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सीएम भूपेश से तालाब और पोखरों की सफाई कराने की मांग - सीएम भूपेश से तालाब और पोखरों की सफाई कराने की मांग

पितृपक्ष के मौके पर तालाबों और पोखरों को साफ करने की मांग सीएम भूपेश बघेल से हुई है.

Demand for cleaning of ponds and puddles from CM Bhupesh for Pitru Paksha
पितृपक्ष के लिए सीएम भूपेश से तालाब और पोखरों की सफाई कराने की मांग
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Published : Aug 19, 2022, 2:40 PM IST

Updated : Aug 19, 2022, 6:25 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल (Chhattisgarh Labour Welfare Board) सदस्य मनोज सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) को पत्र लिखकर कहा कि पितृपक्ष में अपने पितरगणों के निमित्त तर्पण, तिलांजलि श्राद्ध, पिण्दान आदि कर्म हिंदू वैदिक धर्मानुसार प्रत्येक पुत्रों ,पौत्रों को किए जाने का विधान है.श्राद्ध में पितरों को आशा रहती है कि उनके पुत्र-पौत्रादि उन्हें पिण्ड दान और तिलांजलि प्रदान कर संतुष्ट करेंगे. इसी आशा के साथ वे पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं.जिसके लिए सभी हिंदू अपने पित्रगण की प्रसन्नता एवं अपने धार्मिक कर्तव्य की पूर्ति के लिए तालाबों नदियों एवं पोखरों में जाकर अपने पितरों का श्रद्धा पूर्वक तर्पण, तिलांजलि श्राद्ध कर्म करते (Demand for cleaning of ponds and puddles from CM Bhupesh for Pitru Paksha) हैं .

सीएम भूपेश से तालाब और पोखरों की सफाई कराने की मांग


तालाबों की सफाई कराने की मांग : छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के सदस्य मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि "सामान्य तीज त्योहारों एवं पूजन के लिए जनता के धार्मिक भावनाओं के अनुकूल शासन द्वारा नदी तालाबों की सफाई कर व्यवस्था की जाती है.लेकिन पितर पक्ष अमावस्या जैसे पावन पर्व को अनदेखा किया जाता रहा है, जिससे हिंदू धर्मावलंबियों और पित्र पक्ष में तर्पण करने वालों की आस्था को ठेस पहुंचती है. अव्यवस्था के कारण उन्हे अपने पुत्र धर्म का पालन कर पूर्वजों के निमित्त उक्त धार्मिक संस्कार करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है."



कब शुरु होगा पितृपक्ष : छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के सदस्य मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि "पितृपक्ष जो इस वर्ष 10 सितंबर 2022 भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन मास अमावस्या 25 सितंबर 2022 तक है. जिसमें पितृगण निमित्त उचित श्राद्ध, तर्पण एवं तिलांजलि की व्यवस्था करने पर पितृगणों की तो प्रसन्न प्राप्त होगी. साथ ही हिंदू धर्मावलंबीगण और पितृ तर्पण करने वाले सभी व्यक्ति शासन के प्रति आभारी रहेंगे.पितृपक्ष के 15 दिन पितरों के तर्पण श्राद्ध एवं अन्य संस्कारों के लिए छत्तीसगढ़ के सभी तालाबों पोखरों एवं नदियों में व्यवस्था कराई जाए और पूर्ण सफाई कराई जाए. ताकि हिंदू धर्मावलंबी अपने पुत्र धर्म का पालन कर तर्पण कर पित्र ऋण से उऋण हो अपने धर्म का पालन कर सकें."

रायपुर : छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल (Chhattisgarh Labour Welfare Board) सदस्य मनोज सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) को पत्र लिखकर कहा कि पितृपक्ष में अपने पितरगणों के निमित्त तर्पण, तिलांजलि श्राद्ध, पिण्दान आदि कर्म हिंदू वैदिक धर्मानुसार प्रत्येक पुत्रों ,पौत्रों को किए जाने का विधान है.श्राद्ध में पितरों को आशा रहती है कि उनके पुत्र-पौत्रादि उन्हें पिण्ड दान और तिलांजलि प्रदान कर संतुष्ट करेंगे. इसी आशा के साथ वे पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं.जिसके लिए सभी हिंदू अपने पित्रगण की प्रसन्नता एवं अपने धार्मिक कर्तव्य की पूर्ति के लिए तालाबों नदियों एवं पोखरों में जाकर अपने पितरों का श्रद्धा पूर्वक तर्पण, तिलांजलि श्राद्ध कर्म करते (Demand for cleaning of ponds and puddles from CM Bhupesh for Pitru Paksha) हैं .

सीएम भूपेश से तालाब और पोखरों की सफाई कराने की मांग


तालाबों की सफाई कराने की मांग : छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के सदस्य मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि "सामान्य तीज त्योहारों एवं पूजन के लिए जनता के धार्मिक भावनाओं के अनुकूल शासन द्वारा नदी तालाबों की सफाई कर व्यवस्था की जाती है.लेकिन पितर पक्ष अमावस्या जैसे पावन पर्व को अनदेखा किया जाता रहा है, जिससे हिंदू धर्मावलंबियों और पित्र पक्ष में तर्पण करने वालों की आस्था को ठेस पहुंचती है. अव्यवस्था के कारण उन्हे अपने पुत्र धर्म का पालन कर पूर्वजों के निमित्त उक्त धार्मिक संस्कार करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है."



कब शुरु होगा पितृपक्ष : छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के सदस्य मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि "पितृपक्ष जो इस वर्ष 10 सितंबर 2022 भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन मास अमावस्या 25 सितंबर 2022 तक है. जिसमें पितृगण निमित्त उचित श्राद्ध, तर्पण एवं तिलांजलि की व्यवस्था करने पर पितृगणों की तो प्रसन्न प्राप्त होगी. साथ ही हिंदू धर्मावलंबीगण और पितृ तर्पण करने वाले सभी व्यक्ति शासन के प्रति आभारी रहेंगे.पितृपक्ष के 15 दिन पितरों के तर्पण श्राद्ध एवं अन्य संस्कारों के लिए छत्तीसगढ़ के सभी तालाबों पोखरों एवं नदियों में व्यवस्था कराई जाए और पूर्ण सफाई कराई जाए. ताकि हिंदू धर्मावलंबी अपने पुत्र धर्म का पालन कर तर्पण कर पित्र ऋण से उऋण हो अपने धर्म का पालन कर सकें."

Last Updated : Aug 19, 2022, 6:25 PM IST
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