रायपुर: राजधानी में स्थापित एशिया के सबसे बड़ा मानव निर्मित जंगल सफारी प्रबंधन अपने जीव-जंतुओं की सुरक्षा को लेकर सक्रिय है. जंगल सफारी में प्रवेश के लिए प्रबंधन ने पर्यटकों को कोविड-19 की रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया है. जिनके पास कोविड रिपोर्ट नहीं है, उन पर्यटकों का सफारी के बाहर ही रैपिड टेस्ट कराया जा रहा है. कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें इंट्री दी जा रही है.
RTPCR रिपोर्ट भी अनिवार्य
जंगल सफारी प्रबंधन ने कोरोना टेस्ट के लिए बाकायदा पार्किंग स्थल पर जगह चिन्हित कर रखा है. यहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आने वाले पर्यटकों का एंटीजन टेस्ट कर रहे हैं. पांच मिनट के भीतर पर्यटकों को रिपोर्ट सौंप दी जाती है. उसके बाद उन्हें टोकन दिया जाता है. उस टोकन के आधार पर ही पर्यटकों को टिकट दी जा रही है. यदि कोई पर्यटक कोविड-19 टेस्ट नहीं कराना चाहते और उनके पास 72 घंटे पहले की RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट है तो उसे दिखाने के बाद ही एंट्री दी जाएगी.
कोविड टेस्ट की व्यवस्था से पर्यटक भी संतुष्ट
जंगल सफारी में प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी पर्यटक आते हैं. दुर्ग से अपनी पत्नी और बच्चे के साथ आए अरुण सोनी बताते हैं कि 'हम पहली बार जंगल सफारी आए हैं. सफारी में प्रवेश के लिए जब टिकट काउंटर पर गए तो हमें कोविड-19 टेस्ट के लिए कहा गया. उसके बाद हम पार्किंग में गए. जहां टेस्ट के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. प्रबंधन की ओर से यह अच्छी पहल है कि टेस्ट करवाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है. चूंकि यहां सैकड़ों कर्मचारी हैं. बहुत से जानवर हैं. कई पर्यटक यहां आ रहे हैं. इससे उनको भी बचाव होगा. यहां आकर हमें बहुत अच्छा लगा. फैमिली के साथ हमने खूब एन्जॉय किया'
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भिलाई से पहली बार जंगल सफारी देखने पहुंचे
भिलाई से पहली बार अपने परिवार के साथ सफारी घूमने आई शिल्पी ने बताया कि 'बिना कोविड टेस्ट रिपोर्ट के अंदर प्रवेश वर्जित है. कोविड टेस्ट रिपोर्ट सभी के लिए अनिवार्य कर दिया है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रबंधन ने टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य किया है. यह अच्छी बात है. हमने भी परिवार समेत कोविड टेस्ट करवाया है. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है. उसके बाद ही हमें अंदर इंट्री दी गई है. यहां आकर हमें बहुत अच्छा लगा.
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जानवरों के साथ स्टाफ की भी सुरक्षा
जंगल सफारी के डिप्टी रेंजर शंकर यादव कहते हैं कि 'पहले सामान्यतः सभी लोगों को जाने दिया जाता था, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एंटीजन टेस्ट कराया जा रहा है. जो पर्यटक नहीं जानते, उन्हें टिकट काउंटर पर ही जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. बिना रिपोर्ट के आए पर्यटकों को काउंटर पर टिकट नहीं दिया जा रहा है. उन्हें बताया जाता है कि पार्किंग में कोविड टेस्ट हो रहा है. आप वहां जाकर पहले टेस्ट कराएं. यदि आपकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो वहां टोकन दिया जाएगा. उसके बाद टोकन के आधार पर टिकट दिया जाता है. यदि किसी पर्यटक के पास 72 घंटे पहले का RTPCR रिपोर्ट है तो उन्हें जंगल सफारी में इंट्री दी जा रही है'.
रायपुर की जंगल सफारी को जानिए
रेलवे स्टेशन से लगभग 35 किमी और स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा, रायपुर से 15 किमी दूर छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में एक जंगल बसाया गया है. करीब 800 एकड़ में फैले इस जंगल में शेर-बाघ, भालू जैसे जानवर रहते हैं. 800 एकड़ में फैले इस जंगल सफारी के मुख्यद्वार पर जब आप पहुंचते हैं तो लगता है कि किसी बड़े पार्क या गार्डन में पहुंच गए हैं. हर तरफ हरियाली और खंडवा जलाशय के किनारे का नजारा देखकर मन खुश हो जाता है.
जंगल के अंदर अलग-अलग चार सफारी
- हर्बीवोर सफारी
- बियर सफारी
- टाइगर सफारी
- लॉयन सफारी
रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से रायपुर जंगल सफारी की दूरी
- रेलवे स्टेशन से लगभग 35 किमी और स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा, रायपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर.
- एक बात का खास ध्यान रखें. अगर आप कहीं बाहर से आए हैं तो अंदर और आसपास रहने के लिए आपको कुछ नहीं मिलेगा. कहीं रुकने के लिए आपको रायपुर मुख्य शहर का रुख करना पड़ेगा.