रायपुरः राजधानी सहित पूरे देश में 7 अक्टूबर से लेकर 14 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि पर्व (sharadiya navratri festival) पूरी आस्था, भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. नवरात्रि पर्व के दौरान व्रत करने वाले लोग बाजार से फलों की खरीदी करते हैं लेकिन इस बार फल बाजार से रौनक गायब है. ग्राहकी भी कम नजर आ रही है. फलों के दाम में 10 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम की बढोत्तरी हुई है. दुकानदार बताते हैं कि कोरोना और लॉकडाउन (corona and lockdown) ने लोगों की आर्थिक कमर तोड़ कर रख दिया है, जिसके कारण फल मार्केट से रौनक गायब है.
राजधानी के शास्त्री बाजार सहित कई जगहों पर नवरात्रि पर्व में फल की दुकानें सजाई गई हैं लेकिन इन फल दुकानों में सामान्य दिनों की तुलना में रौनक गायब है. दुकानदार बताते हैं कि सामान्य दिनों में हर दुकानों में रोजाना लगभग 100 ग्राहक आया करते थे लेकिन इस बार तो 5 से 10 ग्राहक दिन भर में फल खरीदने आ रहे हैं. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. जिसके कारण भी लोग फल की खरीदी कम कर रहे हैं. कुल मिला कर फल मार्केट पूरी तरह से ठंडा पड़ा हुआ है.
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व्रत में फलों का सेवन है जरूरी
शारदीय नवरात्र के इस पर्व पर व्रत करने वाले लोगों के लिए कौन से और किस तरह के फल का सेवन करना चाहिए? इसको लेकर हमने न्यूट्रिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव (Nutritionist Dr Sarika Srivastava) से बात की तो उन्होंने बताया कि कई लोग 9 दिनों का उपवास रखते हैं और कुछ लोग एकम पंचमी और अष्टमी का उपवास करते हैं. ऐसे में उपवास करने वाले लोग कमजोर भी हो सकते हैं. समय-समय पर फल खाना बहुत जरूरी (need to eat fruit) होता है, जो हमारे शरीर की एनर्जी लेवल को संतुलित रखता है.
ऐसे बढे़ फलों का दाम
पहले 1 किलोग्राम सेब की कीमत 100 रुपए था जिसकी कीमत आज बढ़ कर 120 रुपए पर पहुंच गया है. एक किलोग्राम मौसंबी 50 रुपए था जिसकी कीमत आज बढ़ कर 60 रुपए हो गया है. पहले एक किलोग्राम संतरा 50 रुपए था जिसकी कीमत आज बढ़ कर 60 रुपए किलो ग्राम तक पहुंच गया है. पहले एक दर्जन केले का दाम 40 रुपए था जो आज 50 रुपए दर्जन, 50 रुपए का अनानास की कीमत 60 रुपए तक पहुंच गया है.