातक योग माना जाता है. जिसमें राहु और केतु के मध्य सारे ग्रह एकत्रित हो जाते हैं. यह दशा भी अनुकूल नहीं है.

ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा

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कालसर्प योग से बढ़ सकती है मुश्किल

विनीत शर्मा ने आगे बताया कि 'कूटनीति चतुर नीति और संवेदना के स्तर को समझते हुए इस युद्ध को रोकने के प्रयास होने चाहिए. पहला हमला धनु लग्न में हुआ है. जो कि अग्नि तत्व प्रधान है. यह तनाव, दबाव और युद्ध को बढ़ाने वाला है, यह युद्ध छोटे-छोटे रूप में लंबे समय तक चलेगा. जल्दी सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना नहीं दिख रही है. कुंडली में कालसर्प योग बनना भी अच्छा नहीं माना जाता है. इस समय कालसर्प योग बना हुआ है. यह दोनों देशों के लिए अनुकूल नहीं है. इसी तरह अग्नि तत्व प्रधान लग्न और नीच राशि की चंद्रमा की वजह से तनाव लंबे समय तक रहेगा. 27 फरवरी से पंच महाग्रहों की युति बन रही है.

रायपुर: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia Ukraine War ) जारी है. ज्योतिष की माने तो विवाद की ये स्थिति 31 मार्च 2022 तक बनी रह सकती है. 26 और 27 फरवरी को मंगल और शुक्र थोड़े अंतराल के साथी मकर राशि में प्रवेश करेंगे. जहां शनि उपस्थित है. जिससे गहरा संकट देखने को मिलेगा.

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31 मार्च 2022 तक जारी रहेगा संकट

रूस और यूक्रेन विवाद (Russia ukraine conflict ) को लेकर ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित अरुणेश शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Arunesh Sharma) का कहना है कि 'रूस की बात की जाए तो रूस की राशि तुला है. यूक्रेन की राशि वृषभ है. दोनों का स्वामी शुक्र है. ज्योतिष की नजर से इन दोनों राशियों में षडाष्टक योग बन रहा है. ग्रहों के अनुसार विवाद और हमले की स्थिति 16 जनवरी 2022 से बनी हुई थी. 16 जनवरी को शुक्र और मंगल दोनों साथ होने की वजह से मंगल युद्ध का कारक ग्रह है. शुक्र, रूस और यूक्रेन की राशियों का स्वामी है. गुरु की राशि में योग बना है. इसलिए अहंकार का भाव आ गया है. मंगल और शुक्र ग्रह लंबे समय तक अभी साथ में बने हुए हैं. आगे इसी तरह 31 मार्च 2022 तक बने रहेंगे. 26 और 27 फरवरी को मंगल और शुक्र थोड़े अंतराल के साथ मकर राशि में प्रवेश करेंगे. जहां शनि उपस्थित है. जिससे गहरा संकट देखने को मिलेगा. जिससे वैश्विकस्तर पर प्रभाव रहेगा.

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गुरु के अस्त होने से बनी तनाव की स्थिति

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कालसर्प योग से बढ़ सकती है मुश्किल

विनीत शर्मा ने आगे बताया कि 'कूटनीति चतुर नीति और संवेदना के स्तर को समझते हुए इस युद्ध को रोकने के प्रयास होने चाहिए. पहला हमला धनु लग्न में हुआ है. जो कि अग्नि तत्व प्रधान है. यह तनाव, दबाव और युद्ध को बढ़ाने वाला है, यह युद्ध छोटे-छोटे रूप में लंबे समय तक चलेगा. जल्दी सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना नहीं दिख रही है. कुंडली में कालसर्प योग बनना भी अच्छा नहीं माना जाता है. इस समय कालसर्प योग बना हुआ है. यह दोनों देशों के लिए अनुकूल नहीं है. इसी तरह अग्नि तत्व प्रधान लग्न और नीच राशि की चंद्रमा की वजह से तनाव लंबे समय तक रहेगा. 27 फरवरी से पंच महाग्रहों की युति बन रही है.

Last Updated : Feb 26, 2022, 12:30 PM IST
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