रायपुरः छत्तीसगढ़ में 'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' 27 से 31 जनवरी तक मनाया जाएगा. जबकि 12 से 14 जनवरी के बीच राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन होगा. सरकार के इस लापरवाही पर विपक्ष ने करारा प्रहार किया है. जबकि समाज के प्रबुद्ध वर्ग से भी आवाज आ रही है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर के बीच इस तरह का आयोजन लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ का प्रयास होगा.
छत्तीसगढ़ में कोरोना ने अपना भयावह रूप लेना शुरू कर दिया है. बिलासपुर में ओमीक्रोन का भी मरीज मिल चुका है. कई जिलों में पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं. कार्यक्रमों के आयोजन पर या तो रोक या फिर लोगों की संख्या का निर्धारण कर दिया गया है. इसी बीच राज्य के दो बड़े आयोजन इन्वेस्टर मीट और राष्ट्रीय युवा महोत्सव को लेकर अभी तक रोक पर किसी तरह का गाइडलाइन जारी नहीं है.
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दूसरे देशों के भी पहुचेंगे व्यापारी
कार्यक्रम में देश-विदेश से उद्योगपति, व्यापारी और इससे जुड़े लोग छत्तीसगढ़ पहुचेंगे. सरकार का मानना है कि इन्वेस्टर मीट से छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिलेगा. विकास और उन्नति की बयार बहेगी. लेकिन कोरोना के तीसरी लहर के बीच कार्यक्रम के आयोजन ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि पूर्व में भी कांग्रेस सरकार ने कोरोना के दौरान क्रिकेट मैच का आयोजन करवाया. उस दौर में भी प्रदेश में जनता की जान को खतरे में डाल दिया गया. आयोजन के बाद कोरोना तेजी से फैला था. प्रदेश में भयावह स्थिति निर्मित हो गई थी. एक बार फिर सरकार उसी तरह की घटना की पुनरावृत्ति करने जा रही है. इन्वेस्टर मीट में देश-विदेश के लोग शामिल होंगे. इससे कोरोना के बढ़ने की संभावना है. युवा महोत्सव से भी कोरोना बढ़ सकता है.
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सरकार उठा रही सभी एहतियाती कदम
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने सफाई दिया कि कोरोना को देखते हुए सरकार के द्वारा सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं. कोरोना से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार किया जा रहा है. सरकार ने पहले ही कुछ आयोजनों पर रोक लगा दी है. इन दोनों आयोजनों में समय है. इसलिए इस पर निर्णय नहीं लिया गया है. आयोजन को अभी समय है. उस समय कोरोना क्या स्थिति होगी, उसके बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा.
डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अगर इस तरह के आयोजन होते हैं तो इन हालातों में इसके दुष्परिणाम लोगों को भुगतने पड़ सकते हैं. हालांकि डॉक्टरों का यह भी कहना है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए यदि आयोजन होता है और उसमें सतर्कता बरती जाती है तो उससे कोरोना फैलने की संभावना कम है. बावजूद इसके डॉक्टर सभी बड़े आयोजनों को रद्द करने की सलाह भी दे रहे हैं.
सरकार पहले भी देख चुकी है भयावहता की तस्वीर
वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि पिछली बार भी राज्य सरकार के द्वारा कोरोना गाइडलाइन को दरकिनार किया गया. क्रिकेट मैच का आयोजन कराया गया. नतीजा, छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति हुई, किसी से छिपा नहीं है. युवा महोत्सव और इन्वेस्टर मीट आयोजित होगा तो गाहे-बगाहे उसके दुष्परिणाम भी प्रदेश की जनता को भुगतने पड़ सकते हैं.
पूर्व में आयोजित क्रिकेट मैच की वजह से प्रदेश में कोरोना विस्फोट हुआ था. जिसके बाद उससे निपटने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के पसीने छूट गए थे. अस्पतालों में भर्ती होने के लिए बेड नहीं थे. ऑक्सीजन की दिक्कतें देखी गईं. इसके अलावा अन्य प्रकार की परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ा. आलम यह था कि आधिकतर परिवार या उसके जान पहचान में किसी न किसी व्यक्ति की मृत्यु कोरोना से हुई थी. इस भयावह स्थिति के बाद अब एक बार फिर प्रदेश में कोरोना धीरे-धीरे अपने पैर फैलाने शुरू कर दिया है.