रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों में से पोला एक मुख्य त्योहार है, जिसे यहां के लोग बड़े ही धूमधाम से भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाते हैं. राजधानी में भी पोला पर बाजार की रौनक देखते ही बन रही है. पर्व को लेकर बाजारों में मिट्टी के बर्तन और बैल सज चुके हैं.
कुम्हार अपने परिवार के साथ मिलकर चार महीने पहले से ही इस पर्व की तैयारी करते हैं. वे बाजार में बेचने के लिए मिट्टी के रंग-बिरंगे खिलौने और बैल लाते हैं, लेकिन इसकी सही कीमत उन्हें नहीं मिलने से उन्हें काफी आर्थिक परेशानी होती है.
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शुक्रवार को मिट्टी के बैलों की पूजा की जाएगी. घर में ठेठरी, खुरमी जैसे पकवान बनाए जाएंगे. इस दिन बच्चों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा से अवगत कराया जाता है. मिट्टी से बने खिलौनों और बैलों का महत्व बताया जाता है. पूजा के बाद बच्चे मिट्टी के बैलों से खेलते हैं. बता दें कि किसान खरीफ फसल से निवृत्त होकर इस उत्सव को पर्व के रूप में मनाते हैं.