रायपुर : दीपावली के बाद पेंड्रा से स्वाभिमान यात्रा की शुरुआत होगी.नंदकुमार साय ने कहा कि "छत्तीसगढ़ राज्य बनने के दशकों बीत जाने के बाद आज छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की रक्षा करने की आवश्यकता आन पड़ी है. छत्तीसगढ़ राज्य कर्ज में डूबता जा रहा है. रमन सिंह के शासनकाल में लगभग 42000 करोड़ रुपए का कुल कर्ज था, जो अब बढ़कर एक लाख तीन हजार करोड़ रुपए के लगभग हो चुका है.कर्ज में डूबा छत्तीसगढ़ और कर्ज में डूबी जनता कभी स्वाभिमान से सर नहीं उठा सकती है.
क्यों निकाली जा रही है स्वाभिमान यात्रा : इस यात्रा में छत्तीसगढ़ के लोगों को सम्मानजनक जिंदगी और इज्जत की रोटी की व्यवस्था पर बात होगी. विकास के नाम पर प्रकृति के विनाश को पूरी तरह रोकने के लिए जंगलों की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है. शुद्ध पेयजल के लिए छत्तीसगढ़ की नदियों को शुद्ध और सदानीरा बनाने के लिए यह स्वाभिमान यात्रा है. यह यात्रा छत्तीसगढ़ की व्यवस्था परिवर्तन की यह यात्रा (preparing for Swabhiman Yatra in Chhattisgarh ) है.
क्या है प्रदेश की समस्याएं : स्वाभिमान पार्टी के अध्यक्ष (National Swabhiman Party ) वीरेंद्र पांडेय ने बताया" प्रदेश कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है. धान खरीदी के नाम पर छत्तीसगढ़ के किसानों को षडयंत्र पूर्वक ठगा जा रहा है. जो राजनीतिक दल सत्ता में आए, उन्होंने दाने दाने की खरीद का वादा किया था.लेकिन दाना दाना तो छोड़िए, उपज की सही खरीदारी भी नहीं हो पाती. एक निश्चित समय सीमा के बाद खरीदारी भी बंद हो जाती है. चिटफंड के मामले में वर्तमान सरकार के मुखिया ने राजीव भवन में हजारों अभिकर्ता और निवेशकों के बीच यह कहा था कि सारा पैसा सरकार के बजट से दिया जाएगा. लेकिन अब सरकार और उसके मुखिया वादे से मुकर चुके हैं.''
वीरेंद्र पाण्डेय के मुताबिक रमन सिंह की सरकार और उनके अधिकारियों ने चिटफंड को बढ़ावा दिया और भूपेश बघेल की सरकार ने बजट से पैसे वापसी का झूठा वादा किया.अब न तो बजट से देने की कोई बात है और ना ही इस धन वापसी की वसूली के लिए किसी प्रकार के टैक्स लगाने की कोई बात है. जो भूपेश बघेल ने कहा था. वर्तमान कांग्रेस सरकार न तो कोई नीति बना पा रही है और न ही पूर्ण रूप से शराब प्रतिबंधित कर पा रही है. पूर्व की सरकार ने शराब की जो व्यवस्था लागू की थी वह आज दुगने– चौगुने स्तर पर छत्तीसगढ़ में चल रही है. छत्तीसगढ़ में अंधाधुंध जंगलों की कटाई का दुष्परिणाम यह हो गया है कि आज नक्सलियों से ज्यादा बड़ी समस्या छत्तीसगढ़ के लिए हाथी, तेंदुए, भालू और बंदर हो गए हैं. लोगों को जान बचाना मुश्किल हो रहा है. हाथी घर उजाड़ रहे हैं, तेंदुए और भालू सड़कों पर घूम रहे हैं.
अमरकंटक में निकलेगी स्वाभिमान यात्रा : दीपावली के बाद पेंड्रा रोड, अमरकंटक से "स्वाभिमान यात्रा छत्तीसगढ़" का रथ हजारों लोगों की मौजूदगी में निकाला जाएगा. जो कि छत्तीसगढ़ के हर जिले, कस्बे तक नंदकुमार साय और वीरेंद्र पांडेय सहित यात्रा संचालन समिति के सदस्यों के साथ पहुंचेगा.