रायपुर: हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार है. भारत देश कृषि प्रधान देश होने के साथ ही हरेली किसानों का प्रमुख त्योहार के रूप में माना जाता है. गुरुवार शाम को प्रदर्शन स्थल पर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने हरेली त्यौहार मनाया और कृषि औजारों की पूजा अर्चना की. इसके साथ ही गेड़ी चढ़कर इस हरेली त्यौहार का उत्सव मनाया गया. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार 25 जुलाई से पांच दिवसीय हड़ताल पर है. हड़ताल के चौथे दिन हरेली त्यौहार का उत्सव प्रदर्शन स्थल पर मनाया गया. यह आंदोलन 29 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान प्रदेश भर के 56 सरकारी कार्यालयों के लगभग 5 लाख कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं.ऐसे में प्रदेश भर के सभी विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप और बंद है. (Staff Officers Federation celebrated Hareli tihar )
छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठवां वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं.
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मांग पूरी नहीं होने पर अगले महीने करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन रायपुर संभाग के संयोजक अजय तिवारी ने बताया कि हमारी तीन सूत्रीय मांगों में पहला महंगाई भत्ता, दूसरा गृह भाड़ा भत्ता में बढ़ोतरी की जाए और तीसरा अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए. छत्तीसगढ़ में चार अलग-अलग कैटेगरी में महंगाई भत्ता दिया जाता है. आईएएस अधिकारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. पेंशनर को 17प्रतिशत दिया जा रहा है. राज्य के कर्मचारियों को 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. केंद्र सरकार की तुलना में राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारियों को 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता कम मिल रहा है. जिसके विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. 1 साल में दो बार विधायकों का महंगाई भत्ता बढ़ता है. इस तरह का भेदभाव या असमानता राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारियों के साथ क्यों हो रहा है. "
हड़ताल के दौरान सरकार को नहीं मिलेगा राजस्व: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक उमेश मुदलियार ने बताया "प्रदेश के 56 विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. जिसमें राजस्व विभाग चिकित्सा विभाग रजिस्ट्री कार्यालय आरटीओ कार्यालय आबकारी विभाग ऐसे तमाम तरह के कार्यालय जहां पर आम जनता के काम रोजाना होते हैं. वहां पर काम पूरी तरह से रुक गया है. कई विभागों से सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है. वहां से सरकार को किसी तरह का कोई राजस्व नहीं मिलेगा. "
12 प्रतिशत कम मिल रहा महंगाई भत्ता: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन महिला प्रकोष्ठ की जिला संयोजक ममता गायकवाड ने बताया "गृह भाड़ा भत्ता और महंगाई भत्ता में हम केंद्र से 12% पीछे हैं. केंद्र सरकार सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता और एरियर्स दे रही. लेकिन राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. विधायक निधि और विधायकों का वेतन जरूर बढ़ रहा है लेकिन राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों का वेतन में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही. करोना काल के समय सभी विभाग के लोग सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किए हैं. बावजूद इसके राज्य सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है. हमें उपेक्षित होना पड़ रहा है."