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बदलते मौसम में कैसा हो बुजुर्गों का डाइट, जानिए डॉक्टर की राय ?

गर्मी के मौसम में बुजुर्गों के खान-पान का ध्यान रखना काफी जरुरी होता (Take care of the diet of the elderly) है. क्योंकि बदलता मौसम कई परेशानियां लाता है. लेकिन यदि डाइट संतुलित हो तो कई तरह की दिक्कतों से बचा जा सकता है.

Take care of the diet of the elderly
बदलते मौसम में बुजुर्गों की डाइट पर डॉक्टर की राय
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Published : May 13, 2022, 4:58 PM IST

रायपुर : 60 प्लस के लोगों के लिए बदलते मौसम में स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है. ओल्ड एज में धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ ही उनकी पाचन क्षमता भी कमजोर होने लगती है. जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है. ऐसे समय में बुजुर्गों के डाइट का खास ख्याल रखना जरूरी होता है. डाइट चार्ट ऐसा होना चाहिए, जो आसानी से डाइजेस्ट हो सके. उम्र बढ़ने के साथ डाइजेस्टिव सिस्टम भी कमजोर पड़ने लगता है. खानपान गड़बड़ होने से इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है. डाइजेशन सिस्टम कमजोर होने पर लूज मोशन और दूसरी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी शुरू हो जाती है.

बुजुर्गों को खाने में क्या दें : डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव का कहना है कि 'ओल्ड एज के लोगों को खास तौर पर नरम और सॉफ्ट डाइट देनी चाहिए. दलिया खिचड़ी, ओट्स, सूजी का उपमा जैसी चीजें भी उनकी डाइट में शामिल करनी (Fruit juice and khichdi is a must) चाहिए. मौसम बदलने के साथ ही ओल्ड एज के लोगों को सूप भी दिया जाना चाहिए.

डाइट में हरी सब्जियों को शामिल करें : इस मौसम में हरी सब्जियों का सूप बनाकर देने से डायरेक्ट पोषक तत्व मिलता है. इसके साथ ही नियमित रूप से डाइट में दही भी शामिल करना चाहिए. ओल्ड एज होने के कारण बुजुर्ग दांत संबंधी परेशानी के कारण ड्राई फ्रूट्स नहीं खा सकते हैं. तो उन्हें पाउडर के रूप में या फिर सूप में मिलाकर दिया जा सकता है. जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी से बचा जा सकता है.

बदलते मौसम में बुजुर्गों की डाइट पर डॉक्टर की राय
नारियल पानी और छाछ भी करेगा कमाल : नारियल पानी, दही, मट्ठा, छाछ जैसी चीजें भी ओल्ड ऐज के लोगों को दी जा सकती है. अगर डायरेक्ट फल नहीं खा सकते हैं तो उसे जूस बना कर दिया जा सकता है. जो शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करता है.ताकत के लिए क्या खिलाएं : डाइटिशियन का यह भी कहना है कि ओल्ड एज के लोगों को छिलके वाली दाल, मूंग और मसूर देनी चाहिए. जिससे वह जल्दी डाइजेस्ट हो सके. उबला अंडा और सप्ताह में एक बार चिकन भी खिलाया जा सकता है. यदि बुजुर्ग मछली खाने के शौकीन हैं तो उन्हें सप्ताह में एक बार मछली भी दी जा सकती है. क्योंकि यह प्रोटीन की कमी को पूरा करता (Include eggs in fish and chicken diet) है. बुजुर्गों को कम मिर्च मसाले वाले खाना देना चाहिए. जो ज्यादा स्पाइसी ना हो. दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी दिया जाए .जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो.

रायपुर : 60 प्लस के लोगों के लिए बदलते मौसम में स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है. ओल्ड एज में धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ ही उनकी पाचन क्षमता भी कमजोर होने लगती है. जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है. ऐसे समय में बुजुर्गों के डाइट का खास ख्याल रखना जरूरी होता है. डाइट चार्ट ऐसा होना चाहिए, जो आसानी से डाइजेस्ट हो सके. उम्र बढ़ने के साथ डाइजेस्टिव सिस्टम भी कमजोर पड़ने लगता है. खानपान गड़बड़ होने से इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है. डाइजेशन सिस्टम कमजोर होने पर लूज मोशन और दूसरी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी शुरू हो जाती है.

बुजुर्गों को खाने में क्या दें : डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव का कहना है कि 'ओल्ड एज के लोगों को खास तौर पर नरम और सॉफ्ट डाइट देनी चाहिए. दलिया खिचड़ी, ओट्स, सूजी का उपमा जैसी चीजें भी उनकी डाइट में शामिल करनी (Fruit juice and khichdi is a must) चाहिए. मौसम बदलने के साथ ही ओल्ड एज के लोगों को सूप भी दिया जाना चाहिए.

डाइट में हरी सब्जियों को शामिल करें : इस मौसम में हरी सब्जियों का सूप बनाकर देने से डायरेक्ट पोषक तत्व मिलता है. इसके साथ ही नियमित रूप से डाइट में दही भी शामिल करना चाहिए. ओल्ड एज होने के कारण बुजुर्ग दांत संबंधी परेशानी के कारण ड्राई फ्रूट्स नहीं खा सकते हैं. तो उन्हें पाउडर के रूप में या फिर सूप में मिलाकर दिया जा सकता है. जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी से बचा जा सकता है.

बदलते मौसम में बुजुर्गों की डाइट पर डॉक्टर की राय
नारियल पानी और छाछ भी करेगा कमाल : नारियल पानी, दही, मट्ठा, छाछ जैसी चीजें भी ओल्ड ऐज के लोगों को दी जा सकती है. अगर डायरेक्ट फल नहीं खा सकते हैं तो उसे जूस बना कर दिया जा सकता है. जो शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करता है.ताकत के लिए क्या खिलाएं : डाइटिशियन का यह भी कहना है कि ओल्ड एज के लोगों को छिलके वाली दाल, मूंग और मसूर देनी चाहिए. जिससे वह जल्दी डाइजेस्ट हो सके. उबला अंडा और सप्ताह में एक बार चिकन भी खिलाया जा सकता है. यदि बुजुर्ग मछली खाने के शौकीन हैं तो उन्हें सप्ताह में एक बार मछली भी दी जा सकती है. क्योंकि यह प्रोटीन की कमी को पूरा करता (Include eggs in fish and chicken diet) है. बुजुर्गों को कम मिर्च मसाले वाले खाना देना चाहिए. जो ज्यादा स्पाइसी ना हो. दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी दिया जाए .जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो.

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