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SPECIAL: मौतों के आंकड़े कम, स्वस्थ हो रहे मरीज, इस तरह कोरोना से लड़ रहा छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग लगातार कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटा हुआ है. विभाग ने कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए शुरू से ही तैयारियां कर ली थी और इसका ही नतीजा है कि प्रदेश में तेजी से मरीज ठीक हो रहे हैं.

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Published : Jul 9, 2020, 9:27 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 4:54 PM IST

Covid-19 Testing Center
कोरोना से लड़ता छत्तीसगढ़

रायपुर: छत्तीसगढ़ में जितनी तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से संक्रमित स्वस्थ भी हो रहे हैं .राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 35 सौ पार हो चुका है. लेकिन सुकून की बात ये है कि संक्रमण से मौत के आंकड़े स्थिर हैं. प्रदेश में कोविड- 19 महामारी ने 15 लोगों की जान ली है, वहीं 28 सौ से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ में अचानक कोरोना संक्रमितों बढ़े हैं. स्वास्थ्य विभाग लगातार मरीजों के उपचार के लिए बेहतर उपाय कर रहा है. कई जिलों में कोविड-19 हॉस्पिटल हैं, जिन्हें टेलीमेडिसिन सेंटर से लगातार निर्देश भी मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग मरीजों को स्वस्थ करने में सफल हो रहा है.

इस तरह कोरोना से लड़ रहा छत्तीसगढ़

स्वास्थ्य मंत्री ने 8 जुलाई को ट्वीट किया है और जानकारी दी है कि 0.4% मृत्यु दर के साथ, छत्तीसगढ़ देश में कोरोना में जंग लड़ रहा है. शुरू से ही की गई व्यवस्था की वजह से छत्तीसगढ़ लड़ रहा है और जीतेगा.

छत्तीसगढ़ में जल्द दौड़ेगी मोबाइल लेबोरेटरी वैन, आधे घंटे में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मिलने का दावा

ETV भारत ने कोविड 19 के नोडल अधिकारी आर के पंडा से संक्रमितों के उपचार के तरीकों के विषय में बात की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने भी केस आए हैं सभी एसिंप्टोमेटिक बताए जा रहे हैं. नोडल अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग सभी मरीज एसिंप्टोमेटिक ही हैं. ऐसे मरीजों में सर्दी-बुखार जैसी लक्षण होते है. कुछ मरीजों में लक्षण भी नहीं पाए गए हैं. ट्रैवल हिस्ट्री के जरिए जल्द ही मरीजों का पता लगा लिया जाता है. डॉक्टर पंडा ने बताया कि पेशेंट का जल्द ही पता लगने से उपचार में काफी फायदा मिलता है. छत्तीसगढ़ में लगभग मरीज शुरुआती सिम्टम्स वाले हैं, जिन्हेंं जल्द इलाज मिल जाता है और वे स्वस्थ होकर घर लौट जाते हैं.

  • With 0.4% death rate, which is one of the lowest in the country, Chhattisgarh has taken the fight against Covid19 head on with timely interventions.

    Sharing our journey of the battle against Corona. It's still a long road ahead, but we will win! pic.twitter.com/kGKH2YfZBb

    — TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) July 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'इलाज के लिए ICMR की गाइडलाइंस कर रहे फॉलो'

डॉक्टर पंडा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मरीजों के इलाज के लिए ICMR की गाइडलाइंस फॉलो की जा रही है. सभी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए मरीजों को दवा दी जा रही है. इसमें माइल्ड और एसिंप्टोमेटिक मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, विटामिन सी और जिंक की दवा दी जाती है. इसके अलावा सिम्प्टोमेटिक मरीजों को एंटीबायोटिक दी जाती है.

हाईरिस्क पेशेंट का रखा जाता है विशेष ध्यान

गर्भवती महिलाएं, 65 से अधिक उम्र के बुजुर्ग, हार्ट, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य बीमारियों के ग्रसित मरीजों को हाई रिस्क पेशेंट के लिस्ट में रखा गया है. इनका वाइटल किया जाता है हालांकि सभी कोरो नावायरस संक्रमित मरीजों का वाइटल रोजाना लिया जाता है. लेकिन इन पर विशेष ध्यान दिया जाता है. ऐसे मरीजों का ऑक्सीजन और टेंपरेचर तीन से चार बार टेस्ट किया जाता है. इनमें और आम मरीजों में ज्यादा फर्क नहीं है. बस इनका ख्याल ज्यादा रखा जाता है और ऐसे मरीजों को हाई प्रोटीन डाइट दी जाती है.

बच्चों के लिए बरतते हैं सतर्कता

डॉक्टर पंडा ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को कोई ट्रीटमेंट देने का प्रावधान नहीं है. ऐसे बच्चों को विटामिन और जिंक की दवा दी जाती है. साथ ही बच्चों के खान-पान का ध्यान रखा जाता है. 5 साल के ऊपर बच्चों को वजन के हिसाब से दवाई दी जाती है.

स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाती है ट्रेनिंग

स्वाथ्यकर्मी संक्रमितों के सबसे नजदीक होते हैं. ऐसे में उन्हें PPE किट की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें किट को कैसे पहना जाता है और उसे उतारते समय किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए ये बताया जाता है. स्वास्थ्यकर्मियों को वार्ड से बाहर आने के बाद सावधानी से PPE किट को उतारने और उसके बाद तुरंत नहाने कहा जाता है. इससे संक्रमण का खतरा नहीं होता है.

पेशेंट की डाइट का रखा जाता है विशेष ख्याल

पेशेंट को वो खाना दिया जाता है, जो आसानी से पच जाए. मरीजों को हाई प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ बाकी मिनरल भी बराबर दिए जाते हैं. इसके लिए डाइटीशियन रखे गए हैं, जो मरीजों के खाने का विशेष ध्यान रखते हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में जितनी तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से संक्रमित स्वस्थ भी हो रहे हैं .राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 35 सौ पार हो चुका है. लेकिन सुकून की बात ये है कि संक्रमण से मौत के आंकड़े स्थिर हैं. प्रदेश में कोविड- 19 महामारी ने 15 लोगों की जान ली है, वहीं 28 सौ से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ में अचानक कोरोना संक्रमितों बढ़े हैं. स्वास्थ्य विभाग लगातार मरीजों के उपचार के लिए बेहतर उपाय कर रहा है. कई जिलों में कोविड-19 हॉस्पिटल हैं, जिन्हें टेलीमेडिसिन सेंटर से लगातार निर्देश भी मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग मरीजों को स्वस्थ करने में सफल हो रहा है.

इस तरह कोरोना से लड़ रहा छत्तीसगढ़

स्वास्थ्य मंत्री ने 8 जुलाई को ट्वीट किया है और जानकारी दी है कि 0.4% मृत्यु दर के साथ, छत्तीसगढ़ देश में कोरोना में जंग लड़ रहा है. शुरू से ही की गई व्यवस्था की वजह से छत्तीसगढ़ लड़ रहा है और जीतेगा.

छत्तीसगढ़ में जल्द दौड़ेगी मोबाइल लेबोरेटरी वैन, आधे घंटे में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मिलने का दावा

ETV भारत ने कोविड 19 के नोडल अधिकारी आर के पंडा से संक्रमितों के उपचार के तरीकों के विषय में बात की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने भी केस आए हैं सभी एसिंप्टोमेटिक बताए जा रहे हैं. नोडल अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग सभी मरीज एसिंप्टोमेटिक ही हैं. ऐसे मरीजों में सर्दी-बुखार जैसी लक्षण होते है. कुछ मरीजों में लक्षण भी नहीं पाए गए हैं. ट्रैवल हिस्ट्री के जरिए जल्द ही मरीजों का पता लगा लिया जाता है. डॉक्टर पंडा ने बताया कि पेशेंट का जल्द ही पता लगने से उपचार में काफी फायदा मिलता है. छत्तीसगढ़ में लगभग मरीज शुरुआती सिम्टम्स वाले हैं, जिन्हेंं जल्द इलाज मिल जाता है और वे स्वस्थ होकर घर लौट जाते हैं.

  • With 0.4% death rate, which is one of the lowest in the country, Chhattisgarh has taken the fight against Covid19 head on with timely interventions.

    Sharing our journey of the battle against Corona. It's still a long road ahead, but we will win! pic.twitter.com/kGKH2YfZBb

    — TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) July 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'इलाज के लिए ICMR की गाइडलाइंस कर रहे फॉलो'

डॉक्टर पंडा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मरीजों के इलाज के लिए ICMR की गाइडलाइंस फॉलो की जा रही है. सभी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए मरीजों को दवा दी जा रही है. इसमें माइल्ड और एसिंप्टोमेटिक मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, विटामिन सी और जिंक की दवा दी जाती है. इसके अलावा सिम्प्टोमेटिक मरीजों को एंटीबायोटिक दी जाती है.

हाईरिस्क पेशेंट का रखा जाता है विशेष ध्यान

गर्भवती महिलाएं, 65 से अधिक उम्र के बुजुर्ग, हार्ट, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य बीमारियों के ग्रसित मरीजों को हाई रिस्क पेशेंट के लिस्ट में रखा गया है. इनका वाइटल किया जाता है हालांकि सभी कोरो नावायरस संक्रमित मरीजों का वाइटल रोजाना लिया जाता है. लेकिन इन पर विशेष ध्यान दिया जाता है. ऐसे मरीजों का ऑक्सीजन और टेंपरेचर तीन से चार बार टेस्ट किया जाता है. इनमें और आम मरीजों में ज्यादा फर्क नहीं है. बस इनका ख्याल ज्यादा रखा जाता है और ऐसे मरीजों को हाई प्रोटीन डाइट दी जाती है.

बच्चों के लिए बरतते हैं सतर्कता

डॉक्टर पंडा ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को कोई ट्रीटमेंट देने का प्रावधान नहीं है. ऐसे बच्चों को विटामिन और जिंक की दवा दी जाती है. साथ ही बच्चों के खान-पान का ध्यान रखा जाता है. 5 साल के ऊपर बच्चों को वजन के हिसाब से दवाई दी जाती है.

स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाती है ट्रेनिंग

स्वाथ्यकर्मी संक्रमितों के सबसे नजदीक होते हैं. ऐसे में उन्हें PPE किट की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें किट को कैसे पहना जाता है और उसे उतारते समय किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए ये बताया जाता है. स्वास्थ्यकर्मियों को वार्ड से बाहर आने के बाद सावधानी से PPE किट को उतारने और उसके बाद तुरंत नहाने कहा जाता है. इससे संक्रमण का खतरा नहीं होता है.

पेशेंट की डाइट का रखा जाता है विशेष ख्याल

पेशेंट को वो खाना दिया जाता है, जो आसानी से पच जाए. मरीजों को हाई प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ बाकी मिनरल भी बराबर दिए जाते हैं. इसके लिए डाइटीशियन रखे गए हैं, जो मरीजों के खाने का विशेष ध्यान रखते हैं.

Last Updated : Jul 16, 2020, 4:54 PM IST
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