रायपुर: भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर प्रदेश सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana 2021) के तहत खरीफ सीजन 2020-21 की पहली किस्त किसानों को प्रदान की गई. 22 लाख किसानों को 1500 करोड़ रुपए की कृषि आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) दी गई. गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के करीब 72 हजार पशुपालकों को गोबर खरीदी के एवज में 7 करोड़ 17 लाख रुपए और गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 3.6 करोड़ रुपए की राशि ऑनलाइन अंतरित हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सभी मंत्री उपस्थित रहे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ.
सीएम भूपेश बघेल मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ दोपहर 12 बजे अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम स्वर्गीय राजीव गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद प्रदेश के 22 लाख किसानों को कृषि आदान सहायता राशि की प्रथम किस्त के रूप में 1500 करोड़ रुपए कृषकों के खातों में डाली गई. गोधन न्याय योजना के तहत 15 मार्च से 15 मई तक पशुपालकों से गोबर खरीदी की राशि 7.17 करोड़ रुपए का ऑनलाइन अंतरण किया गया. इस कार्यक्रम में जिलों से सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, किसान और पशुपालक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना: सरकार से किसानों ने की एकमुश्त राशि भुगतान करने की मांग
2019-20 में चार किस्तों में 5,628 करोड़ रुपए का किया था भुगतान
राज्य में फसल उत्पादकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 21 मई 2020 को भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत खरीफ सीजन 2019-20 में पंजीकृत लगभग 19 लाख किसानों को कृषि आदान सहायता के रूप में 5,628 करोड़ रूपए की आदान सहायता राशि दी गई है.चार किस्तों यह राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित की गई है.
इनपुट सब्सिडी 9 हजार रुपए प्रति एकड़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 19 मई को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार ने अहम निर्णय लिया था. खरीफ वर्ष 2020-21 में किसानों से लिए गए धान पर 9 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी. आने वाले साल में भी धान उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी.
कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3 हजार
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया था, वह यदि धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगन्धित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल उत्पादित करते हैं और वृक्षारोपण भी करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपये के स्थान पर 10 हजार रूपये की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी. त्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है.