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कोरोना काल में भी नहीं घटा आपराधिक ग्राफ, एनसीआरबी की रिपोर्ट में खुलासा

कोरोना संक्रमण (corona infection) के दौरान अन्य राज्यों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी लगातार लाॅकडाउन (lockdown) की घोषणा की जाती रही. लेकिन आप को यह जानकर काफी हैरानी होगी कि इस लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में अपराध के मामलों (crime cases) ने पिछले सारे रिकाॅर्ड (all records) को तोड़ दिया. इसका खुलासा अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी रिपोर्ट (Report) में हुआ है.

Criminal graph did not decrease even during Corona period, disclosed in NCRB report
कोरोना काल में भी नहीं घटा आपराधिक ग्राफ, एनसीआरबी की रिपोर्ट में खुलासा
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Published : Sep 15, 2021, 10:42 PM IST

रायपुरः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने बुधवार को राज्यों में अपराध (Crime) से संबंधित अपनी रिपोर्ट (Report) जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमण (corona infection) और लाॅकडाउन (lockdown) के बावजूद भी राज्य में अपराधिक गतिविधियों (criminal activities) में कोई कमी नहीं आई. आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2019 के सापेक्ष 2020 में 3, 960 आपराधिक मामले अधिक सामने आए.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में साल 2018 में 60178 और इसके अगले साल 2019 में 1078 मामलों की बढ़ोत्तरी के साथ कुल 61256 मामले दर्ज किए गए थे. लेकिन इसी के अगले साल यानी वर्ष 2020 में राज्य भर में 65216 आपराधिक मामले दर्ज किए गए.


2020 में राज्य में हुए अपराध पर एक नजरः

दहेज हत्या 71
हत्या 901
हिट एंड रन के मामले 1749
महिला हिंसा 1187
बलात्कार 1210
बलात्कार की कोशिश 118
चोरी 2987
लूट 498
डकैती 84
धोखाधड़ी 362

साल भर तक अपराध से कराहता रहा पूरा प्रदेश

देखा जाय तो एनसीआरबी की आपराधिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ महिलाओं से हिंसा (violence against women), बलात्कार (rape), हत्या (the killing), लूट (booty), चोरी (Theft), डकैती (Robbery), धाेखाधड़ी (Fraud) आदि आपराधिक वारदातों (criminal offenses) के बोझ तले कराहता रहा. एक तरफ सरकार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर समय-समय पर लाॅकडाउन की घोषणा करती रही. लोग घरों में कैद थे. सड़कों पर आवागमन बंद था. इधर, दुनिया में संलिप्त अपराधी बेखौफ (criminal fearless) अपराधों को अंजाम देते रहे. राज्य में एक ही साल में बढे़ अपराध के ग्राफ बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में अपराधियों का मनोबल किस कदर बढ़ा हुआ है और पुलिस प्रशासन (police administration) इस पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है.

रायपुरः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने बुधवार को राज्यों में अपराध (Crime) से संबंधित अपनी रिपोर्ट (Report) जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमण (corona infection) और लाॅकडाउन (lockdown) के बावजूद भी राज्य में अपराधिक गतिविधियों (criminal activities) में कोई कमी नहीं आई. आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2019 के सापेक्ष 2020 में 3, 960 आपराधिक मामले अधिक सामने आए.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में साल 2018 में 60178 और इसके अगले साल 2019 में 1078 मामलों की बढ़ोत्तरी के साथ कुल 61256 मामले दर्ज किए गए थे. लेकिन इसी के अगले साल यानी वर्ष 2020 में राज्य भर में 65216 आपराधिक मामले दर्ज किए गए.


2020 में राज्य में हुए अपराध पर एक नजरः

दहेज हत्या 71
हत्या 901
हिट एंड रन के मामले 1749
महिला हिंसा 1187
बलात्कार 1210
बलात्कार की कोशिश 118
चोरी 2987
लूट 498
डकैती 84
धोखाधड़ी 362

साल भर तक अपराध से कराहता रहा पूरा प्रदेश

देखा जाय तो एनसीआरबी की आपराधिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ महिलाओं से हिंसा (violence against women), बलात्कार (rape), हत्या (the killing), लूट (booty), चोरी (Theft), डकैती (Robbery), धाेखाधड़ी (Fraud) आदि आपराधिक वारदातों (criminal offenses) के बोझ तले कराहता रहा. एक तरफ सरकार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर समय-समय पर लाॅकडाउन की घोषणा करती रही. लोग घरों में कैद थे. सड़कों पर आवागमन बंद था. इधर, दुनिया में संलिप्त अपराधी बेखौफ (criminal fearless) अपराधों को अंजाम देते रहे. राज्य में एक ही साल में बढे़ अपराध के ग्राफ बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में अपराधियों का मनोबल किस कदर बढ़ा हुआ है और पुलिस प्रशासन (police administration) इस पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है.

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