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पांचवें और सातवें दिन के बाद कोविड संक्रमितों की सबसे ज्यादा मौत

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Published : Sep 8, 2021, 10:01 PM IST

कोरोना संक्रमण को लेकर रायपुर में आईसीयू डिपार्टमेंट (ICU Department) के विशेषज्ञों का मानना है कि सर्वाधिक मौतें संक्रमण (Infection) के 5 से 7 दिन के बाद ही हुई है. उन्होंने कहा कि सेकेंड बेव (second wave) में लोगों की अधिक मौतें हुईं.

30 to 50 percent of infected patients die in the state
प्रदेश में 30 से 50 फीसदी संक्रमित मरीजों की मौत

रायपुरः छत्तीसगढ़ में अब तक कोरोना के 10 लाख 4 हज़ार 724 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं, जिसमें से 13,557 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. डाॅक्टर बता रहे हैं कि सर्वाधिक मौतें संक्रमण के 5 से 7 दिन के बाद ही हुई है. उन्होंने कहा कि सेकेंड बेव (second wave) में लोगों की अधिक मौत हुई हैं.

लाखों लोग अब तक कोरोना से अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं भारत की बात की जाए तो अब तक पूरे भारत में 3 करोड़ 30 लाख 96 हजार 718 लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुका है. इसमें से 3 करोड़ 22 लाख 64 हजार 051 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. वहीं अब तक पूरे देश में 4 लाख 41 हजार 411 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है.

पांचवें और सातवें दिन के बाद कोविड संक्रमितों की सर्वाधिक मौत

स्कूलों में मौत से साये में पढ़ रहे बच्चे! 50% स्टाफ को नहीं लगी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज

छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली लहर के मुकाबले, दूसरी लहर में दोगुने लोगों की कोरोना से मौत (death from corona) हुई है. प्रदेश में अब तक 13 हजार 557 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. इसमें से कोरोना की पहली लहर में ( अगस्त 2020 से नवंबर 2020) 30 फीसदी लोगों की मौत कोरोना से हुई है. बाकी 70 फीसदी मौतें (मार्च 2021 से जून 2021) कोरोना से दूसरी लहर में हुई है.

इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत कोरोना से तब हुई जब संक्रमित होने के बावजूद उन्होंने हॉस्पिटल आने में देरी कर दी. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे ऐसे संक्रमित मरीज थे जो हॉस्पिटल देर से पहुंच रहे थे इस वजह से उन्हें बचाना मुश्किल हो रहा था. वहीं, समय से हॉस्पिटल पहुंचने वाले संक्रमित मरीजों की जान बचा ली जा रही थी.

साइटोकाइन स्टॉर्म फेज में सर्वाधिक मौतें

कोरोना आईसीयू डिपार्टमेंट (ICU Department) हेड ओ पी सुंदरानी ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति कोविड से संक्रमित (infected with covid) होता है, उसके 5 से 7 दिन को हम 'साइटोकाइन स्टॉर्म' (cytokine storm) का फेज कहते हैं. तो जितनी भी डेथ हुई है उसमें से 30-50 फीसदी डेथ हुई है, वह उस फेज में हुई है. अब इसका को-रिलेशन (Co-Relation) हॉस्पिटल में एडमिशन (hospital admission) के कितने दिन बाद हुआ, इससे बेहतर हम यह कह सकते हैं कि सिम्टम्स (Symptoms) आने के कितने दिन बाद हुआ, क्योंकि कुछ पेशेंट सिम्टम्स (patient symptoms) आते ही हॉस्पिटल में एडमिट (hospital admission) हो जाते हैं, तो उनकी डेथ होती है तो वह 7वें दिन होती है. अगर कोई मरीज संक्रमित होने के 5 दिन बाद हॉस्पिटल में एडमिट होता है तो हो सकता है कि उसकी डेथ अगले दिन ही हो जाए. तो मैक्सिमम संक्रमित मरीजों के डेथ जो देखने को मिली है वह संक्रमित होने के 5 से 7 दिन के बाद ही हुई है.

दूसरी लहर के शुरुआती दिन में हुआ था आउटब्रेक

कोरोना से मौत की संख्या सेकेंड वेब में ज्यादा है. क्योंकि डेफिनेटली सेकेंड वेब में नंबर ऑफ़ पेशेंट्स भी ज्यादा थे. 12 अप्रैल से लेकर 19 अप्रैल तक प्रदेश में आउटब्रेक हुआ था. इस दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में संक्रमित मरीज मिल रहे थे, लगभग रोजाना उस दौरान 15000 संक्रमित मरीज प्रदेश में मिल रहे थे. तो उस समय हमें मौतों की संख्या ज्यादा देखने को मिली है जो कि पहली लहर से ज्यादा ही रही होगी. क्योंकि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में नंबर ऑफ पेशेंट भी ज्यादा थे. वहीं अगर रिकवरी रेट की बात करेंगे तो सेकंड वेब में रिकवरी रेट्स भी काफी ज्यादा थे.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में अब तक कोरोना के 10 लाख 4 हज़ार 724 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं, जिसमें से 13,557 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. डाॅक्टर बता रहे हैं कि सर्वाधिक मौतें संक्रमण के 5 से 7 दिन के बाद ही हुई है. उन्होंने कहा कि सेकेंड बेव (second wave) में लोगों की अधिक मौत हुई हैं.

लाखों लोग अब तक कोरोना से अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं भारत की बात की जाए तो अब तक पूरे भारत में 3 करोड़ 30 लाख 96 हजार 718 लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुका है. इसमें से 3 करोड़ 22 लाख 64 हजार 051 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. वहीं अब तक पूरे देश में 4 लाख 41 हजार 411 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है.

पांचवें और सातवें दिन के बाद कोविड संक्रमितों की सर्वाधिक मौत

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छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली लहर के मुकाबले, दूसरी लहर में दोगुने लोगों की कोरोना से मौत (death from corona) हुई है. प्रदेश में अब तक 13 हजार 557 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. इसमें से कोरोना की पहली लहर में ( अगस्त 2020 से नवंबर 2020) 30 फीसदी लोगों की मौत कोरोना से हुई है. बाकी 70 फीसदी मौतें (मार्च 2021 से जून 2021) कोरोना से दूसरी लहर में हुई है.

इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत कोरोना से तब हुई जब संक्रमित होने के बावजूद उन्होंने हॉस्पिटल आने में देरी कर दी. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे ऐसे संक्रमित मरीज थे जो हॉस्पिटल देर से पहुंच रहे थे इस वजह से उन्हें बचाना मुश्किल हो रहा था. वहीं, समय से हॉस्पिटल पहुंचने वाले संक्रमित मरीजों की जान बचा ली जा रही थी.

साइटोकाइन स्टॉर्म फेज में सर्वाधिक मौतें

कोरोना आईसीयू डिपार्टमेंट (ICU Department) हेड ओ पी सुंदरानी ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति कोविड से संक्रमित (infected with covid) होता है, उसके 5 से 7 दिन को हम 'साइटोकाइन स्टॉर्म' (cytokine storm) का फेज कहते हैं. तो जितनी भी डेथ हुई है उसमें से 30-50 फीसदी डेथ हुई है, वह उस फेज में हुई है. अब इसका को-रिलेशन (Co-Relation) हॉस्पिटल में एडमिशन (hospital admission) के कितने दिन बाद हुआ, इससे बेहतर हम यह कह सकते हैं कि सिम्टम्स (Symptoms) आने के कितने दिन बाद हुआ, क्योंकि कुछ पेशेंट सिम्टम्स (patient symptoms) आते ही हॉस्पिटल में एडमिट (hospital admission) हो जाते हैं, तो उनकी डेथ होती है तो वह 7वें दिन होती है. अगर कोई मरीज संक्रमित होने के 5 दिन बाद हॉस्पिटल में एडमिट होता है तो हो सकता है कि उसकी डेथ अगले दिन ही हो जाए. तो मैक्सिमम संक्रमित मरीजों के डेथ जो देखने को मिली है वह संक्रमित होने के 5 से 7 दिन के बाद ही हुई है.

दूसरी लहर के शुरुआती दिन में हुआ था आउटब्रेक

कोरोना से मौत की संख्या सेकेंड वेब में ज्यादा है. क्योंकि डेफिनेटली सेकेंड वेब में नंबर ऑफ़ पेशेंट्स भी ज्यादा थे. 12 अप्रैल से लेकर 19 अप्रैल तक प्रदेश में आउटब्रेक हुआ था. इस दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में संक्रमित मरीज मिल रहे थे, लगभग रोजाना उस दौरान 15000 संक्रमित मरीज प्रदेश में मिल रहे थे. तो उस समय हमें मौतों की संख्या ज्यादा देखने को मिली है जो कि पहली लहर से ज्यादा ही रही होगी. क्योंकि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में नंबर ऑफ पेशेंट भी ज्यादा थे. वहीं अगर रिकवरी रेट की बात करेंगे तो सेकंड वेब में रिकवरी रेट्स भी काफी ज्यादा थे.

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