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आईपीएस मुकेश गुप्ता का निलंबन रद्द, 30 को होने वाले हैं रिटायर

IPS Mukesh Gupta Suspension canceled: आईपीएस मुकेश गुप्ता का निलंबन केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है. 30 सितंबर को गुप्ता रिटायर होने वाले हैं.

IPS Mukesh Gupta Suspension canceled
आईपीएस मुकेश गुप्ता का निलंबन रद्द
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Published : Sep 17, 2022, 3:58 PM IST

रायपुर: आईपीएस मुकेश गुप्ता का निलंबन केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है. मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने ऑर्डर भी जारी कर दिया है. आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले में जांच के दौरान फर्जी दस्तावेज के साथ ही नेताओं और अफसरों के फोन टेप करने का आरोप लगा था. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने आईपीएस मुकेश गुप्ता के साथ ही एसपी रजनेश सिंह को 2019 में निलंबित कर दिया था. राज्य सरकार की तरफ से उनकी निलंबन अवधि नियत समय के बाद बढ़ाई भी गई थी. इसके बाद दर्ज आरोपों को लेकर मुकेश गुप्ता सुप्रीम कोर्ट और कैट भी गई थे.

आईपीएस गुप्ता 30 सितंबर को हो रहे रिटायर: 1988 बैच के आईपीएस अफसर मुकेश गुप्ता को भूपेश सरकार ने फरवरी 2019 को निलंबित कर दिया था. उनके खिलाफ नेताओं और अफसरों का फोन टेपिंग करने का आरोप लगा था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 16 सितंबर को अपर सचिव संजीव कुमार ने आईपीएस मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत देने वाला आदेश जारी किया है. गृह मंत्रालय ने उनका निलंबन रद्द कर दिया है. मुकेश गुप्ता 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं.

रायपुर में भाजपा के सौंदर्यीकरण पर कांग्रेस ने लगाया ग्रहण !

क्या है नान घोटाला: छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन काल के दौरान नान घोटाला का मामला सामने आया था. साल 2015 में ACB ने एक साथ 28 ठिकानों पर छापा मारा था. जिसमें करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ था. इसमें नान के तत्कालीन महाप्रबंधक शिवशंकर भट्टा सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. एसीबी ने जब छापेमार कार्रवाई की थी तब एसीबी चीफ मुकेश गुप्ता थे. छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस सरकार ने एक एसआईटी गठित की थी. एसआईटी जांच में खुलासा हुआ था कि आईपीएस मुकेश गुप्ता ने नान घोटाला मामले में जांच के दौरान फर्जी दस्तावेज के साथ ही नेताओं और अफसरों के फोन टेप किए हैं. इसके बाद राज्य सरकार ने आईपीएस मुकेश गुप्ता को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद उनके खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज हुए थे.

रायपुर: आईपीएस मुकेश गुप्ता का निलंबन केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है. मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने ऑर्डर भी जारी कर दिया है. आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले में जांच के दौरान फर्जी दस्तावेज के साथ ही नेताओं और अफसरों के फोन टेप करने का आरोप लगा था. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने आईपीएस मुकेश गुप्ता के साथ ही एसपी रजनेश सिंह को 2019 में निलंबित कर दिया था. राज्य सरकार की तरफ से उनकी निलंबन अवधि नियत समय के बाद बढ़ाई भी गई थी. इसके बाद दर्ज आरोपों को लेकर मुकेश गुप्ता सुप्रीम कोर्ट और कैट भी गई थे.

आईपीएस गुप्ता 30 सितंबर को हो रहे रिटायर: 1988 बैच के आईपीएस अफसर मुकेश गुप्ता को भूपेश सरकार ने फरवरी 2019 को निलंबित कर दिया था. उनके खिलाफ नेताओं और अफसरों का फोन टेपिंग करने का आरोप लगा था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 16 सितंबर को अपर सचिव संजीव कुमार ने आईपीएस मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत देने वाला आदेश जारी किया है. गृह मंत्रालय ने उनका निलंबन रद्द कर दिया है. मुकेश गुप्ता 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं.

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क्या है नान घोटाला: छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन काल के दौरान नान घोटाला का मामला सामने आया था. साल 2015 में ACB ने एक साथ 28 ठिकानों पर छापा मारा था. जिसमें करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ था. इसमें नान के तत्कालीन महाप्रबंधक शिवशंकर भट्टा सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. एसीबी ने जब छापेमार कार्रवाई की थी तब एसीबी चीफ मुकेश गुप्ता थे. छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस सरकार ने एक एसआईटी गठित की थी. एसआईटी जांच में खुलासा हुआ था कि आईपीएस मुकेश गुप्ता ने नान घोटाला मामले में जांच के दौरान फर्जी दस्तावेज के साथ ही नेताओं और अफसरों के फोन टेप किए हैं. इसके बाद राज्य सरकार ने आईपीएस मुकेश गुप्ता को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद उनके खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज हुए थे.

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