ETV Bharat / city

Ganesh Chaturthi 2021: इन विधियों से करें प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की पूजा, सुख-समृद्धि के साथ मिलेगा ऐश्वर्य

वैसे तो हर कोई अपने-अपने तरीके से गणेश पूजा करते हैं. लेकिन इस गणेश पूजा पर ETV भारत आपको गणेश पूजा की विधियां बता रहा है. 10 सितंबर से गणेश पूजा (Ganesh Chaturthi 2021 ) की शुरुआत हो जाएगी. षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार इन चार विधि में से किसी एक विधि से भगवान गणेश की आराधना करे और भगवान गणेश का आशीर्वाद पाए.

ganesh-chaturthi-2021
गणेश चतुर्थी 2021
author img

By

Published : Sep 5, 2021, 9:08 AM IST

Updated : Sep 7, 2021, 8:49 AM IST

रायपुर: 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी उत्सव (Ganesh Chaturthi 2021 ) की शुरुआत हो जाएगी. पूरा देश इस समय गणेश उत्सव की तैयारियों में लीन है. हिंदू धर्म में भगवान गणेश (Lord Ganesha) को सभी देवों में प्रथम पूजनीय माना गया है. हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की आराधना (Worship of Lord Ganesha) अवश्य की जाती है. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको गणेश पूजा की विधि (Method of Ganesh Puja) के बारे में बता रहे हैं ताकि इस गणेश पूजा पर आप पूरे विधि विधान के साथ गणपति बप्पा की पूजा करें और उनका आशीर्वाद पाएं.

गणेश पूजन की विधियां
वैसे तो प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के पूजन का अलग-अलग विधान होता है. पश्चिम से लेकर उत्तर पूरब से लेकर दक्षिण तक अलग-अलग तरीके से गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन शास्त्र सम्मत चार विधियां हैं, जिनके पालन के साथ यदि गणेश वंदना स्थापना व आराधना की जाए तो उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मुख्य बिंदु-

  • प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के पूजन का अलग-अलग विधान है.
  • पश्चिम और उत्तर पूरब से लेकर दक्षिण तक गणेश पूजन का अलग-अलग विधान है.
  • शास्त्र सम्मत में गणेश पूजन की चार विधियां हैं.
  • गणेश वंदना, स्थापना और आराधना की जाए तो विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

इस गणेश चतुर्थी सीखें बुद्धि के देवता से वित्त निवेश के गुर

इन विधियों से करें आराधना
गणेश आराधना और स्थापना के लिए षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से भगवान गणेश की आराधना की जा सकती है. राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश की पूजन अर्चन की विधि संपन्न होती है, जिसमें 56 तरीके के भोग वस्त्र इत्यादि के साथ महाआरती और अन्य चीज संपन्न कराए जाते हैं.

मुख्य बिंदु-

  • षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से आराधना की जा सकती है
  • षोडशोपचार विधि में 16 तरीके की पूजन-पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा होती है
  • पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आह्वान करते हुए पूजन होता है
  • राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश के पूजन-अर्चन की विधि संपन्न होती है
  • यदि आप कहीं बाहर हैं तो मनसोपचार विधि से गणेश जी की आराधना कर सकते हैं.

षोडशोपचार विधि में 16 तरीके के पूजन पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा संपन्न होती है. पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध अक्षत पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आवाहन करते हुए उनका पूजन संपन्न होता है. मनसोपचार विधि से यदि आप कहीं बाहर हैं या दूर हैं तो गणेश जी की आराधना कर उनको आवाहन करते हुए पूजन संपन्न किया जा सकता है. गणेश जी का आशीर्वाद लेने कि इन चारों में से कोई विधि अपनाकर बप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है.

रायपुर: 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी उत्सव (Ganesh Chaturthi 2021 ) की शुरुआत हो जाएगी. पूरा देश इस समय गणेश उत्सव की तैयारियों में लीन है. हिंदू धर्म में भगवान गणेश (Lord Ganesha) को सभी देवों में प्रथम पूजनीय माना गया है. हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की आराधना (Worship of Lord Ganesha) अवश्य की जाती है. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको गणेश पूजा की विधि (Method of Ganesh Puja) के बारे में बता रहे हैं ताकि इस गणेश पूजा पर आप पूरे विधि विधान के साथ गणपति बप्पा की पूजा करें और उनका आशीर्वाद पाएं.

गणेश पूजन की विधियां
वैसे तो प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के पूजन का अलग-अलग विधान होता है. पश्चिम से लेकर उत्तर पूरब से लेकर दक्षिण तक अलग-अलग तरीके से गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन शास्त्र सम्मत चार विधियां हैं, जिनके पालन के साथ यदि गणेश वंदना स्थापना व आराधना की जाए तो उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मुख्य बिंदु-

  • प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के पूजन का अलग-अलग विधान है.
  • पश्चिम और उत्तर पूरब से लेकर दक्षिण तक गणेश पूजन का अलग-अलग विधान है.
  • शास्त्र सम्मत में गणेश पूजन की चार विधियां हैं.
  • गणेश वंदना, स्थापना और आराधना की जाए तो विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

इस गणेश चतुर्थी सीखें बुद्धि के देवता से वित्त निवेश के गुर

इन विधियों से करें आराधना
गणेश आराधना और स्थापना के लिए षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से भगवान गणेश की आराधना की जा सकती है. राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश की पूजन अर्चन की विधि संपन्न होती है, जिसमें 56 तरीके के भोग वस्त्र इत्यादि के साथ महाआरती और अन्य चीज संपन्न कराए जाते हैं.

मुख्य बिंदु-

  • षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से आराधना की जा सकती है
  • षोडशोपचार विधि में 16 तरीके की पूजन-पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा होती है
  • पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आह्वान करते हुए पूजन होता है
  • राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश के पूजन-अर्चन की विधि संपन्न होती है
  • यदि आप कहीं बाहर हैं तो मनसोपचार विधि से गणेश जी की आराधना कर सकते हैं.

षोडशोपचार विधि में 16 तरीके के पूजन पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा संपन्न होती है. पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध अक्षत पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आवाहन करते हुए उनका पूजन संपन्न होता है. मनसोपचार विधि से यदि आप कहीं बाहर हैं या दूर हैं तो गणेश जी की आराधना कर उनको आवाहन करते हुए पूजन संपन्न किया जा सकता है. गणेश जी का आशीर्वाद लेने कि इन चारों में से कोई विधि अपनाकर बप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है.

Last Updated : Sep 7, 2021, 8:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.