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धान खरीदी: JCCJ का 'धान सत्याग्रह', बिलासपुर में किसानों के साथ खोलेंगे मोर्चा

धान खरीदी में देरी को लेकर JCCJ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी आज बिलासपुर में किसानों के साथ 'धान सत्याग्रह' की शुरुआत करने जा रहे है. धान खरीदी में हो रही लेटलतीफी की वजह से किसानों को हो रही समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

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जेसीसीजे का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Nov 23, 2020, 9:13 AM IST

Updated : Nov 23, 2020, 9:39 AM IST

रायपुर: धान खरीदी में हो रही देरी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. भाजपा जहां एक तरफ सरकार पर बारदाने की कमी का बहाना बनाने का आरोप लगा रही है, वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने भी घेरने की तैयारी कर ली है. आज JCC (J) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी आज बिलासपुर में 'धान सत्याग्रह' का बिगुल फूंकेंगे. अमित जोगी किसानों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ बिलासपुर में प्रदर्शन करेंगे.

धान खरीदी में लेटलतीफी का विरोध

धान खरीदी में हो रही लेटलतीफी का लगातार बीजेपी और जेसीसी (जे) के नेता विरोध कर रहे हैं. बीजेपी ने 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू किए जाने की मांग की थी. तारीख घोषित होने के बाद से ही बीजेपी लगातार सरकार को इस विषय पर घेरती नजर आ रही है. 1 दिसंबर से खरीदी शुरू होने की वजह से किसानों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कटे धान को रखने की जगह नहीं होने के कारण किसानों की फसल खेतों और खलिहानों में पड़ी है. ऊपर से मौसम भी किसानों पर मेहरबान नजर नहीं आ रहा है, जिससे किसानों के सामने धान बेचने तक फसल की सुरक्षा बड़ी चुनौती साबित हो रही है. बेमेतरा और दुर्ग में बारिश की वजह से किसानों का धान भीग गया है.

पढ़ें- 'बारदाने की कमी की वजह से धान खरीदी में देरी, किसानों की संख्या और रकबा दोनों बढ़ा'

नहीं थम रहा बारदाने पर बवाल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का आरोप लगाया था कि केंद्र से बारदाना नहीं मिला है, जिसकी वजह से खरीदी में देरी हो रही है. भगत ने कहा था कि सरकार प्रदेश में ही बारदाने की व्यवस्था कर रही है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि धान खरीदी में देरी पर ओछी राजनीति नहीं होनी चाहिए. भाजपा ने बारदाने की कमी को सरकार का बहाना बताया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि जितना बारदाना सरकार के पास है उससे धान खरीदी की शुरुआत की जा सकती है. सीएम बघेल ने केंद्र सरकार की तरफ से मदद न मिलने का भी आरोप लगाया था.

21 लाख 47 हजार किसानों का हुआ पंजीयन

राज्य में अब पंजीकृत किसानों की संख्या 19 लाख से बढ़कर 21 लाख 47 हजार हो गई है. इस संख्या में 2 लाख 45 हजार नए किसान शामिल है, जिन्होंने इस वर्ष धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा है कि किसान सहजता से अपने गांव के नजदीक के केन्द्रों में धान का विक्रय कर सकें. इसके लिए राज्य शासन द्वारा 103 नये धान खरीदी केन्द्र खोलने की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने बताया कि इन नवीन धान खरीदी केन्द्रों के खुलने से किसानों को सहूलियत होगी और उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना होगा.

बिना अनुमति अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान आयात पर लगा प्रतिबंध

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान बिना अनुमति सीमावर्ती राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान आयात करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है. खाद्य विभाग द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के द्वौरान 1900 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक कीमत का धान अन्य राज्यों से आयात के लिए संचालक खाद्य से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है, किन्तु आयातक को इस किस्म के धान आयात करने की सूचना संबंधित जिले के खाद्य नियंत्रक या खाद्य अधिकारी को देना होगा.

रायपुर: धान खरीदी में हो रही देरी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. भाजपा जहां एक तरफ सरकार पर बारदाने की कमी का बहाना बनाने का आरोप लगा रही है, वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने भी घेरने की तैयारी कर ली है. आज JCC (J) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी आज बिलासपुर में 'धान सत्याग्रह' का बिगुल फूंकेंगे. अमित जोगी किसानों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ बिलासपुर में प्रदर्शन करेंगे.

धान खरीदी में लेटलतीफी का विरोध

धान खरीदी में हो रही लेटलतीफी का लगातार बीजेपी और जेसीसी (जे) के नेता विरोध कर रहे हैं. बीजेपी ने 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू किए जाने की मांग की थी. तारीख घोषित होने के बाद से ही बीजेपी लगातार सरकार को इस विषय पर घेरती नजर आ रही है. 1 दिसंबर से खरीदी शुरू होने की वजह से किसानों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कटे धान को रखने की जगह नहीं होने के कारण किसानों की फसल खेतों और खलिहानों में पड़ी है. ऊपर से मौसम भी किसानों पर मेहरबान नजर नहीं आ रहा है, जिससे किसानों के सामने धान बेचने तक फसल की सुरक्षा बड़ी चुनौती साबित हो रही है. बेमेतरा और दुर्ग में बारिश की वजह से किसानों का धान भीग गया है.

पढ़ें- 'बारदाने की कमी की वजह से धान खरीदी में देरी, किसानों की संख्या और रकबा दोनों बढ़ा'

नहीं थम रहा बारदाने पर बवाल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का आरोप लगाया था कि केंद्र से बारदाना नहीं मिला है, जिसकी वजह से खरीदी में देरी हो रही है. भगत ने कहा था कि सरकार प्रदेश में ही बारदाने की व्यवस्था कर रही है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि धान खरीदी में देरी पर ओछी राजनीति नहीं होनी चाहिए. भाजपा ने बारदाने की कमी को सरकार का बहाना बताया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि जितना बारदाना सरकार के पास है उससे धान खरीदी की शुरुआत की जा सकती है. सीएम बघेल ने केंद्र सरकार की तरफ से मदद न मिलने का भी आरोप लगाया था.

21 लाख 47 हजार किसानों का हुआ पंजीयन

राज्य में अब पंजीकृत किसानों की संख्या 19 लाख से बढ़कर 21 लाख 47 हजार हो गई है. इस संख्या में 2 लाख 45 हजार नए किसान शामिल है, जिन्होंने इस वर्ष धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा है कि किसान सहजता से अपने गांव के नजदीक के केन्द्रों में धान का विक्रय कर सकें. इसके लिए राज्य शासन द्वारा 103 नये धान खरीदी केन्द्र खोलने की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने बताया कि इन नवीन धान खरीदी केन्द्रों के खुलने से किसानों को सहूलियत होगी और उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना होगा.

बिना अनुमति अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान आयात पर लगा प्रतिबंध

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान बिना अनुमति सीमावर्ती राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान आयात करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है. खाद्य विभाग द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के द्वौरान 1900 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक कीमत का धान अन्य राज्यों से आयात के लिए संचालक खाद्य से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है, किन्तु आयातक को इस किस्म के धान आयात करने की सूचना संबंधित जिले के खाद्य नियंत्रक या खाद्य अधिकारी को देना होगा.

Last Updated : Nov 23, 2020, 9:39 AM IST
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