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जवाहर बाल मंच से फतह होगा कांग्रेस का मिशन 2023, कहीं यह संघ की शाखा का सियासी तोड़ तो नहीं !

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Published : Jul 11, 2021, 11:51 AM IST

Updated : Jul 11, 2021, 4:40 PM IST

कांग्रेस ने जवाहर बाल मंच (Jawahar Bal Manch) का गठन छत्तीसगढ़ में किया है. इसकी शुरुआत के साथ ही छत्तीसगढ़ में सियासी पाढ़ा चढ़ गया है. बीजेपी इसे संघ (RSS) का नकल बता रही है तो कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़े किए हैं. आखिर यह जवाहर मंच क्या है. कैसे इसके गठन से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सियासी फायदा मिल सकता है.

Jawahar Bal Manch
जवाहर बाल मंच पर सियासत

रायपुर: मिशन 2023 (Congress Mission 2023) की लड़ाई में कांग्रेस ने कमर कस ली है. जिस तरह संघ के कैडर से बीजेपी को मजबूती मिलती है ठीक उसी तर्ज पर कांग्रेस ने एक नया संगठन बनाया है उससे किशोरों और युवा वर्ग को जोड़ने का काम किया जा रहा है. इस मंच का नाम है जवाहर बाल मंच (Congress Jawahar Bal Manch). जिसका गठन कांग्रेस की तरफ से किया गया है. इसके सहारे कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में अपने कैडर को मजबूत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. लगातार इस मुहिम को गति दी जा रही है.

जवाहर बाल मंच पर सियासत

'10 से 17 साल की आयु वर्ग के बच्चों को बनाया जाता है सदस्य'

इस मंच में 10 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों को जोड़ा जा रहा है. मंच के द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. कई अभियान चलाए जाते हैं. जैसे वृक्षारोपण करना, महिला सशक्तिकरण को लेकर जागरूक करना, वंदे मातरम का गायन. इन अभियानों के माध्यम से जवाहर बाल मंच ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ने की पहल कर रहा है. युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी (Coco Padhi) ने बताया कि इस संगठन का नाम 'जवाहर बाल मंच' (Congress Jawahar Bal Manch). रखा गया है. पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों से काफी प्रेम करते थे. इसलिए इस मंच का नाम जवाहर बाल मंच रखा गया.

'15 से 17 साल तक के बच्चों पर कांग्रेस की नजर'

जवाहर बाल मंच का 15 से 17 साल तक के बच्चों पर ज्यादा फोकस है. क्योंकि 2023-24 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं और उस दौरान 15 से 17 साल के बच्चे बालिग हो जाएंगे और वह पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. ऐसे में अभी से कांग्रेस उन्हें अपनी रीति-नीति से अवगत कराने में जुटी है. जिससे मताधिकार के प्रति उनका झुकाव अभी से हो जाए और कांग्रेस को उसका फायदा मिले.

'बच्चों को गांधी और नेहरू की विचारधारा से जोड़ने की तरकीब'

हालांकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह इस मंच के जरिए बच्चों को गांधी और नेहरू की विचारधारा (Gandhi and Nehru ideology) से जोड़ने का काम किया जा रहा है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) का कहना है कि, गांधी और नेहरू की विचारधारा से देश को आजादी मिली. ऐसे में इस विरासत से बच्चों को पहचान कराने की कोशिश की जा रही है. इसलिए इस संगठन की शुरुआत की गई है. यह मूल रूप से देश की सकारात्मक विचारधारा की लड़ाई है.

संघ से प्रभावित है कांग्रेस, पिछले दरवाजे से बनाया 'जवाहर बाल मंच'-बीजेपी

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) का कहना है कि कांग्रेस पार्टी आज पूरे देश में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. हर प्रदेश में इस पार्टी को नकारा गया है. इस पार्टी की अपनी विचारधारा और रीति नीति नहीं बची है. इसलिए यह पार्टी दूसरों की कार्य योजना, विजन और एजेंडो को अपना रही है. दूसरे पार्टी की नकल करने का काम कांग्रेस कर रही है. जिस तरीके से जवाहर बाल मंच का निर्माण किया गया है. वह इस बात का सूचक है कि, कहीं ना कहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कांग्रेस प्रभावित है , और पीछे दरवाजे से हमारी योजनाओं की नकल कांग्रेस कर रही है.

धर्म की परिभाषा पर संघ का हिंदुत्व खरा नहीं उतरता-कांग्रेस

भाजपा के इन आरोपों को कांग्रेस सिरे से खारिज कर रही है. शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) का कहना है कि, आरएसएस से गांधी-नेहरू की विचारधारा की कोई तुलना नहीं की जा सकती है. संघ की विचारधारा हिंदू धर्म भी नहीं है, हिंदू धर्म सबको जोड़ने वाला धर्म है. इनकी विचारधारा सावरकर की विचारधारा है. धर्म तो जोड़ने का काम करता है. ऐसे में संघ की हिंदुत्व की परिभाषा सही नहीं है.

जवाहर बाल मंच के द्वारा शाखा या फिर कोई वृहद रूप में सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन तो नहीं किया जाता. लेकिन पार्टी की गतिविधियों रीति-नीति से जरूर इन बच्चों को समय-समय पर अवगत कराया जा रहा है. ऐसे में देखना होगा कि मिशन 2023 की जंग में कांग्रेस को इससे कितना फायदा मिलता है.

रायपुर: मिशन 2023 (Congress Mission 2023) की लड़ाई में कांग्रेस ने कमर कस ली है. जिस तरह संघ के कैडर से बीजेपी को मजबूती मिलती है ठीक उसी तर्ज पर कांग्रेस ने एक नया संगठन बनाया है उससे किशोरों और युवा वर्ग को जोड़ने का काम किया जा रहा है. इस मंच का नाम है जवाहर बाल मंच (Congress Jawahar Bal Manch). जिसका गठन कांग्रेस की तरफ से किया गया है. इसके सहारे कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में अपने कैडर को मजबूत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. लगातार इस मुहिम को गति दी जा रही है.

जवाहर बाल मंच पर सियासत

'10 से 17 साल की आयु वर्ग के बच्चों को बनाया जाता है सदस्य'

इस मंच में 10 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों को जोड़ा जा रहा है. मंच के द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. कई अभियान चलाए जाते हैं. जैसे वृक्षारोपण करना, महिला सशक्तिकरण को लेकर जागरूक करना, वंदे मातरम का गायन. इन अभियानों के माध्यम से जवाहर बाल मंच ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ने की पहल कर रहा है. युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी (Coco Padhi) ने बताया कि इस संगठन का नाम 'जवाहर बाल मंच' (Congress Jawahar Bal Manch). रखा गया है. पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों से काफी प्रेम करते थे. इसलिए इस मंच का नाम जवाहर बाल मंच रखा गया.

'15 से 17 साल तक के बच्चों पर कांग्रेस की नजर'

जवाहर बाल मंच का 15 से 17 साल तक के बच्चों पर ज्यादा फोकस है. क्योंकि 2023-24 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं और उस दौरान 15 से 17 साल के बच्चे बालिग हो जाएंगे और वह पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. ऐसे में अभी से कांग्रेस उन्हें अपनी रीति-नीति से अवगत कराने में जुटी है. जिससे मताधिकार के प्रति उनका झुकाव अभी से हो जाए और कांग्रेस को उसका फायदा मिले.

'बच्चों को गांधी और नेहरू की विचारधारा से जोड़ने की तरकीब'

हालांकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह इस मंच के जरिए बच्चों को गांधी और नेहरू की विचारधारा (Gandhi and Nehru ideology) से जोड़ने का काम किया जा रहा है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) का कहना है कि, गांधी और नेहरू की विचारधारा से देश को आजादी मिली. ऐसे में इस विरासत से बच्चों को पहचान कराने की कोशिश की जा रही है. इसलिए इस संगठन की शुरुआत की गई है. यह मूल रूप से देश की सकारात्मक विचारधारा की लड़ाई है.

संघ से प्रभावित है कांग्रेस, पिछले दरवाजे से बनाया 'जवाहर बाल मंच'-बीजेपी

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) का कहना है कि कांग्रेस पार्टी आज पूरे देश में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. हर प्रदेश में इस पार्टी को नकारा गया है. इस पार्टी की अपनी विचारधारा और रीति नीति नहीं बची है. इसलिए यह पार्टी दूसरों की कार्य योजना, विजन और एजेंडो को अपना रही है. दूसरे पार्टी की नकल करने का काम कांग्रेस कर रही है. जिस तरीके से जवाहर बाल मंच का निर्माण किया गया है. वह इस बात का सूचक है कि, कहीं ना कहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कांग्रेस प्रभावित है , और पीछे दरवाजे से हमारी योजनाओं की नकल कांग्रेस कर रही है.

धर्म की परिभाषा पर संघ का हिंदुत्व खरा नहीं उतरता-कांग्रेस

भाजपा के इन आरोपों को कांग्रेस सिरे से खारिज कर रही है. शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) का कहना है कि, आरएसएस से गांधी-नेहरू की विचारधारा की कोई तुलना नहीं की जा सकती है. संघ की विचारधारा हिंदू धर्म भी नहीं है, हिंदू धर्म सबको जोड़ने वाला धर्म है. इनकी विचारधारा सावरकर की विचारधारा है. धर्म तो जोड़ने का काम करता है. ऐसे में संघ की हिंदुत्व की परिभाषा सही नहीं है.

जवाहर बाल मंच के द्वारा शाखा या फिर कोई वृहद रूप में सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन तो नहीं किया जाता. लेकिन पार्टी की गतिविधियों रीति-नीति से जरूर इन बच्चों को समय-समय पर अवगत कराया जा रहा है. ऐसे में देखना होगा कि मिशन 2023 की जंग में कांग्रेस को इससे कितना फायदा मिलता है.

Last Updated : Jul 11, 2021, 4:40 PM IST
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