रायपुर: पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग अब छत्तीसगढ़ में भी उठने लगी है. इसे लेकर जहां एक ओर विभिन्न कर्मचारी संगठन राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं. तो वहीं दूसरी और विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की है. इस बीच सरकार इस विषय पर विचार कर निर्णय लेने का आश्वासन दे रही है.
तत्काल लागू की जाए पुरानी पेंशन योजना : विजय झा
प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग की है. तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा (State President of Third Class Employees Union Vijay Jha) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तत्काल पुरानी पेंशन योजना (pension scheme in Chhattisgarh ) को लागू किया जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की गई है. विजय झा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में जो पुरानी पेंशन योजना बंद की थी. अब कांग्रेस शासित राज्यों में इसे लागू करने की घोषणा की जा रही है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी अपील करता हूं कि यहां भी पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए.
छत्तीसगढ़ सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई अतिरिक्त भार : विजय झा
विजय झा ने कहा कि इस योजना के लागू किए जाने पर राज्य सरकार पर कोई भी आर्थिक बोझ नहीं आएगा. क्योंकि जो लोग 2004 के बाद नियुक्त हुए हैं. वह 2025-30 के बाद रिटायर होंगे. तब उनको पेंशन देना होगा. यह दूरगामी परिणाम होंगे. इसलिए कोई आर्थिक बोझ सरकार पर नहीं पड़ेगा. केवल ऐसे प्रकरण जिसमें 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी की या तो मृत्यु हो गई है या फिर किसी कारणवश उन्होंने शासकीय नौकरी से इस्तीफा दिया है. ऐसे केवल एक प्रतिशत कर्मचारी ही होंगे, जिनको पेंशन का लाभ देना पड़ेगा. अन्यथा इसके अलावा 20 साल तक पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर राज्य सरकार पर कोई भी अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा.
पेंशन कर्मचारियों का है हक : सुनील सोनी
भाजपा ने भी राज्य में शासकीय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग की है. लोकसभा सांसद सुनील सोनी (Lok Sabha MP Sunil Soni) ने कहा कि पेंशन कर्मचारियों का हक है. और राज्य सरकार को कर्मचारियों के हित में निर्णय लेते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए. इसके लिए आगामी बजट में प्रावधान किया जाए.
कर्ज चुकाने के लिए भी राज्य सरकार को लेना पड़ रहा है कर्ज : सुनील सोनी
वित्तीय आधार पर निर्णय लेने सीएम के दिए बयान पर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि वित्तीय स्थिति को खुद राज्य सरकार ने खराब किया है. इस सरकार में पैसे का सदुपयोग कम ओर दुरुपयोग ज्यादा हुआ है. सोनी ने कहा कि आलम यह है कि देश में इस राज्य ने इतना कर्ज ले लिया है कि अब ब्याज को चुकाने के लिए उसे फिर से कर्ज लेना पड़ रहा है.
वित्तीय स्थिति के आधार पर लिया जाएगा निर्णय : सीएम
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वित्तीय स्थिति जैसी होगी उसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा.
पेंशन पर राजनीति, जानें पुरानी पेंशन व्यवस्था से कितनी अलग है नई व्यवस्था
क्या है पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme in chhattisgarh)
• जीपीएफ की सुविधा नहीं है
• पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं
• रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानि अंतिम वेतन का 50 फ़ीसदी गारंटी
• पूरी पेंशन सरकार देती है
• रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में 16.5 माह का वेतन
• सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा जो सातवें वेतन आयोग में 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी है
• सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी
• हर छह माह बाद महंगाई भत्ता जीपीएस से लोन लेने की सुविधा
• जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं
• रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति
क्या है नई पेंशन योजना (new pension scheme in chhattisgarh)
• जीपीएस की सुविधा नहीं
• वेतन से प्रतिमाह 10 फीसदी कटौती
• निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं यह पूरी तरह शेयर बाजार में बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी
• नई पेंशन बीमा कंपनी देगी यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा
• रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी
• पारिवारिक पेंशन खत्म
• लोन की कोई सुविधा नहीं (विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है
• रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसदी राशि वापस मिलेगी उस पर आयकर लगेगा
• नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर आधारित होगी जो जोखिम पूर्ण है
• महंगाई का वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा
बहरहाल कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारी लगातार राज्य सरकार पर पुरानी पेंशन योजना को लागू किए जाने के लिए दबाव बना रहे हैं. कर्मचारियों के साथ अब विपक्ष में बैठी भाजपा भी आ खड़ी हुई है. भाजपा ने भी कर्मचारियों की मांग को जायज ठहराते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने राज्य सरकार से मांग की है.
अब देखने वाली बात है कि इस मांग को छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार (bhupesh government of chhattisgarh) कब तक पूरी करती है या फिर छत्तीसगढ़ में नई पेंशन योजना ही लागू रहेगी. निर्णय जो भी हो लेकिन जब तक इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता. तब तक यह विवाद लगातार जारी रहेगा.