रायपुर/हैदराबादः फाइनेंशिल ऐक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने पर अपनी मुहर लगा दी है. यह निर्णय पेरिस में हुई ऑनलाइन बैठक में लिया गया. जारी बयान में एफएटीफ ने कहा है कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ तय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल है. उसने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. इस दौरान तुर्की को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की गई.
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बोत्सवाना और मारीशस ग्रे लिस्ट से बाहर
FATF ने बताया कि पाकिस्तान लगातार ग्रे लिस्ट (Gray List) में है. सरकार के पास 34-सूत्रीय कार्य योजना है लेकिन इसमें 30 पर ही एक्शन (Action) लिया जा सका है. हालांकि बोत्सवाना और मारीशस को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. एफएटीएफ (FATF) ने कहा कि बोत्सवाना और मारीशस आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. बता दें कि एफएटीएफ का तीन दिनों का सत्र 19 अक्टूबर को शुरू हुआ था. पाकिस्तान ने एफएटीएफ के मानदंडों को पूरा नहीं किया. पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट (Pakistan Gray List) से हटाने पर अप्रैल 2022 यानी अगले सत्र में आयोजित एफएटीएफ की बैठक में लिया जा सकता है.
जून 2021 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए वित्तपोषण बढ़ाने और काले धन पर रोक नहीं लगाने को लेकर ग्रे लिस्ट में रखा था. एफएटीएफ ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे लोगों के खिलाफ जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए पाकिस्तान सरकार से कहा था. लेकिन सबकुछ खानापूर्ति में ही सिमट गया. धरातल पर कुछ भी नहीं किया गया.