रायपुर/हैदराबादः हर साल दिवाली के अगले दिन देश के अलग-अलग राज्यों में गोवर्धन पूजा किया जाता है. यह त्योहार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. मध्य प्रदेश में दिवाली के अगले दिन गाय की पूजा (Cow Worship) की जाती है. गोवर्धन पूजा गिरिराज गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) को समर्पित होता है.
इस बार गोवर्धन पूजा 05 नवंबर को किया जाएगा. इस पर्व को गोवर्धन पूजा के साथ-साथ अन्नकूट कहा जाता है. मान्यता है कि नई फसल के अनाज और सब्जियों को मिला कर अन्न कूट का भोग लगाया जाता है. गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत, गाय, बछड़ों की आकृति बना कर पूजन किया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के द्वारा इंद्रदेव का अंहकार (Indra ego) तोड़ने की याद में गोवर्धन का त्योहार मनाया जाता है.
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गोवर्धन पूजा का महत्वः
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई थी. वह गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज के लोगों और जीवों की रक्षा की थी. यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजन-अर्चन का विधान है. इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व होता है. यह एक तरह का पकवान होता है जिसे अन्न और सब्जियों को मिलाकर बनाया जाता है. इसका भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है.
गोवर्धन पूजा तिथिः 5 नवंबर 2021
शुभ मुहूर्तः
आरंभ-5 नवंबर 2021, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा भोर के 02 बजकर 44 मिनट
समाप्त-05 नवंबर 2021, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा रात्रि 11 बजकर 14 मिनट पर
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त- 06 बज कर 35 मिनट से 08 बजकर 47 मिनट
सायंकाल मुहूर्तः 03 बज कर 21 मिनट से 05 बज कर 33 मिनट तक
पूजा विधिः
इस दिन प्रातः काल जल्दी उठने के बाद शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करना चाहिए. इसके बाद शुभ मुहूर्त पर गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं. साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनानी चाहिए. इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजन करना चाहिए. भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन भी करना चाहिए. साथ ही देवराज इंद्र, वरुण, अग्नि और राजा बलि की भी पूजा करें. पूजा के बाद कथा सुनें. प्रसाद के लिए दही और चीनी का मिश्रण बनाएं और सब में बांटे.