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इस नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा - Pandit Manoj Shukla

Navratri 2022: क्वार शुक्ल प्रतिपदा 26 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रही है. इस नवरात्रि मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगी. जिससे इस बार का फल भी हाथी के गुणों के जैसा ही मिलेगा. नवरात्र पर मां दुर्गा के ज्योति स्वरूप की पूजा होती है. Maa Durga come on an elephant

Maa Durga come on an elephant
हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा
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Published : Sep 14, 2022, 4:30 PM IST

रायपुर: नवरात्र का पर्व इस बार 26 सितंबर से शुरू हो रहा है. पूरे देश में नवरात्र का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्र में देवी के नौ रूपों की पूजा पूरे देश में की जाती है. इस बार 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक नवरात्र का पर्व पूरे देश में मनाया जाएगा. हर साल तिथि और दिन के अनुसार मां दुर्गा नवरात्र में अलग अलग वाहनों पर सवार होकर आती है. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आने वाली है. Maa Durga come on an elephant

हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा

हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा देंगी दर्शन: पंडित मनोज शुक्ला ने बताया " इस बार नवरात्रि में दुर्गा माता हाथी पर सवार होकर आ रही है. हाथी बल का प्रतीक माना जाता है. हाथी में एक अच्छी युद्ध कला पाई जाती है. हाथी में अहंकार नहीं पाया जाता. वह मदमस्त होकर चलता है. इस बार का फल भी भक्तों को इसी अनुसार मिलेगा. वर्तमान में भारत अन्य सभी देशों के मुकाबले उच्च शिखर पर बढ़ते हुआ नजर आ रहा है. भारत इस समय में प्रबल शक्ति बनकर उभर रहा है और विश्व गुरु बनने के पद पर है. Pandit Manoj Shukla

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तिथियों के अनुसार अलग अलग सवारियों में सवार होती है मां दुर्गा: पंडित मनोज शुक्ला ने कहा " शास्त्रों में प्रमाण है कि दुर्गा माता शेर की सवारी करती है. लेकिन शास्त्रों में यह भी विधान है कि नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा अलग अलग वाहनों में सवार होकर आती हैं. यह दिन के अनुसार होता है. जैसे कभी मां नौका में सवार होकर आती है, कभी डोली, घोड़े और हाथी में सवार होकर आती है. अलग अलग तिथियों की पूजा अनुसार लोगों को शुभ फल मिलता है.

नवरात्रि में दुर्गा माता के नौ रूपों की जाती है विधि विधान से पूजा: पंडित मनोज शुक्ला ने कहा "गणेश चतुर्थी खत्म होते ही पितृपक्ष शुरू हो जाता है. 15 दिवसीय पितृपक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्रि शुरू हो जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है. मां दुर्गा के नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के 9 दिन की जाती है. रायपुर के सिद्धीपीठ और मंदिरों में नवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. शास्त्रों में विधान है नवरात्रि में दुर्गा माता के ज्योति स्वरूपा की पूजा की जाती है. इसलिए नवरात्रि के दौरान सभी मंदिरों में ज्योत स्थापित की जाती है.

रायपुर: नवरात्र का पर्व इस बार 26 सितंबर से शुरू हो रहा है. पूरे देश में नवरात्र का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्र में देवी के नौ रूपों की पूजा पूरे देश में की जाती है. इस बार 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक नवरात्र का पर्व पूरे देश में मनाया जाएगा. हर साल तिथि और दिन के अनुसार मां दुर्गा नवरात्र में अलग अलग वाहनों पर सवार होकर आती है. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आने वाली है. Maa Durga come on an elephant

हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा

हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा देंगी दर्शन: पंडित मनोज शुक्ला ने बताया " इस बार नवरात्रि में दुर्गा माता हाथी पर सवार होकर आ रही है. हाथी बल का प्रतीक माना जाता है. हाथी में एक अच्छी युद्ध कला पाई जाती है. हाथी में अहंकार नहीं पाया जाता. वह मदमस्त होकर चलता है. इस बार का फल भी भक्तों को इसी अनुसार मिलेगा. वर्तमान में भारत अन्य सभी देशों के मुकाबले उच्च शिखर पर बढ़ते हुआ नजर आ रहा है. भारत इस समय में प्रबल शक्ति बनकर उभर रहा है और विश्व गुरु बनने के पद पर है. Pandit Manoj Shukla

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तिथियों के अनुसार अलग अलग सवारियों में सवार होती है मां दुर्गा: पंडित मनोज शुक्ला ने कहा " शास्त्रों में प्रमाण है कि दुर्गा माता शेर की सवारी करती है. लेकिन शास्त्रों में यह भी विधान है कि नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा अलग अलग वाहनों में सवार होकर आती हैं. यह दिन के अनुसार होता है. जैसे कभी मां नौका में सवार होकर आती है, कभी डोली, घोड़े और हाथी में सवार होकर आती है. अलग अलग तिथियों की पूजा अनुसार लोगों को शुभ फल मिलता है.

नवरात्रि में दुर्गा माता के नौ रूपों की जाती है विधि विधान से पूजा: पंडित मनोज शुक्ला ने कहा "गणेश चतुर्थी खत्म होते ही पितृपक्ष शुरू हो जाता है. 15 दिवसीय पितृपक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्रि शुरू हो जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है. मां दुर्गा के नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के 9 दिन की जाती है. रायपुर के सिद्धीपीठ और मंदिरों में नवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. शास्त्रों में विधान है नवरात्रि में दुर्गा माता के ज्योति स्वरूपा की पूजा की जाती है. इसलिए नवरात्रि के दौरान सभी मंदिरों में ज्योत स्थापित की जाती है.

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