रायपुर : केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में की गई कमी के बाद पेट्रोल पंप संचालकों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. एक अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ में लगभग 60 करोड़ और पूरे देश में लगभग 4 हजार करोड़ का नुकसान पेट्रोल पंप संचालकों को उठाना पड़ा है. पेट्रोल पंप संचालकों को होने वाले नुकसान को लेकर दोनों ही सरकारों ने चुप्पी साध रखी है. पेट्रोल पंप संचालकों की सुनने वाला कोई नहीं (Increased trouble of petrol pump operators in Chhattisgarh) है.
एक दिन में कितने का नुकसान : छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिल धगत का कहना है कि ''पेट्रोल डीजल के एक्साइज में की गई कमी की वजह से केंद्र और राज्य सरकार को होने वाले नुकसान की सभी चर्चा करते हैं लेकिन हमारे नुकसान की कोई चर्चा नहीं करता है. इस एक साइड में की गई कमी की वजह से यदि छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो पेट्रोल पंप मालिकों को लगभग 60 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसी तरह अगर देश में लगभग 4000 करोड़ रुपए का नुकसान 1 दिन में पेट्रोल पंप डीलर्स का हुआ है.
क्यों डीलर्स को होता है नुकसान : जब सेंट्रल गवर्नमेंट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाती है तो कंपनी के साथ उसे अर्जेस्ट करती है और बढ़े हुए रेट का भार जनता पर नहीं डालती. लेकिन जब एक्साइज ड्यूटी कम करती है तो वह कंपनी के साथ अर्जेस्ट नहीं करती है, क्योंकि जनता को फायदा पहुंचाना है तो वह पैसा डीलर्स की जेब से कटता है. यही वजह है कि जब-जब पेट्रोल डीजल में एक्साइज ड्यूटी कम की जाती है तो उसका नुकसान जितने भी पेट्रोल पंप संचालक है उन्हें उठाना पड़ता है, लेकिन जब एक्साइज ड्यूटी बढ़ती है तो उसका फायदा पेट्रोल पंप संचालकों को नहीं मिलता.
छत्तीसगढ़ में कितना नुकसान : छत्तीसगढ़ में लगभग 19 सौ से 2000 पेट्रोल पंप हैं. इस एक्साइज में की गई कटौती से एवरेज प्रति पेट्रोल पंप को तीन लाख का नुकसान हुआ है. इस तरह प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप के नुकसान की बात की जाए तो लगभग 60 करोड़ रुपए का नुकसान पेट्रोल पंप संचालकों को उठाना पड़ा है.
पेट्रोल पंप संचालकों की क्या है मांग : पेट्रोल पंप संचालक एसोसिएशन के मुताबिक एक्साइज ड्यूटी से जो नुकसान हुआ है उसे लेकर फाइनेंस मिनिस्टर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं. उनके सामने अपनी बात रखेंगे . पेट्रोल पंप संचालकों के साथ जो हर बार हो रहा है इसे दोहराया ना जाए. इससे बहुत अधिक नुकसान हो रहा है. लिहाजा डीलर्स के नुकसान को भी कंसीडर किया जाए. एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिल धखत के मुताबिक ''पेट्रोल पंप संचालकों की बहुत सारी समस्याएं हैं, ऐसा समझा जाता है कि पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से पेट्रोल पंप मालिक बहुत कमा लेते हैं. उनकी आमदनी बढ़ जाती है. यह वास्तविकता नहीं है वास्तविकता कुछ और है.
अब तक नहीं बढ़ा कमीशन : धगत के मुताबिक ''साल 2017 से लेकर अब तक पेट्रोल डीजल का दाम दोगुना हो चुका है. खर्च भी डबल हो चुके हैं. उस समय जो हम कर्मचारियों को तनख्वाह देते थे वह भी बढ़ गई है. लेकिन हमें दिया जाने वाला कमीशन आज तक वही है जो कमीशन साल 2017 में मिलता था. वही कमीशन आज भी पेट्रोल डीजल पर मिल रहा है. जबकि हमारी लागत डबल हो चुकी है. इस विषय पर ना तो कोई सोच रहा है और ना ही कोई बात करना चाहता है.''
क्या है पेट्रोल-डीजल की कीमत : केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty) घटा दी है. जिससे डीजल 7 रुपये और पेट्रोल 9 रुपये 50 पैसे सस्ता हो गया है. छत्तीसगढ़ में डीजल के दाम में 6 रुपये 90 पैसे से 7 रुपये 43 पैसे की कमी आई है. पेट्रोल में 8 रुपये 60 पैसे से 9 रुपये 16 रुपये की गिरावट आई है. तेल के दामों में एक्साइज ड्यूटी घटाने से आम लोगों को काफी राहत मिली है. केंद्र का दावा है कि इस एक्साइज ड्यूटी को कम करने से उन्हें लगभग एक लाख करोड़ का नुकसान होगा , वहीं राज्य सरकार भी दावा कर रही है कि इससे उन्हें लगभग 500 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा. इस बीच पेट्रोल पंप संचालकों के होने वाले नुकसान को लेकर न तो केंद्र सरकार ने कोई बयान जारी किया है, और ना ही राज्य सरकार ने ही इसे लेकर किसी तरह की बात की है.