रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव लगभग हर त्योहारों पर ग्रहण की तरह पड़ रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. कोरोना के प्रभाव को देखते हुए रायपुर के प्रसिद्ध जैतुसाव मठ में पिछले 200 सालों से चली आ रही परंपरा इस बार टूट गई है. दरअसल यहां भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने के लिए विशेष प्रकार के माल पुए बनाए जाते थे. साथ ही इसे भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता था. लेकिन यह परंपरा टूट गई है. इस बार भगवान को भोग लगाया जाएगा लेकिन प्रसाद के रूप में इसे श्रद्धालुओं को बांटा नहीं जाएगा.
भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने के लिए 21 मालपुए मंदिर प्रबंधन बनवा रहा है. हर साल की तरह भगवान को भोग लगाए जाएंगे. हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने आते थे. इस साल भगवान श्री कृष्ण के लिए विशेष तरीके का श्रृंगार किया जा रहा है. चांदी के झूले पर कमल के फूल से श्रृंगार किया जा रहा है. भगवान श्रीकृष्ण को जन्म उत्सव के बाद सजाया जाएगा.
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सावधानी से होंगे दर्शन
मंदिर के ट्रस्टी अजय तिवारी ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण का डर है, इसलिए सभी को मंदिर में प्रवेश भी नहीं दिया जा सकता. लेकिन जो भी कुछ श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे. उन्हें गाइडलाइन के तहत पहले उनके शरीर का तापमान चेक किया जाएगा. उन्हें सैनिटाइज किया जाएगा. उसके बाद तीन-तीन की संख्या में ही मंदिर में लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. ताकि वे भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर सकें.
प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेज, बरतनी होगी सावधानी
छ्त्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज है. आए दिन लगातार मरीजों की पहचान हो रही है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से गाइडलाइन भी जारी किए जा रहे हैं. मास्क वितरण से लेकर लापरवाहों के खिलाफ चालान की कार्रवाई भी की जा रही है. ऐसे में लोगों को भी एहतियात बरतने की जरूरत है. ताकि संक्रमण को रोका जा सके.