रायपुर : देश की प्रमुख तेल कंपनियां छत्तीसगढ़ से 23 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदने पर सहमति दे दी है. केंद्र सरकार ने बायोफ्यूल राष्ट्रीय नीति-2018 में संशोधन को मंजूरी दी है. हालांकि छत्तीसगढ़ में सरप्लस धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति अब तक नहीं मिली है. केंद्र सरकार ने ही छत्तीसगढ़ से उत्तरप्रदेश और हरियाणा में भी एथेनॉल सप्लाई करने की बात कही है. इतनी डिमांड की वजह से छत्तीसगढ़ में 6 से अधिक एथेनॉल यूनिट अगले साल तक उत्पादन शुरु कर देंगे.लिहाजा एथेनॉल की खरीदी अगले वित्तीय वर्ष से शुरु की जाएगी. इससे पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है .
कब मिली मंजूरी : केन्द्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति-2018 में संशोधन (National Biofuel Policy in india) को मंजूरी दी है. देशभर में अप्रैल 2023 से 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के लिये पहल करने का फैसला भी हुआ है. इसीलिए छत्तीसगढ़ एथेनाॅल बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है. अभी 10% एथेनॉल मिलाने की अनुमति है.लेकिन अब 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने से तेल कंपनियों में डिमांड बढ़ेगी. लिहाजा प्रदेश में एथेनॉल बनाने के लिए जो यूनिट लगाए गए हैं. वो शत-प्रतिशत उत्पादन करने लगेंगे.
छत्तीसगढ़ में कितना होगा उत्पादन : बता दें कि देश में साल 2030 तक कुल 1050 करोड़ लीटर एथेनॉल की मांग होने की संभावना है. अभी सिर्फ 426 करोड़ लीटर एथेनॉल का ही उत्पादन हो रहा है. इसी बीच, छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कई कंपनियों ने एथेनॉल बनाने के लिए 27 एमओयू साइन किए हैं. यहां हर साल कुल 96 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है.
कैसे बनेगा एथेनॉल : केन्द्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने फीड स्टॉक जैसे अनाज (चावल, गेहूं, जौ, मक्का तथा सोरघम), गन्ना (चीनी, चीनी सिरप, गन्ने के रस, बी-हैवी शीरा, सी-हैवी शीरा सहित) चुकन्दर के फर्स्ट जनरेशन (1G) के उत्पादन की अनुमति दी है.लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार लगातार धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांग रही है.क्योंकि प्रदेश में सरप्लस धान का उत्पादन होता है. यदि प्रदेश में धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मिली तो इससे किसानों को भी बड़ा लाभ मिलेगा.
कोंडागांव में मक्के से बनेगा एथेनॉल : बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार कोंडागांव में मक्का आधारित 80 केएलपीडी क्षमता के एथेनॉल संयंत्र की स्थापना की जा रही (Production of ethanol from maize in Kondagaon) है. कोकोड़ी में इसे 131.01 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार किया जा रहा है. इस प्लांट में हर साल 63600 टन मक्के का उपयोग एथेनॉल बनाने में किया जाएगा. प्लांट में रोज 211 टन मक्के से 80 किलो लीटर एथेनॉल का उत्पादन होगा. केन्द्र सरकार ने मक्का आधारित एथेनॉल की कीमत 51.54 रुपए प्रति लीटर तय की है. प्रदेश की 5-6 यूनिट में एथेनॉल का उत्पादन अगले साल से शुरू होगा. यहां 27 में से 15 यूनिट का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से डेवलप हो रहा है.