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Shardiya Navratri Day 8 Pooja: सुख सौभाग्य और आरोग्य के लिए कीजिए मां महागौरी की पूजा - Shardiya Navratri Day 8 Pooja

maa mahagauri pooja: महागौरी की पूजा अर्चना से पूर्व जन्म के पाप नष्ट होते हैं. इसके साथ ही इस जन्म के दुख, दरिद्रता और कष्ट भी मिट जाते हैं. देवी महागौरी की पूजा अर्चना से कुंडली का कमजोर शुक्र मजबूत होता है. इसलिए शादी विवाह में आई परेशानियों को दूर करने के लिए महागौरी का पूजन किया जाता है. महागौरी की पूजा अर्चना से दांपत्य जीवन सुखद होता है साथ ही पारिवारिक कलह खत्म होता है. Shardiya Navratri 2022

maa mahagauri pooja
मां महागौरी की पूजा
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Published : Oct 3, 2022, 6:42 AM IST

रायपुर: शारदीय नवरात्र का आज आठवां दिन है. जिसे अष्टमी के रूप मे भी जाना जाता है. नवरात्र के आठवें दिन भगवती के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. माता महागौरी की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है. सारे कष्ट दूर होते हैं.

मां महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में पाने करने के लिए कठोर तपस्या की थी. एक बार भगवान भोलेनाथ पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं. जिससे देवी के मन आहत हो जाता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं. इस तरह सालों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुंचते हैं. वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. पार्वती जी का रंग बेहद ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन सफेद दिखाई पड़ती है.

माता का स्वरूप: माता महागौरी की सवार वृषभ (बैल) है. इनका अस्त्र त्रिशूल है. इन्हें भी भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में माना गया है. माता का रूप गौर वर्ण है. मान्यता है कि इस दिन यज्ञ (हवन) करने का विधान है. हवन करने से रोग दूर होते हैं. सारे कष्ट दूर होते हैं.

माता महागौरी की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

महागौरी के मंत्र

श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः | महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ||

स्तुति:

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ऐसे करें पूजा

महागौरी की पूजा विधि: सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर में आसन पर बैठ जाएं. फिर माता का आह्वान करें. इसके बाद माता महागौरी की षोडषोपचार (आह्वान, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूम, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें. अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं.

रायपुर: शारदीय नवरात्र का आज आठवां दिन है. जिसे अष्टमी के रूप मे भी जाना जाता है. नवरात्र के आठवें दिन भगवती के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. माता महागौरी की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है. सारे कष्ट दूर होते हैं.

मां महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में पाने करने के लिए कठोर तपस्या की थी. एक बार भगवान भोलेनाथ पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं. जिससे देवी के मन आहत हो जाता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं. इस तरह सालों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुंचते हैं. वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. पार्वती जी का रंग बेहद ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन सफेद दिखाई पड़ती है.

माता का स्वरूप: माता महागौरी की सवार वृषभ (बैल) है. इनका अस्त्र त्रिशूल है. इन्हें भी भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में माना गया है. माता का रूप गौर वर्ण है. मान्यता है कि इस दिन यज्ञ (हवन) करने का विधान है. हवन करने से रोग दूर होते हैं. सारे कष्ट दूर होते हैं.

माता महागौरी की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

महागौरी के मंत्र

श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः | महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ||

स्तुति:

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ऐसे करें पूजा

महागौरी की पूजा विधि: सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर में आसन पर बैठ जाएं. फिर माता का आह्वान करें. इसके बाद माता महागौरी की षोडषोपचार (आह्वान, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूम, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें. अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं.

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