रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में आज लाइफ इंश्योरेंस एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया विश्राम दिवस मना रहा है. इस विश्राम दिवस में एक दिवसीय हड़ताल कर रहे हैं. एलआईसी एजेंट अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है. इसके साथ ही एलआईसी के एजेंट पालिसी धारकों की 8 मांगों को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. ताकि इसका फायदा पालिसी धारकों और एलआईसी के एजेंटों को मिल सके. छत्तीसगढ़ में लाइफ इंश्योरेंस की शाखा और कार्यालय की संख्या लगभग 40 है. पूरे प्रदेश भर के इन 40 कार्यालय और शाखा के बाहर एलआईसी एजेंट अपनी और पॉलिसी धारकों की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.lic agents strike in raipur
30 सितंबर को फिर होगी हड़ताल: प्रदर्शन कर रहे एलआईसी एजेंट ने बताया कि "पूरे प्रदेश में एलआईसी एजेंट की संख्या लगभग 16 हजार है. जिसमें से अकेले राजधानी रायपुर में एलआईसी एजेंट की संख्या लगभग 2000 से लेकर 2500 तक है. रायपुर डिवीजन में 16 एलआईसी मंडल कार्यालय और शाखा है. इसी तरह बिलासपुर डिवीजन में 14 मंडल कार्यालय और एलआईसी की शाखा है. पालिसी धारकों की 8 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन करने के साथ ही एलआईसी एजेंट की 11 सूत्रीय मांग प्रमुख है. ज्वाइंट एक्शन कमेटी के निर्देश पर पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जा रहा है. एजेंट 30 सितंबर को फिर एक बार अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करेंगे और उनका यह चरणबद्ध आंदोलन नवंबर महीने तक जारी रहेगा. "
महंगाई पर कांग्रेस और बीजेपी में महाभारत, सोशल मीडिया पर भी छिड़ी जंग
एलआईसी एजेंट की 11 सूत्रीय मांग
एजेंट्स की ग्रेजुएटी 20 लाख रुपए तक बढ़ाई जाए
एजेंटों के कमीशन में वृद्धि करें
सभी एजेंट्स के लिए ग्रुप मेडिक्लेम की सुविधा लागू करें
एजेंट्स को अंशदाई भविष्य निधि दिया जाए
एजेंट्स के लिए अंशदाई पेंशन योजना लागू की जाए
एजेंट्स के टर्म इंश्योरेंस में वृद्धि की जाए
एजेंट्स के क्लब नियमों में एवं एडवांस की योजनाओं में संशोधन किया जाए
बच्चों की शिक्षा पर ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए
क्लब के सदस्यों के लिए पात्र आवास ऋण 5% ब्याज पर दिया जाए
एजेंट्स के परिवार की जरूरत को पूरा करने के लिए एजेंट कल्याण कोष बनाया जाए
भारत सरकार के द्वारा बीमा एजेंट को पेशा के रूप में मान्यता दी जाए
पॉलिसी धारकों की 8 सूत्रीय मांग
पॉलिसी धारकों के बोनस में वृद्धि किया जाए
पॉलिसी लोन एवं अन्य वित्तीय लेनदेन पर ब्याज दर में कमी किया जाए
बीमा धारकों के लिए कुशल सेवाएं दिया जाए
5 वर्ष से अधिक कालातीत पॉलिसियों पर पुनः चलन की सुविधा प्रदान किया जाए
एजेंट्स धारकों द्वारा दावा नहीं की गई राशि को सामाजिक सुरक्षा योजना में स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए
शाखाओं में सिटीजन चार्टर को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए
एक ही एजेंट्स धारक द्वारा बार बार ट्रांजैक्शन करने पर केवाईसी दस्तावेज लेना बंद किया जाए
भारत सरकार को बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी हटाया जाना चाहिए