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International family day: भंसाली कल्पवृक्ष में एक छत के नीचे रहते हैं परिवार के 70 लोग

अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस पर ETV भारत आपको रायपुर के एक ऐसे परिवार से मिला रहा है जिसमें 4 भाइयों के 14 बेटे उनकी 14 पत्नियां, भाइयों के 33 बच्चे, चार नई बहुएं और तीन बच्चे एक साथ रहते हैं.

International family day 2022
रायपुर का भंसाली परिवार
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Published : May 15, 2022, 9:52 AM IST

Updated : May 15, 2023, 6:33 PM IST

रायपुर: भारतीय संस्कृति में परिवार का बड़ा महत्व है. 90 के दशक तक हमारे देश में संयुक्त परिवार एक आम बात थी. लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया. टेक्नोलॉजी बदली और इसी के साथ ही संयुक्त परिवार सीमित परिवार में बदल गया. अब हालात ये है कि किसी पारिवारिक समारोह में ही परिवार के लोग एक दूसरे से मिल पाते हैं. इसे ये कहना ठीक रहेगा कि समय के साथ परिवार की अहमियत भी कम हो गई. परिवार के महत्व को जिंदा रखने के लिए ही हर साल 15 मई को International family day मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस 2023 पर ETV भारत आपको रायपुर के भंसाली परिवार से मिला रहा है. इस परिवार में कुल 70 सदस्य हैं.

(Bhansali family of Raipur example of joint family)

रायपुर का भंसाली परिवार संयुक्त परिवार की मिसाल

पूरा परिवार एक साथ रहे ये सपना था: रायपुर का भंसाली परिवार पिछले चार पीढ़ियों से संयुक्त रूप से एक ही छत के नीचे रह रहा है. इस परिवार में 70 सदस्य हैं और सभी एक ही छत के नीचे रहते हैं. भंसाली परिवार के मुखिया कमल भंसाली ने बताया कि "संयुक्त परिवार में बेहद आनंद है. जीवन में कितने भी बड़े दुख आ जाएं संयुक्त परिवार है तो उसे सहन करने की क्षमता रहती है. परिवार में सभी के दुख को अपना दुख और सभी के सुख को अपना सुख समझ कर रह रहे हैं. हमारा सपना था कि पूरा परिवार एक साथ रहे. आज हम 14 भाई एक साथ यहां रहते हैं. पिताजी चार भाई थे उनके हम 14 बेटे और 11 बेटियां हैं. किसी भी तरह के आयोजन में हमें बाहरी लोगों की जरूरत नहीं पड़ती".

परिवार में सभी के काम बंटे: अभय भंसाली ने बताया कि "हम सभी भाइयों ने अपने काम बांट रखे हैं. हमारा परिवार ज्वेलरी के कारोबार से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा भी अन्य व्यापार हैं. सभी अपने-अपने काम करते हैं. हम सभी एक दूसरे की मदद करते हैं. परिवार में चार मां है. 18 बहु हैं. अलग-अलग परिवार से आई बहुएं एक साथ सहेलियों की तरह रहती हैं. 22 बहुएं एक साथ रहती है जो अपने आप में एक चमत्कार है.

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शादी में नहीं पड़ी किसी की जरूरत: सुरेश भंसाली ने बताया कि कोरोना काल में घर में भतीजे की शादी थी. लॉकडाउन के दौरान हमने वधू पक्ष के 15 लोगों को घर में ही बुला लिया था. सभी रस्में की गई और धूमधाम से शादी की गई. शादी हमारे लिए एक मिसाल बन गई. घर में 70 सदस्य थे और शादी में बाहर से किसी को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी.

संयुक्त परिवार ना बिखरे: शांति लाल भंसाली ने बताया कि "संयुक्त परिवार में रहने का जो मजा है. वह एकल परिवार में नहीं है. परिवार में बड़े भाई और छोटे भाई हम सभी एक दूसरे के लिए हर समय खड़े रहते हैं. चाहे रात हो या दिन सभी एक दूसरे की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं. संयुक्त रूप में रहने का यह एक बड़ा फायदा है. लोगों से भी मैं अपील करना चाहूंगा कि जो संयुक्त परिवार में रहते हैं वे ना बिखरे. अगर आप संयुक्त परिवार में रहते हैं. तो आपकी जिंदगी सफल हो जाएगी".

घर की बुजुर्ग से राय शुमारी कर लिया जाता है फैसला: भंसाली परिवार के चार पीढ़ियों के 70 सदस्य हैं. घर के मुखिया ललित भंसाली है. लेकिन जब भी फैसले लेने की बारी आती है तो घर के बुजुर्ग रतन देवी सरस्वती देवी और सुशीला देवी से पूछ कर फैसला लिया जाता है. इस परिवार में 4 भाइयों के 14 बेटे और उनकी 14 पत्नियां 14 भाइयों के 33 बच्चे हैं, परिवार में उन बच्चो में से 4 लड़कों की शादी हो चुकी है घर में तीन छोटे बच्चे हैं.

45 लोगों को एक साथ हुआ था कोरोना: प्रकाश भंसाली ने बताया कि "कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान एक साथ परिवार के 45 लोगों को कोरोना हुआ था. जिसमें से मैं अकेला अस्पताल में एडमिट हुआ था. उस दौरान मैं 12 दिन अस्पताल में था. बाकी सदस्य जिन्हें कोविड नहीं हुआ था उन्होंने परिवार के सभी लोगों की देखभाल की . घर चारों ओर से सील हो गया था और उस दौरान गर्म पानी से लेकर जो जरूरत की चीजें थी वह उपलब्ध कराई गई. 27 दिन हमारा व्यापार बंद रहा, और इस दौरान सभी लोगों ने एक दूसरे की बेहद मदद की".

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भंसाली कल्पवृक्ष में रहता है पूरा परिवार: पारस भंसाली ने बताया कि "80 साल पहले परिवार के मुखिया करण भंसाली रायपुर आए थे. उनके चार बेटे अनुज भंसाली मनोहरमल भंसाली, त्रिलोकचंद भंसाली और गजराज भंसाली थे. उनके हम 14 बेटे हैं, पहले सभी भाइयों का खुद का कारोबार था. सभी छोटे छोटे मकान में रहते थे. परिवार बढ़ता गया तो एक साथ रहने लगे और हम सबकी इच्छा थी कि सभी एक साथ रहे. इसलिए एक जमीन लेकर 6 मंजिला अपार्टमेंट बनाया. जहां 14 फ्लैट में सभी भाइयों का परिवार रहता है. 6 मंजिला अपार्टमेंट में लोअर ग्राउंड फ्लोर, ग्राउंड फ्लोर और चार मंजिल अपार्टमेंट है. घर में 25 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है. घर में स्पोर्ट्स जोन के अलावा मिनी थियेटर, स्पा, जकूजी और जिम भी मौजूद है. परिवार के सभी सदस्य साल में एक साथ बाहर घूमने भी जाते हैं.

14 बहुएं रहती हैं बहनों की तरह: घर में दूसरी पीढ़ी की 14 बहुएं हैं. सभी एक साथ बहनों की तरह रहती है. घर में सभी छोटे लोगों की भी सुनी जाती है. घर में यह पता ही नहीं चलता कि काम कैसे हो रहा है. सभी बेहद प्रेम से रहते हैं और सब चीजों को मैनेज करते हैं".

वीकेंड में एक साथ टाइम बिताता है परिवार: घर के मुखिया कमल भंसाली ने बताया कि रविवार के दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ समय बिताते हैं. घर में एक बड़ा किचन है. जहां सभी के लिए एक साथ खाना बनता है. सभी एक साथ नाश्ता करते हैं. एक संयुक्त परिवार के साथ रहने का जो आनंद है उसे सभी महसूस करते हैं.

रायपुर: भारतीय संस्कृति में परिवार का बड़ा महत्व है. 90 के दशक तक हमारे देश में संयुक्त परिवार एक आम बात थी. लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया. टेक्नोलॉजी बदली और इसी के साथ ही संयुक्त परिवार सीमित परिवार में बदल गया. अब हालात ये है कि किसी पारिवारिक समारोह में ही परिवार के लोग एक दूसरे से मिल पाते हैं. इसे ये कहना ठीक रहेगा कि समय के साथ परिवार की अहमियत भी कम हो गई. परिवार के महत्व को जिंदा रखने के लिए ही हर साल 15 मई को International family day मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस 2023 पर ETV भारत आपको रायपुर के भंसाली परिवार से मिला रहा है. इस परिवार में कुल 70 सदस्य हैं.

(Bhansali family of Raipur example of joint family)

रायपुर का भंसाली परिवार संयुक्त परिवार की मिसाल

पूरा परिवार एक साथ रहे ये सपना था: रायपुर का भंसाली परिवार पिछले चार पीढ़ियों से संयुक्त रूप से एक ही छत के नीचे रह रहा है. इस परिवार में 70 सदस्य हैं और सभी एक ही छत के नीचे रहते हैं. भंसाली परिवार के मुखिया कमल भंसाली ने बताया कि "संयुक्त परिवार में बेहद आनंद है. जीवन में कितने भी बड़े दुख आ जाएं संयुक्त परिवार है तो उसे सहन करने की क्षमता रहती है. परिवार में सभी के दुख को अपना दुख और सभी के सुख को अपना सुख समझ कर रह रहे हैं. हमारा सपना था कि पूरा परिवार एक साथ रहे. आज हम 14 भाई एक साथ यहां रहते हैं. पिताजी चार भाई थे उनके हम 14 बेटे और 11 बेटियां हैं. किसी भी तरह के आयोजन में हमें बाहरी लोगों की जरूरत नहीं पड़ती".

परिवार में सभी के काम बंटे: अभय भंसाली ने बताया कि "हम सभी भाइयों ने अपने काम बांट रखे हैं. हमारा परिवार ज्वेलरी के कारोबार से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा भी अन्य व्यापार हैं. सभी अपने-अपने काम करते हैं. हम सभी एक दूसरे की मदद करते हैं. परिवार में चार मां है. 18 बहु हैं. अलग-अलग परिवार से आई बहुएं एक साथ सहेलियों की तरह रहती हैं. 22 बहुएं एक साथ रहती है जो अपने आप में एक चमत्कार है.

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शादी में नहीं पड़ी किसी की जरूरत: सुरेश भंसाली ने बताया कि कोरोना काल में घर में भतीजे की शादी थी. लॉकडाउन के दौरान हमने वधू पक्ष के 15 लोगों को घर में ही बुला लिया था. सभी रस्में की गई और धूमधाम से शादी की गई. शादी हमारे लिए एक मिसाल बन गई. घर में 70 सदस्य थे और शादी में बाहर से किसी को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी.

संयुक्त परिवार ना बिखरे: शांति लाल भंसाली ने बताया कि "संयुक्त परिवार में रहने का जो मजा है. वह एकल परिवार में नहीं है. परिवार में बड़े भाई और छोटे भाई हम सभी एक दूसरे के लिए हर समय खड़े रहते हैं. चाहे रात हो या दिन सभी एक दूसरे की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं. संयुक्त रूप में रहने का यह एक बड़ा फायदा है. लोगों से भी मैं अपील करना चाहूंगा कि जो संयुक्त परिवार में रहते हैं वे ना बिखरे. अगर आप संयुक्त परिवार में रहते हैं. तो आपकी जिंदगी सफल हो जाएगी".

घर की बुजुर्ग से राय शुमारी कर लिया जाता है फैसला: भंसाली परिवार के चार पीढ़ियों के 70 सदस्य हैं. घर के मुखिया ललित भंसाली है. लेकिन जब भी फैसले लेने की बारी आती है तो घर के बुजुर्ग रतन देवी सरस्वती देवी और सुशीला देवी से पूछ कर फैसला लिया जाता है. इस परिवार में 4 भाइयों के 14 बेटे और उनकी 14 पत्नियां 14 भाइयों के 33 बच्चे हैं, परिवार में उन बच्चो में से 4 लड़कों की शादी हो चुकी है घर में तीन छोटे बच्चे हैं.

45 लोगों को एक साथ हुआ था कोरोना: प्रकाश भंसाली ने बताया कि "कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान एक साथ परिवार के 45 लोगों को कोरोना हुआ था. जिसमें से मैं अकेला अस्पताल में एडमिट हुआ था. उस दौरान मैं 12 दिन अस्पताल में था. बाकी सदस्य जिन्हें कोविड नहीं हुआ था उन्होंने परिवार के सभी लोगों की देखभाल की . घर चारों ओर से सील हो गया था और उस दौरान गर्म पानी से लेकर जो जरूरत की चीजें थी वह उपलब्ध कराई गई. 27 दिन हमारा व्यापार बंद रहा, और इस दौरान सभी लोगों ने एक दूसरे की बेहद मदद की".

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भंसाली कल्पवृक्ष में रहता है पूरा परिवार: पारस भंसाली ने बताया कि "80 साल पहले परिवार के मुखिया करण भंसाली रायपुर आए थे. उनके चार बेटे अनुज भंसाली मनोहरमल भंसाली, त्रिलोकचंद भंसाली और गजराज भंसाली थे. उनके हम 14 बेटे हैं, पहले सभी भाइयों का खुद का कारोबार था. सभी छोटे छोटे मकान में रहते थे. परिवार बढ़ता गया तो एक साथ रहने लगे और हम सबकी इच्छा थी कि सभी एक साथ रहे. इसलिए एक जमीन लेकर 6 मंजिला अपार्टमेंट बनाया. जहां 14 फ्लैट में सभी भाइयों का परिवार रहता है. 6 मंजिला अपार्टमेंट में लोअर ग्राउंड फ्लोर, ग्राउंड फ्लोर और चार मंजिल अपार्टमेंट है. घर में 25 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है. घर में स्पोर्ट्स जोन के अलावा मिनी थियेटर, स्पा, जकूजी और जिम भी मौजूद है. परिवार के सभी सदस्य साल में एक साथ बाहर घूमने भी जाते हैं.

14 बहुएं रहती हैं बहनों की तरह: घर में दूसरी पीढ़ी की 14 बहुएं हैं. सभी एक साथ बहनों की तरह रहती है. घर में सभी छोटे लोगों की भी सुनी जाती है. घर में यह पता ही नहीं चलता कि काम कैसे हो रहा है. सभी बेहद प्रेम से रहते हैं और सब चीजों को मैनेज करते हैं".

वीकेंड में एक साथ टाइम बिताता है परिवार: घर के मुखिया कमल भंसाली ने बताया कि रविवार के दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ समय बिताते हैं. घर में एक बड़ा किचन है. जहां सभी के लिए एक साथ खाना बनता है. सभी एक साथ नाश्ता करते हैं. एक संयुक्त परिवार के साथ रहने का जो आनंद है उसे सभी महसूस करते हैं.

Last Updated : May 15, 2023, 6:33 PM IST
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