रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना की सुनामी में मेडिकल सेवा से जुड़े लोगों ने दिन रात मरीजों की सेवा की. इन लोगों ने उस वक्त लोगों की मदद की जब अपने भी संक्रमितों को उन्हीं के हाल पर छोड़कर भाग रहे थे. ऐसे समय में कोरोना मरीजों को समय पर दवाई समेत उनकी सेवा करने वाली नर्सें इन दिनों खुद परेशान हैं.ये नर्सें लंबे अर्से से खुद को रेगुलर करने की मांग शासन से कर (Nurses in Raipur demanded from the Health Minister) रहीं हैं. लेकिन किसी ने इन नर्सों की नहीं सुनी.नर्सों ने शासन से सीधे शब्दों में सवाल किया है कि क्या अब उनकी जरुरत शासन को नहीं है.इस बारे में नर्सों ने स्वास्थ्य विभाग और सीएमओ के पास फरियाद की है. इसी कड़ी में शुक्रवार को नर्सों ने स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव के बंगले में पहुंचकर उन्हें अपनी सेवा और सरकार का किया हुआ वादा याद (Complaint to the Health Minister of Staff Nurses in Raipur ) दिलाया.
नर्सों के साथ कौन-कौन था मौजूद : अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) के बंगले के बाहर नर्सों ने अपनी मांग दोहराई. इस दौरान प्रदीप साहू ने कहा कि '' भयंकर कोविड काल में अपने घर परिवार से दूर रहकर जान की बाजी लगाकर कोरोना मरीजों की रात और दिन सेवा करने वाले लगभग स्टाफ नर्सों को स्वास्थ्य विभाग ने निकाल दिया है. जबकि उन्हें बकायदा नियुक्ति प्रदान की गई थी और आने वाले समय में स्थायी नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन जैसे ही कोविड के मामले कम हुए सरकार उनके साथ यूज एंड थ्रो की पॉलिसी अपनाते हुए उनको सेवा मुक्त कर दिया गया .''
कहां हुई थी नर्सों की भर्ती : स्टाफ नर्सो की भर्ती एकम फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2021 में कोरोना काल के दौरान की गई थी. इन सभी की पोस्टिंग डॉ भीमराव आंबेडकर हॉस्पिटल रायपुर (Dr Bhimrao Ambedkar Hospital Raipur) में दी गई थी. सभी नर्सों को डॉ भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल में कोरोना के दौरान अतिरिक्त कर्मचारियों के रूप में रखा गया था. जिसका इस्तेमाल कोरोना टीकाकरण केंद्रों और अस्पतालों में किया गया.लेकिन जैसे ही कोरोना के मामले कम होने शुरु हुए शासन ने इन स्टाफ नर्सों की छुट्टी करनी शुरु कर दी. एक एक करके नर्सों की सेवा समाप्त की गई. अब ये नर्सें सरकार को अपने काम और उनके वादे को याद दिला रही हैं.जिसमें इन्हें नियमित करने का वादा किया गया था.नियमित तो दूर सरकार ने इन्हें नौकरी से ही हटा दिया.